मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा- सरकार दखल न दे, डेढ़ साल में खत्म कर देंगे तीन तलाक

Update:2017-04-11 17:59 IST
तीन तलाक पर केंद्र सरकार ने नए कानून की जरूरत को किया खारिज

नई दिल्ली: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का कहना है कि अगले डेढ़ साल में तीन तलाक को खत्‍म कर दिया जाएगा। इस मसले पर बोर्ड के उपाध्‍यक्ष डॉ. सईद सादिक ने अंग्रेजी न्‍यूज चैनल 'न्‍यूज 18' को बताया कि इस मामले में सरकार को दखल देने की जरूरत नहीं है।

ये बयान उस दावे के दो दिन बाद आया है जिसमें कहा गया था कि देशभर की साढ़े तीन करोड़ मुस्लिम महिलाओं ने शरीयत और तीन तलाक का समर्थन किया है। बोर्ड की ओर से सुप्रीम कोर्ट को कहा गया था कि इस मामले को चुनौती देने वाली याचिकाएं सुनवाई योग्‍य नहीं है क्‍योंकि यह न्‍यायपालिका के दायरे से बाहर की हैं। कुरान पर आधारित कानून की वैधता को संविधान के कुछ नियमों के आधार पर नहीं परखा जा सकता।

सरकार न दे दखल

आल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड आने वाले दिनों में सोशल मीडिया का सहारा लेगा। बोर्ड कार्यकारिणी की आगामी 15 अप्रैल को शुरू होने वाली दो दिवसीय बैठक में इस सिलसिले में कार्ययोजना तैयार की जाएगी। साथ ही तीन तलाक और अयोध्या विवाद के बातचीत से हल समेत कई अहम मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जाएगा। वहीं दूसरी ओर, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का कहना है कि अगले डेढ़ साल में तीन तलाक को खत्‍म कर दिया जाएगा। इस मामले में उन्होंने सरकार से दखल नहीं देने को कहा है।

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लंबित मुकदमों में बोर्ड है पक्षकार

बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने बताया कि बैठक के एजेंडा में मुख्य रूप से तीन तलाक को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जारी मामले की पैरवी और बाबरी मस्जिद विवाद को बातचीत के जरिए सुलझाने की सुप्रीम कोर्ट की पेशकश पर विचार-विमर्श किया जाएगा। साथ ही बोर्ड की महिला शाखाओं को और मजबूत करने के रास्तों पर भी चर्चा होगी। मालूम हो कि तीन तलाक को लेकर सुप्रीम कोर्ट में लंबित मुकदमे में ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड एक पक्षकार है।

हामिद अंसारी की पत्‍नी ने भी किया विरोध

गौरतलब है कि हाल ही में उपराष्‍ट्रपति हामिद अंसारी की पत्‍नी सलमा अंसारी ने भी तीन तलाक के विरोध में आवाज उठाई थी। उन्‍होंने कहा था कि केवल तीन बार तलाक बोलने से तलाक नहीं हो जाता। उन्‍होंने महिलाओं से कहा था कि वे मौलवियों की बात मानने की बजाय कुरान को ठीक से पढ़ें।

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