आखिर फांसी देने से पहले कैदी के कान में क्या कहता है जल्लाद, जानें इसके बारे में

लेकिन क्या आप जानते हैं कि फांसी को लेकर भी भारत सरकार ने कुछ ख़ास नियम और कानून बनाए हैं जिनकी पालना करना जरूरी करना होता है? तो आइये जानें इन नियमों के बारे में...

Update: 2019-06-04 09:41 GMT

लखनऊ: भारतीय कानून के हिसाब से यदि कोई व्यक्ति बहुत बड़ा गुनाह करता तो उसको सज़ा-ए-मौत यानी फांसी सुनाई दी जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि फांसी को लेकर भी भारत सरकार ने कुछ ख़ास नियम और कानून बनाए हैं जिनकी पालना करना जरूरी करना होता है? तो आइये जानें इन नियमों के बारे में...

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फांसी के समय के लिए भी कुछ नियम बनाए गए हैं जिनमे से फांसी का फंदा, फांसी देने का समय, फांसी की प्रकिया आदि शामिल हैं। भारत में जब किसी अपराधी को फांसी होती है तो जल्लाद कैदी को फांसी देने से पहले उसके कान में कुछ कहता है और इसके बाद ही अपराधी को फांसी दी जाती है। आपको जानकर अजीब जरूर लग रहा होगा मगर यह बिलकुल सच है। मगर अब आपके दिमाग में यह सवाल चल रहा होगा कि मरते हुए व्यक्ति से जल्लाद कान में क्या बात कहता होगा और आखिर क्यों?

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दरअसल, फांसी देने के कुछ छन पहले जल्लाद अपराधी के कान में माफ़ी मांगता है और कहता है कि “मुझे माफ़ कर दो भाई, मैं मजबूर हूँ”। यदि मरने वाला व्यक्ति हिन्दू हो तो जल्लाद उसको “राम राम” बोलता है वहीँं अगर मरने वाला व्यक्ति मुस्लिम हो तो जल्लाद उसको अंतिम “सलाम” बोलता है। साथ ही जल्लाद उनसे कहता है कि “मैं सरकार के हुकुम का गुलाम हूँ इसलिए चाह कर भी कुछ नहीं कर सकता”। बस इतना कह कर ही वह फांसी का फंदा खींच देता है।

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