केरल में आज तय होगा किसकी बनेगी सरकार, जानें कैसा है यहां का इतिहास

140 सीटों वाले केरल यूडीएफ और एलडीएफ दोनों ही राज्य की सत्ता में आने की कोशिश में हैं। इन दोनों पार्टियों में टक्कर है।

Update:2021-05-02 09:14 IST

फाइल फोटो— (साभार—सोशल मीडिया)

नई दिल्ली। पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे आज आने हैं। इसके लिए मतगणना भी शुरू हो गई है। 140 सीटों वाले केरल यूडीएफ और एलडीएफ दोनों ही राज्य की सत्ता में आने की कोशिश में हैं। खबरों की मानें तो इन दोनों पार्टियों में कांटे की टक्कर चल रही है। केरल में इन दोनों गठबंधन के लिए यह चुनाव काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन सत्ता में बने रहना चाहते हैं और कांग्रेस राज्य में अपनी जड़ें जमाने की फिराक में है।

बता दें कि केरल देश का इकलौता लेफ्ट रूल्ड राज्य है। वहीं राहुल गांधी ने कांग्रेस के लिए केरल अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं इसलिए यह चुनाव दोनों दलों के राजनीतिक भविष्य के लिए काफी महत्वपूर्ण है। फिलहाल एग्जिट पोल में एक बार फिर यहां एकबार फिर लेफ्ट की सरकार बनती नजर आ रही है। गौरतलब है कि केरल विधानसभा चुनाव में इस बार 70.52 प्रतिशत लोगों ने वोटिंग की है।

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2016 विधानसभा चुनाव में एलडीएफ ने बनाई थी सरकार

वर्तमान चुनाव नतीजों का आकलन पूर्व के चुनाव नतीजों के आधार पर किया जाता है। लेकिन यहां इस बात का भी ख्याल रखना होगा कि इन पांच वर्षों में सत्ता विरोधी लहर का क्या असर पड़ सकता है। वर्ष 2016 के केरल विधानसभा चुनाव के नतीजों पर नजर दौड़ाई जाए तो एलडीएफ ने 140 सीटों में से 91 सीटों पर जीत दर्ज कर सरकार बनाई थी। कांग्रेस नेतृत्व वाले गठबंधन यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) के खाते में 47 सीटें आई थीं। जबकि राज्य में बुहमत के लिए 71 सीटों की जरूरत थी। इस चुनाव में सीपीआई (एम) को 58, कांग्रेस को 22, सीपीआई को 19, आईयूएमएल को 18, जेडीएस को 03, एनसीपी को 2, बीजेपी और केरल कांग्रेस (एम) को 1—1 तथा अन्य को 11 सीटें मिली थी।

केरल में हर पांच वर्ष पर बदलती है सरकार

बताते चलें कि केरल में हर पांच वर्ष पर सत्ता परिवर्तन होता रहा है। यहां कि जनता पांच साल पर सरकार बदलने के लिए मतदान करती है। इस बार के चुनाव नतीजे आने के बाद यदि विजयन सत्ता में काबिज रहते हैं तो यह उनके लिए बड़ी उप​लब्धि होगी और सत्ता परिवर्तन का ट्रेंड भी बदलेगा। फिलहाल बीजेपी ने राज्य में सरकार के खिलाफ आक्रामक अभियान का नेतृत्व किया, लेकिन किसी भी एग्जिट पोल में पार्टी को पांच सीटों से ज्यादा मिलने की बात नहीं कही गई है।

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