जनता ने योगेन्द्र यादव को ललकारा, बोला कहां है संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य

यूजर ने लिखा है, “तथाकथित योगेन्द्र यादव कहाँ है जो शांतिपूर्ण ट्रैक्टर रैली का दावा कर रहा था? अपराधियों ने पुलिस और विनाश पर घोड़े और हथियारों से हमला किया?"

Update: 2021-01-26 11:15 GMT
जनता ने योगेन्द्र यादव को ललकारा, बोला कहां है संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य

नई दिल्ली: शांतिपूर्वक ट्रैक्टर रैली निकालने का दावा करने वाले किसानों ने आज देश की राजधानी में जमकर हंगामा किया है। बता दें कि दिल्ली के ITO पर किसान और पुलिस के बीच जमकर झपड़ हुई। हैरत की बात यह कि शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने और रैली निकालने की बात करने वाले किसान ट्रैक्टर परेड में लाठी डंडे लेकर पहुंचे हुए थे। कहा जा रहा है कि नाराज किसानों ने एक DTC बस को अपनी निशाना बनाया। साथ ही उन्होंने प्रशासन के बैरिकेड्स भी तोड़ें। इन तमाम बवालों के बाद सोशल मीडिया पर संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य योगेंद्र यादव तेजी से ट्रेड कर रहा है। जी हां, रैली के हिंसक होने के बाद तमाम लोग योगेन्द्र यादव पर सवाल खड़ें कर रहे है कि शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने वाले योगेन्द्र यादव कहां है?

'कहां है योगेंद्र यादव'

संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य योगेंद्र यादव के द्वारा किए गए दावे को लेकर एक सोशल मीडिया यूजर ने लिखा है, “तथाकथित योगेन्द्र यादव कहाँ है जो शांतिपूर्ण ट्रैक्टर रैली का दावा कर रहा था? अपराधियों ने पुलिस और विनाश पर घोड़े और हथियारों से हमला किया? क्यों दिल्ली पुलिस पाकिस्तान खालिस्तानी द्वारा समर्थित लोगों को अनुमति देने के लिए सहमत हुई।"



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'अमित शाह जी योगेन्द्र यादव को टाई करें'

वहीं एक दूसरे सोशल मीडिया यूजर ने योगेन्द्र पर नाराजगी जताते हुए अमित शाह से अपील की है, “अमित शाह जी हमने आपको उन्हें खुश करने के लिए वोट नहीं दिया, बस योगेन्द्र यादव को टाई करें और इस ट्रैक्टर को समाप्त करें, हम सभी इसे देखना चाहते हैं।"



योगेंद्र ने किया था दावा

बता दें कि योगेन्द्र यादव ने कुछ दिन पहले ही ट्रैक्टर रैली को लेकर यह जानकारी दी थी। उन्होंने कहा था, “26 जनवरी को किसान अपने दिल की भावना व्यक्त करने अपनी राजधानी के अंदर जाएंगे। एक ऐसी ऐतिहासिक किसान परेड होगी जैसी इस देश ने कभी नहीं देखी। यह शांतिपूर्वक होगी और इस देश के गणतंत्र दिवस परेड पर या इस देश की सुरक्षा आन-बान-शान पर कोई छींटा नहीं पड़ेगा।“ लेकिन आज की परिस्थिति को देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि कहनी और करनी में कितना फर्क है।

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