Andra Pradesh: विशाखापट्टनम भाग्य का शहर, जानें शहर से जुड़ी रोचक जानकारी

Andra Pradesh: विशाखापट्टनम आंध्र प्रदेश का सबसे बड़ा शहर है। विशाखापट्टनम को पूर्व का गोवा या ईस्ट कोस्ट का गहना भी कहा जाता है। इस शहर को भाग्य का शहर भी कहा जाता है। विशाखापत्तनम का नाम विशाखापत्तनम के देवता विशाखापत्तनम के नाम पर रखा गया था।

Update:2022-07-20 13:24 IST

विशाखापट्टनम भाग्य का शहर, जानें शहर से जुड़ी रोचक जानकारी (Image: Social Media)

Andra Pradesh Visakhapatnam: विशाखापट्टनम आंध्र प्रदेश का सबसे बड़ा शहर है। यहां के निवासी विशाखापट्टनम को वाइजक (Vizag) कहते हैं। इसके अलावा विशाखापट्टनम को पूर्व का गोवा (Goa of the East) या ईस्ट कोस्ट का गहना (Jewel of the East Coast) भी कहा जाता है। खासकर इस शहर को भाग्य का शहर (City of Destiny) कहा जाता है। विशाखापत्तनम का नाम विशाखापत्तनम के देवता विशाखापत्तनम के नाम पर रखा गया था। यह पूर्वी घाटों से घिरा हुआ और पूर्व में बंगाल की खाड़ी है। 

अपने लैंडस्केप दृश्य और बहुत ही आकर्षक समुद्र तटों के कारण इसे सिटी ऑफ़ डेस्टिनी भी कहा जाता है। यह पूर्वी नौसेना कमान का मुख्यालय है। शहर की एक और उत्कृष्ट विशेषता इसकी चट्टानी और रेतीली पहाड़ियाँ हैं। यह शहर एक छोटे मछुआरे के गांव से अपार सौंदर्य और औद्योगीकरण के शहर में विकसित हुआ। विशाखापट्टनम भारत के सभी हिस्सों से रेल, सड़क और हवाई मार्ग से जुड़ा हुआ है।  

यह मुख्य रूप से एक औद्योगिक शहर (industrial city) है, लेकिन अपने अद्भुत रेतीले स्वच्छ समुद्र तटों, आकर्षक पार्कों, बौद्ध अवशेष स्थलों और आसपास के दर्शनीय स्थलों जैसे अराकू घाटी के कारण भी पर्यटकों को आकर्षित करता है। दूर दूर तक फैले नीले समंदर की ऊंची लहरें किसी का भी मन मोह लेती हैं। वैसे तो यहां घूमने के लिए कई पर्यटन स्थल हैं पर खास तौर पर इन जगहों पर घूमना जरूर चाहिए।

कैलाशगिरि

राम कृष्ण बीच से करीब 7-8 किमी. की दूरी पर एक पहाड़ी पर स्थित खूबसूरत पार्क है। इस स्थान पर सफेद रंग की भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती जी की विराट मूर्ति स्थापित है जिनके दर्शन वहां के पर्यटक एक यादगर के रूप में फोटो खींचकर रखते हैं। इस जगह पहुंचने के लिए रोपवे की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है। इसके अलावा कैलाशगिरि का आप टॉय ट्रेन के माध्यम से भी आनंद उठा सकते हैं। 

अराकू वैली और बोरा गुफा

प्रकृति की गोद में बसे अराकू घाटी (Araku Valley) में अनंतगिरी पहाड़ियों के बीच स्थित बोर्रा गुफा देश की सबसे बड़ी गुफाओं में से एक मानी जाती है। यह लगभग 705 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है और इसकी खोज 1807 में हुई थी। बोर्रा गुफा कार्स्टिक चूना पत्थर (karstic limestone) से बनी है। इसके अंदर रंगीन लाइट की मदद से गुफा का आकर्षण देखते बनाता है।

कटिकी झरना

यह जलप्रपात विशाखापट्टनम के दर्शनीय स्थलों (sightseeing) में से एक है। यह झरना गोस्तानी नदी (Gosthani River) से निकला है और लगभग 50 फीट की ऊंचाई से गिरता है। आप यहां ट्रेकिंग (trekking) का मजेदार अनुभव ले सकते हैं। यह स्थल विशाखापत्तनम से 96 km दूर है।

याराडा बीच 

विशाखापट्टनम जाएं और आपने याराडा समुद्र तट नहीं देखा तो इसका अर्थ है कि आपने कुछ नहीं देखा। विशाखापट्टनम में घूमने की जगह के कई समुद्री तट हैं जिनमे से यारदा बीच यहां आने वाले लोगों के लिए बहुत खास है। एक तरफ बंगाल की खाड़ी और दूसरी तरफ तीन शानदार पहाड़ियों (magnificent hills) से घिरे यारदा बीच पर पर्यटक सूर्योदय (sunrise) और सूर्यास्त (sunset) के मनोरम दृश्यों का आनंद ले सकते हैं।

आईएनएस कुरसुरा म्यूजियम

हम सभी जानते हैं कि विशाखापट्टनम एक बड़ा बंदरगाह है। यहां आने वाले पर्यटक पनडुब्बी संग्रहालय सबसे पहले देखना पसंद करते हैं। आईएनएस कुरसूरा वही जहाज है, जिसने पाकिस्तानी जहाज पर अटैक किया था। इस आईएनएस म्यूजियम में सबमैरिन के अंदर के बारे में जानकारी ले सकते हैं और देख कर आनंद ले सकते हैं।

मत्स्यालय

इस मत्स्यालय में समुद्री जल (saltwater) और मीठे पानी की समुद्री प्रजातियों की अनगिनत प्रजातियों की मछलियों को संरक्षित किया गया है। यह एक्वेरियम रामकृष्ण समुद्र तट पर स्थित है।

सिम्हाचलम मंदिर

यह मंदिर भगवान नरसिंह देव का है, जिसकी कहानी भक्त प्रह्लाद के लिए जाना जाता है। मंदिर में पत्थर से बना रथ है, जिसके किनारे पर हाथी की मूर्तियों को सजाया गया है। इस मंदिर में भगवान नरसिंह को साल में एक बार अक्षय तृतीया को चंदन से बाहर निकाला जाता है जिसे चंदनोत्सव के नाम से भी जाना जाता है।

थोतलाकोंडा

यह एक बौद्ध परिसर है जो चेपला उप्पडू गांव में एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। यहां आप कई स्तूप, चैत्य, विहार, एक मण्डली हॉल और हीनयान स्कूल देख सकते हैं। इस स्थान से समुद्र तल का दृश्य भी आकर्षित करने वाला है।

इंदिरा गांधी प्राणी उद्यान

यह प्राणी उद्यान 1977 में स्थापित किया गया था। यह प्राणी उद्यान कई जानवरों, सांपों और पक्षियों की लगभग 100 से ज्यादा प्रजातियों का घर है।

डॉल्फिन नोज 

यह विशाखापट्टनम में देखने लायक सबसे अच्छी जगहों में से एक है। डॉल्फिन की नाक के आकार के समान दिखने वाला यह समुद्र तट काफी खूबसूरत लगता है। खासकर यह इलाका नेवी के क्षेत्र में आता है।

विशाखापट्टनम घूमने जाने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच होता है। इन महीनों में यहां का तापमान 15 डिग्री सेल्सियस से 27 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है जिसके कारण पर्यटकों को घूमने में काफी मजा आता है। खासकर उत्तर भारत में जब कड़ाके की ठंड पड़ती है तब आप इधर घूमने का मजा ले सकते हैं। तो आप अभी से इस जगह की प्लानिंग कर इसका लुत्फ उठा सकते हैं।

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