लखनऊ: यूपी विधानसभा का शीतकालीन सत्र गुरुवार (14 दिसंबर) को बिजली की बढ़ी दरें और किसानों की समस्याओं को लेकर विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ गया। कोई कामकाज नहीं हो सका। विधानसभा अध्यक्ष ह्रदय नारायण दीक्षित ने विपक्ष के रवैए पर नाराजगी जताई और कहा, कि 'हंगामा करने के लिए सपा योजना बनाकर सदन में आई थी।'
सियासत में अकसर कहा जाता है कि होता है वह दिखता नहीं जो दिखता है वो होता नहीं। लेकिन, उत्तर प्रदेश के शीतकालीन सत्र के पहले दिन वहीं हुआ जिसका अंदाजा था। विपक्ष ने जमकर हंगामा किया पहले दिन की कार्यवाही हंगामे के भेंट चढ़ गई। विपक्ष ने हंगामा किया और विपक्ष के हंगामे के बीच सरकार ने अपने विधायक पेश कर दिए यानी 'तुम्हारी भी जय-जय, हमारी भी जय जय।'
विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों ही जीते
शीतकालीन सत्र के पहले दिन विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों में से कोई नहीं हारा। दोनो जीते। विपक्ष को चाहिए था कि हंगामा करें वो उसने किया। विपक्ष को चाहिए था कि कार्यवाही स्थगित हो वो भी हुई। सत्ता पक्ष को चाहिए था कि विधेयक पेश हो जाएं। विधेयक पेश हो गये। सत्ता पक्ष चाहता था कि सदन न चलने की तोहमत विपक्ष पर आए वह भी विपक्ष के सर ठीकरा फूटा
नजारा कुछ बदला-बदला नजर आया
इस दौरान सदन का नजारा कुछ बदला-बदला नजर आया। सीएम योगी आदित्यनाथ और सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान साथ-साथ आए। दानों कुछ देर हाथ पकड़कर साथ भी चले। सदन में ये नजारा देखने लायक था। सीएम पर हमेशा हमलावर रहने वाले आजम के भी चेहरे पर मुस्कुराहट थी। पूरे सदन ने मुस्कान के साथ इस नजारे को देखा।
विधायकों के अधिकार का हो रहा हनन
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सपा, बसपा और कांग्रेस के सदस्यों ने हाल में बढाई गई बिजली की दरों को वापस लेने की मांग करते हुए हंगामा शुरू कर दिया। हंगामा करते सदस्य सदन के बीच में आ गए। सपा के सदस्य हाथ में बैनर और पोस्टर लिए थे, जिसमें बढी बिजली दरों को वापस लेने की मांग की गई थी। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा, कि 'सपा सभी विधायकों के अधिकार का हनन कर रही है।'
विपक्ष का रवैया आलोकतंत्रिक
हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही पहले 15 मिनट के लिए स्थगित की गई। बिजली मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा, कि 'विपक्ष का रवैया आलोकतंत्रिक है। विपक्ष सदन नहीं चलने देना चाहता है। गांव में बिजली पहुंचाना बड़ी समस्या है। विपक्ष के कारण ही 78 हजार करोड़ का घाटा बिजली विभाग को हुआ है।' उन्होंने कहा, कि राज्य की जनता ने विपक्ष को नकार दिया है।
सदन दिनभर के लिए स्थगित
स्थगन के बाद कार्यवाही शुरू होते ही एक बार फिर हंगामे की भी शुरुआत हो गई। विधानसभा अध्यक्ष ने कार्यवाही को आधा घंटे के लिए फिर दिनभर के लिए स्थगित कर दिया। बसपा के लालजी वर्मा ने कहा, 'कि बिजली की दर बढ़ाने में सरकार ने जनता का ध्यान नहीं रखा। बसपा ये मामला प्रश्नकाल से पहले उठाना चाहती थी लेकिन सरकार ने मौक़ा नहीं दिया। हम सरकार को बाध्य करेंगे कि बढ़ी दरें वापस ली जाएं।'
सरकार किसानों की कमर तोड़ने पर अमादा
कांग्रेस के अजय कुमार लालू ने कहा, कि 'बिजली की बढ़ी दरों पर काम रोको प्रस्ताव दिया था। पार्टी इसका विरोध तब तक जारी रखेगी, जब तक सरकार बढी दरें वापस नहीं ले लेती। विपक्ष ने नेता राम गोविंद चौधरी ने कहा, कि सरकार किसानों की कमर तोड़ने पर अमादा है। सरकार बिजली की बढ़ी दर वापस ले।'