गोरखपुर: यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान कई नए शब्दों को इजाद किया गया, जिनके वास्तविक मतलब तो कुछ और हैं लेकिन इस चुनावी मौसम में उनके मायने कुछ और ही हैं। बता दें कि इससे पहले 'स्कैम', 'विकास', 'बसपा' और अब 'कसाब' शब्द सामने आया है।
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने बुधवार (22 फरवरी) को खजनी विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी प्रत्याशी संत प्रसाद के पक्ष में जनसभा को संबोधित करने आए थे। इस दौरान उन्होंने कहा, कि ‘कसाब’ ने यूपी का बंटाधार कर रखा है।
गौरतलब है कि इससे जेहन में ये सवाल उठाना लाजिमी है कि आखिरकार साल 2008 के मुंबई हमलों में शामिल अजमल आमिर कसाब को तो फांसी दे दी गई थी फिर ये नया कसाब कौन है? तो अमित शाह ने खुद ही इसका (कसाब) मतलब भी बताया।
ये है 'कसाब' का मतलब
अमित शाह ने 'कसाब' का परिचय देते हुए कहा, कि उनके बोले गए कसाब के 'क' का मतलब- कांग्रेस पार्टी, 'स' का मतलब- समाजवादी पार्टी और 'ब' का मतलब- बहुजन समाज पार्टी है।
अखिलेश ने प्रदेश को अपराध में नंबर वन बनाया
इसके अलावा अमित शाह के निशाने पर सत्ताधारी समाजवादी पार्टी रही। उन्होंने कहा, 'अखिलेश की पार्टी का नारा है ‘काम बोलता है'। अखिलेश ने काम किया है। उन्होंने हत्या के मामले में यूपी को पहले पायदान पर ला दिया। बलात्कार के मामले में भी प्रदेश को नंबर वन बना दिया है।'
बदली सिर्फ समाजवादी कार्यकर्ताओं की किस्मत
अमित शाह ने कहा, 'आप समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं का घर देख आइए। पांच साल पहले क्या थे, आज क्या हैं? कभी टिन शेड था, आज हवेली है। कभी मोपेट था आज फॉर्च्यूनर है। यही लुटेरों की सरकार है।'
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