सिर्फ दिखाएं वोटर आईडी कार्ड: कोर्ट ने किया ये बड़ा फैसला, ऐसे होगा काम

मतदाता पहचान पत्र यानि कि Voter ID card नागरिक की नागरिकता साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत है। मुंबई के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने यह कहते हुए बांग्लादेशी घुसपैठी होने के आरोपों से बरी कर दिया है।

Update: 2020-02-20 07:38 GMT

मुंबई: अब कोर्ट भी ये मान लिया है कि मतदाता पहचान पत्र यानि कि Voter ID card नागरिक की नागरिकता साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत है। मुंबई के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने एक दंपति (Couple) को यह कहते हुए बांग्लादेशी घुसपैठी होने के आरोपों से बरी कर दिया है। कोर्ट ने ये माना कि किसी भी नागरिक के लिए Voter ID card नागरिकता पाने के लिए पर्याप्त सबूत है। बता दें कि जिस दंपति को बरी किया गया है उसको साल 2017 में अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने और बिना दस्तावेज के मुंबई में रहने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

यह भी पढ़ें: यूपी में सोने का भंड़ार: मची है ‘लूटम-लूट’, मौके पर मौजूद पुलिसफोर्स

मतदाता पहचान पत्र है पर्याप्त सबूत

कोर्ट ने इस मामले में दंपति को बरी कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि जन्म प्रमाण पत्र (Birth certificate), निवास प्रमाण पत्र (residence certificate), मूल निवास प्रमाण पत्र (Basic address proof) और पासपोर्ट (Passport) को मूल प्रमाण के तौर पर माना जा सकता है। अदालत ने अपने आदेश में ये भी कहा कि मतदाता पहचान पत्र (Voter ID card) को भी नागरिकता का पर्याप्त सबूत माना जा सकता है।

घोषणा पत्र गलत पाया गया तो शख्स सजा का होता है उत्तरदायित्व

उन्होंने कहा कि Voter ID card बनवाने के लिए जन प्रतिनिधि अधिनियम के फॉर्म 6 के तहत किसी भी शख्स को प्राधिकरण (Authority) के सामने नागरिक के तौर पर एक घोषणा पत्र (Declaration letter) दाखिल करना होता है कि वह भारत का नागरिक है। यदि घोषणा पत्र गलत पाया जाता है तो फिर शख्स सजा का हकदार होता है।

यह भी पढ़ें: बंपर डिस्काउंट: स्मार्टफोन लेने का बना रहे मन तो फ्लिपकार्ट पर है सीमित ऑफर

अभियोजन पक्ष यह साबित करने में नाकाम रहा कि...

कोर्ट ने कहा कि अपनी नागरिकता साबित करने के लिए दंपति (अब्बास शेख और राबिया खातून शेख) ने Voter ID card के साथ-साथ अन्य मूल दस्तावेज भी पेश किए थे। हालांकि अभियोजन पक्ष (Prosecutors) ने यह दावा किया था कि दंपति ने जो भी डॉक्यूमेंट्स पेश किए थे, वो सभी झूठे हैं। लेकिन अभियोजन पक्ष यह साबित करने में नाकाम रहा कि उनके पास मौजूद सभी डॉक्यूमेंट्स झूठे हैं। कोर्ट ने भी अपने फैसले में इसका उल्लेख किया कि, अभियोजन पक्ष इस बात को साबित करने में नाकाम रहा कि आरोपी ने जो भी दस्तावेज पेश किए वो वास्तविक नहीं हैं।

यह भी पढ़ें: मोबाईल लवर्स के लिए गुड न्यूज़: Flipkart पर चल रही है Mobile Bonanza की महा सेल

Tags:    

Similar News