वाराणसीः पूर्वांचल की ऑक्सफोर्ड कही जाने वाली काशी हिन्दू यूनिवर्सिटी ने गांव के विकास 100 गांवों को गोद लिया है। बीएचयू के कुलपति प्रो.जीसी त्रिपाठी ने बताया कि बीएचयू ने 100 गावों का चयन भी कर लिया है। विकास के असली मायने यानि की साक्षरता और रोगमुक्त गांव का निर्माण करते हुए बीएचयू ने नरेंद्र मोदी के आदर्श ग्राम योजना को एक नया रूप दिया है।
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कहते है साक्षरता और स्वस्थ सेहत ही विकास की असली कुंजी होती है। इन्ही बातों को आधार बनाते हुए बीएचयू ने 100 गांव को गोद लिया है। यूनिवर्सिटी इन गांवों के लोगों को शिक्षित कर और गांव को रोगमुक्त विकास पथ पर ले जाने का प्रयास करेगी। मौलिक विकास की राह में यूनिवर्सिटी गांववासियों को पर्यावरण और जल संचय के प्रति जागरूक तो करेगा ही साथ ही गांव में जलकुंडों सरोवरों और तालाबों की देख-भाल का भी तरीका बताएगा।
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समाज में विकास की सच्ची धारा बहाने की और बीएचयू के कदम बढ़ चुकें हैं। यूनिवर्सिटी के इस कदम को कई समाजसेवियों ने बेहद आवश्यक और जरूरी बताया है। योग प्रशिक्षिका एवं समाजसेविका पुष्पांजलि शर्मा ने कहा समाज की दशा और दिशा सुधारने के लिए सदियों से काम कर रहे कुछ समाजसेवियों की माने तो विकास तब तक अधूरा है जब तक लोगों के पास अच्छे स्वास्थ और शिक्षा का आभाव है।
शिक्षा और स्वास्थ दोनों ही क्षेत्र में बीएसयू को महारत हासिल है। ऐसे में गांव को नए सिरे से बसाते हुए लोगों को शिक्षित और स्वस्थ बनाकर विकास को जनजन तक पहुंचाना एक बेहतर विकल्प की तरह देखा जाएगा।