newstrack.com पोल: अधिकारी परिवार बनेगा BJP की संजीवनी, होगी जय जय

newstrack.com ने पूछा था कि ममता को छोड़ कर गए शुभेंदु अधिकारी, बंगाल में भाजपा को फायदा या नुकसान जिसमें फायदा बताने वाले 90 फीसदी थे। जबकि नुकसान कहने वाले दस फीसदी थे। मामला बराबरी का रहेगा ये किसी ने नहीं माना।

Update: 2021-02-20 07:44 GMT
newstrack.com पोल: अधिकारी परिवार बनेगा BJP की संजीवनी, होगी जय जय

रामकृष्ण वाजपेयी

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव (West Bengal Assembly Elections 2021) के पहले उठापटक और पाला बदल की राजनीति जोरों पर है। दो दशक से बंगाल पर एक छत्र राज कर रहीं ममता बनर्जी को झटके पर झटके लग रहे हैं। जमीनी स्तर पर इसका क्या असर हो रहा है। क्या इन झटकों से तृणमूल कांग्रेस तेजी से उभरेगी या उसका पतन सन्निकट है।

ममता की जीत नहीं होगी चमत्कार से कम

विधानसभा चुनाव के नतीजों में स्पष्ट होगा लेकिन एक बात तय है कि भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में बनायी बढ़त को कमजोर नहीं पड़ने दिया है और इस समय तो उसका फैलाव देखने को साफ मिल रहा है। अगर विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी की पार्टी जीतती है सोशल मीडिया पर चल रहे घमासान में ये किसी चमत्कार से कम नहीं होगा। हालांकि ममता बनर्जी को अपने कोर वोट बैंक पर भरोसा है।

newstrack.com ने इस संबंध में फेसबुक पर एक सर्वे कराया। जिसमें प्रचंड बहुमत यानी 90 फीसदी लोगों की राय है कि भाजपा को फायदा होगा।

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(फोटो- सोशल मीडिया)

भाजपा को मिली शुवेन्दु अधिकारी का फायदा

newstrack.com ने पूछा था कि ममता को छोड़ कर गए शुभेंदु अधिकारी, बंगाल में भाजपा को फायदा या नुकसान जिसमें फायदा बताने वाले 90 फीसदी थे। जबकि नुकसान कहने वाले दस फीसदी थे। मामला बराबरी का रहेगा ये किसी ने नहीं माना।

शुभेंदु के पिता शिशिर अधिकारी वर्ष 1982 में कांग्रेस के टिकट पर कांथी दक्षिण सीट से विधायक निर्वाचित हुए, लेकिन बाद में वह ममता बनर्जी के साथ आ गए और तृणमूल कांग्रेस के संस्थापक सदस्य बने। वह मनमोहन सिंह सरकार में ग्रामीण विकास राज्यमंत्री भी रहे। शिशिर अधिकारी इस समय तमलूक लोकसभा सीट से सांसद हैं और पूर्वी मेदिनीपुर के तृणमूल कांग्रेस के जिलाध्यक्ष भी हैं।

भाई हो सकते हैं भाजपा में शामिल

शुभेंदु के भाई दिव्येंदु अधिकारी कांथी लोकसभा सीट से सांसद हैं। जबकि सौमेंदु अधिकारी कांथी नगरपालिका के अध्यक्ष हैं। इनके भी जल्द ही भाजपा में शामिल होने की संभावना है। हाल ही में उन्हें पूर्व मेदिनीपुर जिले में कांठी नगरपालिका के प्रशासक बोर्ड के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया। अध्यक्ष पद से हटाए जाने के फैसले को उन्होंने कलकत्ता हाईकोर्ट में चुनौती दी है।

सौमेंदु ने दिए ये संकेत

इस बात से आहत सौमेंदु इस बात का संकेत दे चुके हैं कि जल्द ही अपने भाई के पदचिह्नों पर चलते हुए वह भी तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो जाएंगे। वह कह चुके हैं, 'हर घर में कमल खिलेगा। थोड़ा इंतजार करें।'

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शिशिर अधिकारी को अध्यक्ष पद से हटाया गया

शुभेंदु अधिकारी के पिता शिशिर अधिकारी जो दीघा शंकरपुर विकास प्राधिकरण (डीएसडीए) के अध्यक्ष थे। उन्हें शुभेंदु के टीएमसी छोड़ने के बाद पद से हटा दिया गया है। अधिकारी के स्थान पर विधायक अखिल गिरि को नियुक्त किया गया है, जो तृणमूल कांग्रेस में उनके विरोधी माने जाते हैं।

गिरि ने उन पर आरोप लगाया है कि उन्होंने डीएसडीए के अध्यक्ष के रूप में कुछ नहीं किया, इसलिए उन्हें हटा दिया गया। तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने भी यही कहा कि अधिकारी अध्यक्ष के रूप में कार्य करने में सक्षम नहीं थे।

टीएमसी शिशिर को अनुभवी नेता मानती है। लेकिन बेटों सुवेंदु और सौमेंदु के खिलाफ उनके एक शब्द नहीं बोलने पर खफा है। जो भाजपा में जाने के बाद लगातार टीएमसी पर हमला कर रहे हैं।

क्या भाजपा के लिए संजीवनी बनेगा अधिकारी परिवार

पूर्वी मेदिनीपुर जिला में 16 विधानसभा सीटें हैं। पूर्वी मेदिनीपुर के अलावा पश्चिमी मेदिनीपुर, बांकुड़ा और पुरुलिया आदि जिलों की करीब पांच दर्जन विधानसभा सीटों पर इस परिवार का प्रभाव है। अब देखना यह है कि यह परिवार भाजपा के लिए प. बंगाल में कितनी बड़ी संजीवनी बनता है।

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