क्या है SPG? जिसके अफसर और कमांडो हमेशा पीएम की सुरक्षा में रहते हैं मुस्तैद, कैसे करते हैं ये काम, जानिए सिलेक्शन डिटेल

What is SPG: एसपीजी एक कमांडो फोर्स है, जो देश के प्रधानमंत्री की सुरक्षा में 24 घंटे तैनात रहती है। एसपीजी प्रधानमंत्री की छाया की तरह उसके साथ रहने वाली सुरक्षा एजेंसी है। भारत के प्रधानमंत्री देश में चाहे जहां भी जाएं या विदेशी दौरों में रहे, इससे उन्हें कोई मतलब नहीं है। ये सुरक्षा एजेंसी छाया की तरह हमेशा उनके साथ-साथ रहती है।

Update:2023-09-06 16:58 IST
SPG Officers and Commandos (Image: Social Media)

What is SPG: एसपीजी के डायरेक्टर आईपीएस अफसर अरुण कुमार सिन्हा का बुधवार को गुरुग्राम के मेदांता हास्पिटल में निधन हो गया। वे काफी लंबे समय से लीवर की बीमारी से ग्रसित थे। वे कई वर्षों से एसपीजी के डायरेक्टर थे। हाल ही में उन्हें एक साल का सेवा विस्तार भी दिया गया था। यहां हम आप को आज यह बताने जा रहे हैं कि एसपीजी है क्या और इनका क्या कार्य होता है और इनका सलेक्शन किस तरह से किया जाता है।

...तो आइए जानते हैं इसके बारे में

एसपीजी भारत के प्रधानमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्री और उनके परिवार की सुरक्षा के लिए तैनात किये जाते हैं, जो हर समय उनकी सुरक्षा में मुस्तैद रहते हैं। एसपीजी एक वीवीआईपी सिक्योरिटी की श्रेणी में आती है। इसका गठन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सुरक्षाकर्मी के द्वारा हत्या किए जाने के बाद शुरू की गई थी।

क्या है एसपीजी सुरक्षा?

एसपीजी बहुत ही उच्च कोटि की सुरक्षा होती है। एसपीजी कमांडो देश की सबसे आधुनिकतम और कुशल सुरक्षा बलों में से एक होते हैं। विशेष सुरक्षा बल अर्थात स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप को संक्षेप में एसपीजी के नाम से जाना जाता है। वास्तव में, एसपीजी एक कमांडो फोर्स होती है, जो देश के प्रधानमंत्री की सुरक्षा में 24 घंटे तैनात रहती है। एसपीजी प्रधानमंत्री की छाया की तरह उसके साथ रहने वाली सुरक्षा एजेंसी है। भारत के प्रधानमंत्री देश में चाहे जहां भी जाएं या विदेशी दौरों पर रहें, इससे उन्हें कोई मतलब नहीं होता है।

ये सुरक्षा एजेंसी छाया की तरह हमेशा उनके साथ-साथ रहती है। इस प्रकार देखा जाए तो एसपीजी का कार्यक्षेत्र बहुत व्यापक होता है। प्रधानमंत्री आवास, प्रधानमंत्री कार्यालय से लेकर देश-विदेश हर उस स्थान पर यह सुरक्षा एजेंसी एक्टिव होती है जहाँ-जहाँ प्रधानमंत्री को जाना होता है या जहाँ प्रधानमंत्री होते हैं। एसपीजी के कमांडो सभी प्रकार के आधुनिकतम हथियारों से लैश होते है। ये किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए हर समय तैयार रहते हैं। ये प्रधानमंत्री की 360 डिग्री की सुरक्षा प्रदान करते है।

एसपीजी का फुल फॉर्म ?

इसका फुल फॉर्म स्पेशल प्रोटक्शन ग्रुप यानी ‘विशेष सुरक्षा बल’ होता है।

इसका प्रमुख कौन होता है?

एसपीजी प्रमुख का अधिकारी डायरेक्टर रैंक का एक आईपीएस अफसर होता है। इनका कार्यकाल केवल तीन साल का होता है। स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप कैबिनेट सचिवालय के अंतर्गत कार्य करती है और इनका मुख्यालय प्रधानमंत्री हाउस में होता है।

क्यों दी जाती है एसपीजी सिक्योरिटी?

बता दें कि एसपीजी कमांडो का गठन प्रधानमंत्री को सुरक्षा देने के लिए किया गया था। 1984 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी की हत्या के बाद यह महसूस किया गया कि भारत के प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए भी अमेरिका की सीक्रेट सर्विस के जैसी कोई आधुनिकतम एजेंसी होनी चाहिए जो पीएम की हर तरह से सुरक्षा करने में सक्षम हो और इसी के बाद 2 जून 1988 को एसपीजी कमांडो का गठन किया गया।

वर्तमान में यह सिक्योरिटी किसे दी जाती है?

एसपीजी की सुरक्षा पहले प्रधानमंत्री के अतिरिक्त भूतपूर्व प्रधानमंत्रियों व उनके परिवार के सदस्यों को दी जाती थी। मगर कुछ वर्ष पहले एसपीजी एक्ट में संशोधन कर दिया गया है। अब एसपीजी की सुरक्षा केवल प्रधानमंत्री को ही दी जाती है। प्रधानमंत्री की सुरक्षा घेरा में कितने एसपीजी कमांडो होते हैं, वास्तव में यह संख्या निश्चित नहीं होती है। सुरक्षा की विभिन्न पहलुओं पर विचार करके इनकी संख्या में कमी या वृद्धि की जाती है। एसपीजी के बेड़े में केवल गाड़ियां ही नहीं होतीं हैं बल्कि हवाई जहाज भी शामिल होते हैं और एसपीजी के कमांडो हर स्थिति के लिए तैयार रहते हैं।

कब बनाया गया था?

स्पेशल प्रोटक्शन ग्रुप का गठन 2 जून 1988 को एसपीजी एक्ट के अंतर्गत किया गया था। इसके लिए मार्च 1985 में बीरबल नाथ समिति ने एक स्पेशल प्रोटेक्शन यूनिट के गठन की सिफारिश की थी बाद में इसका नाम स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप कर दिया गया। एसपीजी भारत सरकार के गृहमंत्रालय के अधीन होती है। एसपीजी में जवानों का चयन देशभर के विभिन्न सुरक्षा एजेंसियां बीएसएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, सीआरपीएफ से किया जाता है। एसपीजी का हेडक्वार्टर प्रधानमंत्री आवास परिसर में ही स्थित है।

एसपीजी कमांडो की विशेषता?

एसपीजी के अफसर न केवल भारत बल्कि विश्व के सबसे प्रोफेशनल और माहिर कमांडो में से एक होते हैं। एसपीजी की गिनती अमेरिका के सीक्रेट सर्विस के समान होती है। एसपीजी के अधिकारी के पास एफएनएफ-2000 असॉल्ट रायफल होती है। इसके अलावा कमांडोज के पास ग्लोक 17 पिस्टल भी होती है। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इन्हें सार्वजनिक नहीं किया जाता है। प्रधानमंत्री बुलेट प्रूफ कार में होते हैं जबकि उनके साथ एक डमी कार भी चलती रहती है। प्रधानमंत्री के काफिले में एम्बुलेंस और जैमर भी होता है। इसके साथ ही कई अन्य आर्मड गाड़िया व हाईप्रोफाइल गाड़ियां भी होती हैं।

एक विशेष प्रकार का ब्रीफकेश होता है

एसपीजी सुरक्षा अधिकारियों के पास एक विशेष प्रकार का ब्रीफकेश होता है। संकट की स्थिति में यह बुलेटप्रूफ शील्ड खुल जाता है और यह सुरक्षा कवच का काम करता है।
एसपीजी के अफसर अपने साथ के अफसरों से बात करने के लिए ड्यूटी के दौरान कान में ईयर प्लग लगाए रहते हैं। एसपीजी के अफसरों के जूते भी विशेष प्रकार के होते हैं जो सतह पर नहीं फिसलते हैं। इसके अलावा एसपीजी के अफसर कई अवसरों पर चश्मे भी लगाए होते हैं। ये चश्मे बुलेटप्रूफ होते हैं।

इनकी जैकेट भी होती है काफी खास

एसपीजी के कमांडोज बुलेटप्रूफ जैकेट पहने होते हैं जो प्रधानमंत्री को सुरक्षा देने में उनकी सहायता करता है। ये बुलेट प्रूफ जैकेट बड़े से बड़े शक्तिशाली हमले को भी बड़े आसानी से झेलने में सक्षम होते है।

एसपीजी में भर्ती होने के लिए क्या करें ?

एसपीजी के लिए जवानों की कोई सीधी भर्ती नहीं की जाती है। एसपीजी में जवानों का चयन देशभर के विभिन्न सुरक्षा एजेंसियां भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) से किया जाता है। इसलिए इसमें जाने के लिए किसी को पहले सम्बंधित विभाग को ज्यॉइन करना जरूरी होता है। एसपीजी के लिए समय-समय पर आवेदन निकाले जाते है, जो देशभर के विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के कुशल जवानों के लिए ही होता है। इसमें केवल वरिष्ठ और अति कुशल अधिकारियों का ही चयन होता है। एसपीजी के कमांडो में शामिल प्रत्येक जवान हर वर्ष बदलते रहते हैं। इसमें प्रत्येक कमांडो की सर्विस केवल एक वर्ष के लिए ही होता है। जबकि एसपीजी का प्रमुख पद तीन वर्ष के लिए होता है। एसपीजी के जवानों का कार्यकाल पूरा होने पर उन्हें अपनी पूर्व यूनिट में वापस भेज दिया जाता है।

दी जाती है वल्र्ड क्लास ट्रेनिंग

उम्मीदवारों के चयन के बाद भी इन्हे वर्ल्ड क्लास ट्रेनिंग दी जाती है। इसमें प्रत्येक कमांडो को फिट, चैकस और प्रत्येक नए टेक्नोलॉजी में पारंगत किया जाता है। ट्रेनिंग के बाद भी इन्हे तीन महीनांे की निगरानी में रखा जाता है और उस बीच इनकी साप्ताहिक परीक्षा भी होती रहती है। परीक्षा में एक बार असफल होने पर एक बार पुनः अवसर दिया जाता है और अगर वे पुनः असफल हो जाते हैं तो उन्हें उनकी पूर्व यूनिट में वापस भेज दिया जाता है।

Tags:    

Similar News