कोरोना का कहर: दूसरी लहर में ही बच्चे हो रहे संक्रमित, कर्नाटक में डरावने आंकड़े

कर्नाटक में कोरोना वायरस की दूसरी लहर में ही बच्चे तेजी से संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं।

Newstrack Network :  Network
Published By :  Shreya
Update: 2021-05-18 09:40 GMT

मास्क पहनी हुई बच्ची (सांकेतिक फोटो साभार- सोशल मीडिया)

बेंगलुरु: भारत कोरोना वायरस की दूसरी लहर (Corona Virus Second Wave) से जूझ रहा है। देश में लगातार कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इस बीच वैज्ञानिकों की ओर से तीसरी लहर को लेकर लगातार चेतावनी दी जा रही है। साथ ही इस लहर में बच्चों के ज्यादा प्रभावित होने की भी बात कही जा रही है। लेकिन कर्नाटक (Karnataka) में तीसरी लहर के आने से पहले ही बच्चों में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ते देखे जा रहे हैं।

बता दें कि कर्नाटक (Karnataka) कोरोना की दूसरी लहर से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इस बीच राज्य में तीसरी लहर आने से पहले ही बच्चों के अंदर कोविड-19 संक्रमण (Covid-19 Infection) तेजी से बढ़ता देखा जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सूबे में महज 15 दिनों (1 से 16 मई 2021 के बीच) में ही करीब 19 हजार बच्चे कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं।

जबकि महामारी की पहली लहर में 9 मार्च से 25 सितंबर 2020 के बीच दस साल से छोटे बच्चों के 19,378 केस और 11 से 20 साल के 41,985 बच्चे कोरोना से संक्रमित हुए थे। वहीं दूसरी लहर में ये सभी रिकॉर्ड टूट चुके हैं। 15 दिनों में करीब 19 हजार बच्चे कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। बच्चों में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए कर्नाटक की सरकार अलर्ट हो चुकी है।

मुंह में थर्मामीटर लगाए हुए बच्चा (सांकेतिक फोटो साभार- सोशल मीडिया)

बच्चों में कोरोना के दिख रहे अजीब लक्षण

डॉक्टरों का कहना है कि बच्चों में कोरोना के अजीब लक्षण मिल रहे हैं। इसमें 10 साल के बच्चों में गैस्ट्रोएंटेराइटिस भी शामिल है। कुछ केसेस में बच्चों के शरीर पर चकत्ते और अन्य त्वचा संबंधी रोग दिखाई देते हैं। इससे पहले दिल्ली में दो बच्चों 5 साल की परी और 9 साल के क्रिशु की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई है।

अगर बात करें बच्चों में कोरोना के लक्षण की तो हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि ज्यादातर कोविड-19 संक्रमित बच्चों में सामान्य रूप से हल्का बुखार, खांसी, जुकाम, लगातार नाक बहना, सांस लेने में दिक्कत होने के साथ साथ गले में खराश, खाने में स्वाद न आना, सूंघने की क्षमता कम होना, थकान होना, मांसपेशियों में दर्द होना जैसे लक्षण देखे जा रहे हैं। कुछ बच्चों को पेट और आंतों से संबंधी समस्याएं भी हो रही हैं।

इसके अलावा बच्चों में मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम नाम का एक नया सिंड्रोम भी देखा गया है। इस सिंड्रोम के सामान्य लक्षणों में लगातार बुखार रहना, आंखों का लाल होना, धड़कनों का तेज होना, सिरदर्द, उल्टी, पेट दर्द, थकान, त्वचा पर चकत्ते पड़ना, होठों पर सूजन, पैरों में सूजन का होना और शरीर के किसी हिस्से में गांठ बनना शामिल हैं।

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