नोटबंदी पर रिटायरमेंट के बाद SBI की पूर्व चेयरपर्सन का बदला बयान
नोटबंदी के समय जिम्मेदार अधिकारियों के मुंह से नोटबंदी का दर्द गाहे बगाहे छलक ही जाता है। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की पूर्व चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य ने नोटबंदी को लेकर अपना बयान दिया है
मुंबई: नोटबंदी पर जिम्मेदार अधिकारियों के मुंह से नोटबंदी का दर्द गाहे बगाहे छलक ही जाता है। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की पूर्व चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य ने नोटबंदी को लेकर अपना बयान दिया है। दरअसल बीते साल 8 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1,000 रुपए के नोटों को बैन कर चलन बाहर कर दिया था। उस समय भारतीय स्टेट बैंक की चेयरपर्सन ने कहा था कि हालात 50 से कम दिनों में सुधर जाएंगे।
इस फैसले का मकसद देश में छिपा कालाधन, भ्रष्टाचार और नकली मुद्रा पर लगाम लगाना था। लेकिन अब भट्टाचार्य ने कहा है कि बैंकों को नोटबंदी की तैयारी के लिए और समय दिया जाना चाहिए था। ऐसे में अचानक नोटबंदी होने पर बैंकों पर काफी दबाव पड़ा है।
अरुंधति भट्टाचार्य ने इंडिया टुडे के एक कार्यक्रम में कहा कि अगर हम किसी नई तरह की चीज के लिए तैयार होते हैं, तब यह ज्यादा सार्थक और बेहतर होता। स्पष्ट तौर पर अगर नोटबंदी के लिए थोड़ी अधिक तैयारी का मौका मिलता, निश्चित रूप से इसका हम पर दबाव कम होता। उन्होंने कहा कि अगर आपको नकदी लानी-ले जानी होती है, उसके कुछ नियम है। यह बड़ा कार्य होता है।