Marriage in India: भारत में बढ़ रहा Love Marriage का ट्रेंड, युवा नहीं करना चाहते अरेंज्ड मैरिज, पढ़िए पूरी रिपोर्ट

Marriage in India:भारत में प्रेम विवाह बढ़ रहे हैं, जबकि अरेंज मैरिज में गिरावट देखी जा रही है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के रूप में भारत ने अपनी परंपराओं को अपने मूल में रखते हुए कुछ वैश्विक परंपराओं को खूबसूरती से अपनाया है।

Update:2023-04-28 16:58 IST
Marriage in India (Photo: Social Media)

Marriage in India: शादी ब्याह का तामझाम अरेंज करने वाली एक कंपनी के ताजातरीन सर्वे में वही बात निकल कर आई है जिसकी चर्चा अब बहुत से घरों में होती रहती है। बात ये कि भारतीय समाज में अब प्रेम विवाह यानी लव मैरिज का बोलबाला है और अरेंज मैरिज कम होती जा रही है। अमेरिका की ‘द नॉट वर्ल्डवाइड’ की भारतीय सहायक कंपनी ‘वेडिंगवायर इंडिया’ के एक सर्वेक्षण में बताया गया है कि भारत में प्रेम विवाह बढ़ रहे हैं, जबकि अरेंज मैरिज में गिरावट देखी जा रही है। विवाहित जोड़ों के बीच की डेटा रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि भारत में प्रेम विवाह को तेजी से मंजूरी मिल रही है। 2020 में इस कंपनी द्वारा किए गए अंतिम सर्वेक्षण में 68 प्रतिशत जोड़ों ने खुलासा किया था कि उनकी शादी अरेंज्ड थी।

अरेंज मैरिज में गिरावट

जबकि 2023 के सर्वेक्षण में केवल 44 प्रतिशत जोड़ों ने ये बात स्वीकारी यानी अरेंज मैरिज में 24 प्रतिशत की गिरावट आई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि एक देश के रूप में भारत ने अपनी परंपराओं को अपने मूल में रखते हुए कुछ वैश्विक परंपराओं को खूबसूरती से अपनाया है। मिसाल के तौर पर, प्रेम विवाह विशेष रूप से शहरी युवाओं के बीच एक सामान्य मानदंड बनता जा रहा है, लेकिन पारंपरिक विवाह जैसे अरेंज मैरिज को भी बरकरार रखा जा रहा है। बता दें कि सर्वेक्षण के उत्तरदाता ज्यादातर टियर 1 शहरों से थे, जिसमें दिल्ली 34 फीसदी के साथ शीर्ष पर था।

युवा स्वतंत्रता

अधिक प्रेम विवाहों के पीछे का कारण युवाओं की स्वतंत्रता के साथ उनकी शादियों की योजना बनाने में उनकी भागीदारी थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह मुख्य रूप से भारतीय परिवारों के बदलते रवैये का भी परिणाम था, क्योंकि भारत में शादी हमेशा एक परिवार-समावेशी जीवन निर्णय रहा है। भारत में युवाओं पर ‘स्टेटिस्टा’ की 2020 की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह नोट किया गया कि जेन जेड (1990 के दशक के अंत और 2010 की शुरुआत के बीच पैदा हुए लोग) के 69.2 प्रतिशत ने अरेंज्ड मैरिज की तुलना में लव मैरिज को प्राथमिकता दी।

लव मैरिज को तरजीह

मिलेनियल्स (1981 से 1996 के बीच जन्मे लोग) की बात करें तो 62.3 प्रतिशत ने अरेंज्ड मैरिज की तुलना में लव मैरिज को तरजीह दी। नई पीढ़ियां अरेंज मैरिज के बजाय लव मैरिज के लिए जाना पसंद करती हैं, बावजूद इसके कि सामान्य आबादी अभी भी अरेंज्ड सेटअप के जरिए शादी कर रही है। हालाँकि, प्रेम विवाह के प्रति सोच बदल रही है, विशेष रूप से शहरी युवाओं में जो अब सोचते हैं कि किसी ऐसे व्यक्ति के साथ जीवन बिताया जाए जिसके साथ आप अच्छी तरह ट्यूनिंग में हैं।

शादी की प्लानिंग

रिपोर्ट के मुताबिक 41 फीसदी जोड़े अपनी शादी की योजना 4 से 6 महीने पहले से बनाना शुरू कर देते हैं, इसके बाद 32 फीसदी ऐसे हैं जो केवल 1 से 3 महीने पहले ही शादी की योजना बनाते हैं। दरअसल भारत में सगाई की अवधि विदेशों की तुलना में बहुत कम है क्योंकि अधिकांश लोग (72 फीसदी) शादी से केवल छह महीने या उससे कम पहले ही सगाई कर लेते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे जोड़ों को अपनी शादी की योजना बनाने के लिए कम समय मिलता है।

ऑनलाइन प्लानिंग टूल

सर्वेक्षण में पाया गया कि युवा जोड़े अपने विवाह की योजना बनाते समय अब ऑनलाइन संसाधनों का अधिकाधिक उपयोग कर रहे हैं। 2023 में किए गए सर्वेक्षण के आधार पर पाया गया कि शादी से सम्बंधित टेक्नोलॉजी प्लेटफार्मों को अपनाने में 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। 2020 में जहाँ 47 फीसदी जोड़े वेबसाइटों का उपयोग करते थे वहीं अब यह आंकड़ा 58 प्रतिशत हो गया है।

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