असम में NRC : दीदी से नाराज पार्टी अध्यक्ष द्विपेन पाठक समेत तीन का इस्तीफा
गुवाहाटी: एनआरसी के मुददे पर तृणमूल कांग्रेस में उठ रहे मतभेद उस समय उभर कर बाहर आ गए जब तृणमूल कांग्रेस की असम इकाई के अध्यक्ष द्विपेन पाठक और दो अन्य नेताओं ने एनआरसी के अंतिम मसौदे के प्रति पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी के रूख के खिलाफ गुरुवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया।
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ताजा धटनाक्रम के अनुसार गुरूवार को सिलचर हवाई एयरपोर्ट पर तृणमूल कांग्रेस की उस कमेटी को गिरफ्तार कर लिया गया था जो असम में एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) की जमीनी हकीकत तलाशने के लिए राज्य के दौरे पर गया था। तृणमूल के आठ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में छह सांसद भी हैं। तृणमूल कांग्रेस ने इसे सुपर इमरजेंसी की संज्ञा देते हुए कहा है कि उसके नेताओं को पीटा तक गया है।
खबरों के मुताबिक तृणमूल कांग्रेस के रुख पर असम के कई दलों और संगठनों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। राज्य इकाई के अध्यक्ष द्विपेन पाठक ने असम में चल रहे ताजा हालात के बारे में ममता बनर्जी को अवगत कराया था और राज्य में प्रतिनिधिमंडल नहीं भेजने की अपील की थी।
इस्तीफा देने वाले तीन नेताओं में एक और गोलाघाट से पार्टी के नेता दिगंता सैकिया ने असमी विरोधी रुख अपनाने को लेकर बनर्जी के खिलाफ मामला दर्ज कराने की भी धमकी दी। असम में सत्तारुढ़ भाजपा और अन्य दलों ने कहा है कि बराक घाटी में तृणमूल का कोई अस्तित्व नहीं है।
पाठक का कहना है कि इस पृष्ठभूमि में मेरे लिए उस पार्टी में बने रहना संभव नहीं है जो असमी भावना को महत्व नहीं देती। उन्होंने कहा, असम में तृणमूल का कोई अस्तित्व नहीं है।