Hijab Row: कर्नाटक सरकार ने हाईकोर्ट में बताया हिजाब इस्लाम धर्म में जरूरी धार्मिक प्रथा नहीं

जबकि लड़कों ने कहना है कि यदि लड़कियों को हिजाब पहनकर आने की अनुमति दी जाती है तो भगवा शॉल पहनकर आएंगे।

Newstrack :  Network
Published By :  Divyanshu Rao
Update:2022-02-18 20:58 IST
हिजाब विवाद की तस्वीर 

Hijab Row: कर्नाटक में हिजाब विवाद बढ़ता जा रहा है। उडुपी में स्थितमहात्मा गांधी मेमोरियल कॉलेज को 10 दिनों तक बंद रखने के बाद शुक्रवार को खोल दिया है। पिछले हफ्ते इसी कॉलेज में हिजाब और भगवा शॉल को लेकर छात्र समूहों में नोकझोंक और नारेबाजी हुई थी। मुस्लिम छात्राओं ने दिवा किया था कि वह तब हिजाब पहनकर तब से आ रही जब से क़ॉलेज में प्रवेश लिया है।

जबकि लड़कों ने कहना है कि यदि लड़कियों को हिजाब पहनकर आने की अनुमति दी जाती है तो भगवा शॉल पहनकर आएंगे। हालांकि हिजाब को लेकर कर्नाटक हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है। वहीं सरकार ने इसको लेकर कहा की हिजाब इस्लाम की आवश्यक धार्मिक प्रथा नहीं है, न 8 तथ्यों के जरिए जानिए हाईकोर्ट में क्या-क्या दलीलें दी गई है।

हिजाब विवाद की प्रतीकात्मक तस्वीर 

1- कर्नाटक सरकार ने शुक्रवार को हाईकोर्ट में दलील की हिजाब इस्लाम आवश्यक धार्मिक प्रथा नहीं है और इसका इस्तेमाल प्रतिबंधित करने पर भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 का उल्लंघन नहीं होता है। बता दें अनुच्छेद 25 धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी देता है।

2- कुछ मुस्लिम लड़कियों ने आरोप लगाया था कर्नाटक सरकार द्वारा हिजाब और भगवा स्कार्फ पहनने पर रोक लगाने के लिए पांच फरवरी के आदेश से संविधान के अनुच्छेद 25 का उल्लंघन होता है। कर्नाटक के महाधिवक्ता ने (एजी) प्रभुलिंग नवदगी ने इस आरोप का खंडन किया।

3-अनुच्छेद 25 भारत के नागरिकों को अंतःकरण की और धर्म की अबाध रूप से मानने, आचरण और प्रचार करने की स्वतंत्रता देता है। नवदगी ने दलील दी कि सरकार के आदेश से संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (ए) का उल्लंघन नहीं होता।

4- यह अनुच्छेद भारतीय नागरिकों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार देता है। महाधिवक्ता ने यह भी कहा कि राज्य सरकार का पांच फरवरी का आदेश कानून सम्मत है और उसमें आपत्ति करने जैसी कोई चीज नहीं है।

5- हिजाब प्रतिबंध लड़ रही मुस्लिम छात्राओं ने हाईकोर्ट से अपील की उन्हें कम से कम शुक्रवार और रमजान के दिन हिजाब पहनकर कक्षाओं में जाने की अनुमति दग जाए। छात्राओं ने दावा किया हिजाब पर प्रतिबंध पवित्र कुरान पर प्रतिबंध लगाने के बराबर है।

6- वहीं हाईकोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में हिजाब विवाद से संबंधित सभी याचिकाओं पर विचार लंबित रखते हुए पिछले सप्ताह सभी विद्यार्थियों को कक्षा के भीतर भगवा शॉल, स्कार्फ, हिजाब पहनने और कोई भी धार्मिक ध्वज लाने से रोक दिया था।

7- न्यायमूर्ति ऋतुराज अवस्थी, न्यायमूर्ति जे. एम. काजी और न्यायमूर्ति कृष्ण एस. दीक्षित की हाईकोर्ट की पूर्ण पीठ के समक्ष मुस्लिम लड़कियों की ओर से पेश हुए वकील विनोद कुलकर्णी ने कहा, 'गरीब मुस्लिम लड़कियां हिजाब पहनने पर प्रतिबंध के कारण पीड़ित हैं।

8- कुलकर्णी ने दलील देते हुए कहा कि हिजाब मुद्दे के कारण देश में एक 'सामूहिक उन्माद' है। हिजाब 'स्वास्थ्य या नैतिकता के खिलाफ नहीं है।'

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