आखिर सीतारमण ने क्यों मांगी माफ़ी, जानें की थी कौन सी गलती

साल 2020 का बजट आ चुका है जिसमें काफी कुछ नया पेश किया गया था। जिससे देश में काफी बदलाव आएंगे। बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने काफी लंबा भाषण दिया है।

Update: 2020-02-09 07:37 GMT

नई दिल्ली: साल 2020 का बजट आ चुका है जिसमें काफी कुछ नया पेश किया गया था। जिससे देश में काफी बदलाव आएंगे। बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने काफी लंबा भाषण दिया है। जिसके बाद उन्होंने माफी भी मांगी है। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले संसद में उनका दो घंटे से अधिक समय का बजट भाषण जरूरी था क्योंकि अर्थव्यवस्था के प्रत्येक पहलू को तवज्जो दी जानी थी। उन्होंने कहा कि यदि इससे लोगों को असुविधा हुई तो वह खेद व्यक्त करती हैं।

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सीतारमण से जब पूछा गया कि क्या इतना लंबा भाषण देना जरूरी था, तो उन्होंने कहा कि इसकी जरूरत थी। उन्होंने यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, 'इसकी आवश्यकता थी। निश्चित रूप से इसकी जरूरत थी। मैंने पानी पीने के बाद बचे हुए हिस्से को पूरा किया।'

असल में वित्त मंत्री ने एक फरवरी को संसद में दो घंटे से भी अधिक समय का बजट भाषण दिया था। इस दौरान एक समय उनकी सांस भी फूलने लगी थी। कुछ सालों में ऐसा पहली बार देखने को मिला था। वित्त मंत्री ने कहा, 'माफ कीजिए। मैं आपकी बात से सहमत हूं। आप सभी को असुविधा हुई होगी।'

डेटा विश्लेषण, कृत्रिम मेधा से जीएसटी संग्रह बेहतर करने में मदद मिली

माल एवं सेवाकर (GST) संग्रह से जुड़ी दिक्कतों को दूर करने में डेटा विश्लेषण और कृत्रिम मेधा के उपयोग से बड़ी मदद मिली है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि जीएसटी संग्रह में सुधार के लिए सरकार ने ऐसे कई कदम उठाए हैं, जिनसे व्यवस्था की खामियों को दूर करने के साथ-साथ उसके दुष्प्रयोग से बचाव किया जा सके।

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GST संग्रह एक लाख करोड़ रुपये से ऊपर

उन्होंने कहा कि पिछले पिछले तीन माह के दौरान GST संग्रह एक लाख करोड़ रुपये से ऊपर रहा है। वह यहां बजट 2020-21 पर हितधारकों के साथ चर्चा के बाद एक प्रेस वार्ता को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि GST परिषद की बैठकों में राज्य के वित्त मंत्रियों ने GST व्यवस्था की कई खामियां उजागर की थीं। इससे सरकार का राजस्व संग्रह प्रभावित हो रहा था।

सीतारमण ने कहा कि इन खामियों को दूर करने और व्यवस्था के दुरुपयोग को रोकने के लिए कई कदम उठाए गए। इसे समझाते हुए राजस्व सचिव अजय भूषण पांडे ने कहा कि डेटा विश्लेषण और कृत्रिम मेधा के उपयोग से जीएसटी संग्रह बेहतर करने में मदद मिली है।

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