Hijab Controversy: कर्नाटक हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, कहा- धर्म का अनिवार्य हिस्सा नहीं हिजाब, रोक जारी

Hijab Controversy Verdict: हिजाब विवाद केस में कर्नाटक हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि हिजाब धर्म का हिस्सा नहीं है।

Newstrack :  Network
Published By :  Shreya
Update:2022-03-15 10:52 IST

हिजाब पहनीं महिलाएं (कॉन्सेप्ट फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

Hijab Controversy Verdict: हिजाब विवाद केस में कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High Court) ने अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कहा कि हिजाब धर्म का हिस्सा नहीं है। इसी के साथ उच्च न्यायालय ने याचिका को खारिज कर दिया है। अदालत का कहना है कि हिजाब पर बैन का छात्र विरोध नहीं कर सकते हैं। 9 फरवरी हिजाब मामले में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कर्नाटक हाई कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी, न्यायमूर्ति कृष्णा एस दीक्षित और न्यायमूर्ति जेएम खाजी की तीन सदस्यी खंड पीठ ने यह फैसला सुनाया है।

कर्नाटक से शुरू होकर देश के अधिकांश हिस्सों में फैला हिजाब विवाद मामले पर कर्नाटक उच्च न्यायालय ने आज निर्णायक फैसला सुनाते हुए हिजाब पर रोक बरकरार रखी है। अपने इस फैसले में मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि हिजाब धर्म का अनिवार्य हिस्सा नहीं है और इसी के चलते शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहनने को लेकर लगी रोक जारी रहेगी। 

क्या है पूरा मामला (Hijab Controversy Case)?

आपको बता दें कि कर्नाटक स्थित उडप्पी के एक कॉलेज ने हिजाब पहनकर आ रही छात्राओं के प्रवेश पर रोक लगा दी थी, जिसके बाद छात्राओं ने हिजाब को अपनी आस्था का हिस्सा बताते हुए कॉलेज के नियम के विरुद्ध प्रदर्शन किया था तथा इसी के मद्देनज़र इन छात्राओं द्वार बीती 9 फरवरी को कर्नाटक उच्च न्यायाल में एक याचिका दायर की गई थी, जिसके माध्यम से छात्राओं ने शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहनने की अनुमति मांगी थी। मामले में आज सुनवाई करते हुए कर्नाटक हाई कोर्ट की तीन सदस्यी खंड पीठ ने दायर याचिका को खारिज कर दिया है।

इसी के साथ हाई कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी कहा कि शिक्षण संस्थान में लागू यूनिफार्म पहनने पर कोई भी छात्र आपत्ति नहीं कर सकता है।

कर्नाटक में तैनात भारी सुरक्षा

कर्नाटक हाई कोर्ट के इस फैसले के चलते राज्य में भारी सुरक्षा तैनात की गई है। आज के इस फैसले के मद्देनज़र राज्य के कई जगहों पर धारा 144 लागू कर दी है, जो कि 15 मार्च सुबह 6 बजे से लेकर आगामी 21 मार्च को रात 10 बजे तक लागू रहेगी तथा साथ ही इसके अतिरिक्त कोर्ट का फैसला आने के बाद किसी भी समुदाय विशेष को जश्न मनाने की इजाजत नहीं है। कर्नाटक में आज 15 मार्च के दिन प्रदेश के सभी स्कूल-कॉलेजों को भी बंद कर दिया गया है।

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