SP सरकार में शुरू हुई 4000 उर्दू शिक्षकों की भर्ती पर योगी ने लगाई रोक, ‘बबुआ’ को दिया झटका

Update: 2018-10-09 03:31 GMT

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग ने 4000 उर्दू शिक्षक भर्ती को निरस्त कर दिया है। बता दें, ये भर्तियां पूर्ववर्ती समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान हुई थीं। वहीं, इस मामले में योगी सरकार ने तर्क दिया है कि पहले से ही तय मानक से ज्यादा उर्दू शिक्षक बेसिक शिक्षा विभाग के पास हैं। ऐसी स्थिति में विभाग को और शिक्षकों की जरूरत नहीं है।

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15 दिसंबर 2016 को पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सरकार के कार्यकाल में 4000 उर्दू शिक्षकों की प्राथमिक स्कूलों में भर्ती करने की मंजूरी मिली थी। ऐसे में बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राथमिक विद्यालयों में सहायक शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया शुरू की गई थी। मगर सरकार बदलते ही ये भर्तियां ठंडे बस्ते में चली गई थीं।

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मगर अब योगी सरकार ने इन भर्तियों को निरस्त करते हुए उर्दू भाषा के शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को खत्म करने का फैसला ले लिया है। इसका मतलब ये हुआ कि बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राथमिक विद्यालयों में सहायक शिक्षकों के रिक्त 16460 पदों के तहत शिक्षकों की भर्ती तो होगी लेकिन अब ये सभी शिक्षकों की भर्ती आम शिक्षकों की तरह होगी।

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