अब क्या करेंगे विधायक गोपाल कांडा? चले थे बनने किंग मेकर
हरियाणा में सरकार बनने का रास्ता हो गया है। राज्य में बीजेपी और दुष्यंत चौटाला की पार्टी जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) की सरकार बनने जा रही है। इस नई सरकार में बीजेपी का मुख्यमंत्री और जेजेपी का उपमुख्यमंत्री होगा।
नई दिल्ली: हरियाणा में सरकार बनने का रास्ता हो गया है। राज्य में बीजेपी और दुष्यंत चौटाला की पार्टी जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) की सरकार बनने जा रही है। इस नई सरकार में बीजेपी का मुख्यमंत्री और जेजेपी का उपमुख्यमंत्री होगा। बीजेपी की विधायक दल की बैठक में मनोहर लाल खट्टर को विधायक दल का नेता चुन लिया गया है।
बता दें कि हरियाणा में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला है और बीजेपी 40 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। 10 सीटों पर जेजेपी और 7 सीटों निर्दलीय विधायकों ने जीत हासिल की है, तो वहीं कांग्रेस ने 31 सीटों पर जीत दर्ज की है। प्रदेश में त्रिशंकु विधानसभा रहने के बाद सरकार बनाने के लिए निर्दलीय विधायकों ने बीजेपी को समर्थन देने का ऐलान किया, लेकिन इसमें सबसे ज्यादा किसा का नाम चर्चा में रहा तो वह हैं गोपाल कांडा।
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हरियाणा में सरकार बनाने के लिए सिरसा से हरियाणा लोकहित पार्टी से विधायक चुनकर आए गोपाल कांडा ने बीजेपी को बिना शर्त समर्थन देने का ऐलान किया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मेरे रगो में आरएसएस का खून है। गोपाल कांडा के बीजेपी को समर्थन देने और उनकी पार्टी सांसद के साथ चार्टर्ड प्लेन की फोटो सामने आने के बाद सियासी गलियारों में तूफान आ गया।
दरअसल गोपाल कांडा एयर होस्टेस गीतिका शर्मा हत्याकांड में आरोपी हैं। उनके ऊपर एयर होस्टेस को आत्महत्या करने के लिए उकसाने का आरोप है। बीजेपी कांडा से समर्थन लेने पर विपक्ष ही नहीं, खुद पार्टी के अंदर ही सवाल खड़े होने लगे। बीजेपी की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने कहा कि कांडा से समर्थन लेना बीजेपी के नैतिक मूल्यों के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि कोई सिर्फ चुनाव जीतने भर से बेगुनाह नहीं हो जाता।
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अब सियासी तूफान उठने के बाद बीजेपी ने गोपाल कांडा के समर्थन को ठुकरा दिया है। बीजेपी नेता अनिल विज ने कहा कि गोपाल कांडा को सरकार में शामिल किए जाने का सवाल ही नहीं बनता है। तो वहीं केंद्रीय पर्यवेक्षक केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि गोपाल कांडा से पार्टी कोई समर्थन नहीं ले रही है।
गोपाल कांड हरियाणा में कांग्रेस की सरकार में मंत्री रहे हैं। हरियाणा में बीजेपी को बहुमत नहीं मिलने पर एक बार फिर गोपाल कांडा ने वही कोशिश की जो उन्होंने कांग्रेस सरकार बनाने के लिए की थी। इस बार भी उन्होंने यही दांव चला था, हालांकि फेल हो गए। सवाल खड़ा हो गया है कि अब गोपाल कांडा क्या करेंगे? क्योंकि उनके किंगमेकर बनने के सपनों पर पानी फिर गया है।
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10 साल पहले 2009 में भी हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अगुवाई में चुनाव लड़ रही कांग्रेस को 40 सीट मिली थी और ओम प्रकाश चौटाला की आईएनएलडी ने 31 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इस बार की तरह तब भी सबसे बड़ी पार्टी को बहुमत के लिए कुछ विधायकों की जरूरत थी। तो उसम समय गोपाल कांडा ने विधायकों का जुगाड़ किया था। गोपाल कांडा हुड्डा सरकार में मंत्री बने थे।
2012 में उनकी एयरलाइन कंपनी एमडीएलआर में काम करने वाली महिला कर्मचारी गीतिका शर्मा ने आत्महत्या कर ली थी। उसने अपने सूइसाइड नोट में गोपाल कांडा का नाम लिखा था।
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बता दें कि हाईकोर्ट ने गोपाल कांड से बलात्कार के आरोपों को हटा दिया था। इसके बाद 18 महीने जेल में रहने के बाद गोपाल कांडा को 2014 में जमानत पर रिहा कर दिया गया था। इस मामले में फिलहाल दिल्ली की राउस एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हो रही है।
अब कोर्ट ने शुक्रवार को गोपाल कांडा को 27 और 28 नवंबर को पेश होने का निर्देश दिया है। चुनाव की वजह से अदालत ने उन्हें पेशी से छूट दी थी। अब देखना होगा कि गोपाल कांडा अगला कदम क्या उठाते हैं।