गोरखपुर: देश में चल रहे आईसीसी-20 वर्ल्डकप में भारत-बांग्लादेश के बीच बुधवार को खेले गए मुकाबले की रोचकता ने गोरखपुर में एक क्रिकेट प्रेमी की जान ले ली। दरअसल, इस मैच के अंतिम ओवर में शुरुआती तीन गेंदों में नौ रन बनते ही बिस्टौली बुजुर्ग गांव के एक 55 वर्षीय अधेड़ की दिल का दौरा पड़ने की वजह से मौत हो गई।
एक ओवर में चाहिये थे 11 रन
-इस मैच को जीतने के लिए बांग्लादेश को आखिरी ओवर में 11 रनों की जरूरत थी।
-मुशफिकुर रहीम और महमुदुल्लाह मैदान पर टिके थे।
-गेंदबाजी की कमान युवा आलराउंडर हार्दिक पांड्या को सौंपी गई थी।
-पहली गेंद पर महमुदुल्लाह ने एक रन लेकर स्ट्राइक मुशफिकुर रहीम को सौंप दी थी।
सह ना सके हार की डर का सदमा
-मुशफिकुर रहीम ने पांचवी और चौथी गेंद पर लगातार दो चौके लगा दिए।
-अब बांग्लादेश को तीन गेंदों में मात्र 2 रन की आवश्यकता थी।
-उस समय लग रहा था कि भारत यह मैच हार जाएगा।
-अगर भारत यह मैच हार जाता तो भारत के लिए सेमीफाइनल में पहुंच पाना बहुत ही मुश्किल हो जाता।
-बिस्टौली बुजुर्ग गांव में रहने वाले ओमप्रकाश शुक्ल अपने छोट बेटे और गांव के कुछ लोगों के साथ यह मैच देख रहे थे।
-जैसे ही रहीम ने चौथी गेंद पर चौका जड़ा, ओमप्रकाश भारत की हार सुनिश्चित होने का सदमा बर्दाश्त न कर सके।
-अचानक उनके सीने में दर्द शुरू हो गया।
-जब तक घरवाले और गांव वाले कुछ समझ पाते ओमप्रकाश की मौत हो चुकी थी।
कौन थे ओमप्रकाश
-ओम प्रकाश 6 बच्चों के पिता थे।
-बड़ा बेटा संतोष बंगलौर में काम करता है।
-दूसरे नंबर का बेटा दिग्विजय सऊदी में काम करता है और छोटा बेटा विकास घर पर रहता है।
-ओम प्रकाश घर पर ही रहते हैं। बाकी तीनों लड़कियों की वह पहले ही शादी कर चुके थे।
राप्ती नदी के तट पर हुआ अंतिम संस्कार
-गुरुवार की सुबह राप्ती नदी के किनारे चांद घाट पर उनका अंतिम संस्कार हुआ।
-होली के एक दिन पहले घटी इस घटना से घर में तो मातम छा ही गया। साथ गांव की होली भी फिंकी रही।
भले ही भारत ने एक बड़ा उलटफेर करते हुए यह मैच एक रन से जीत लिया, लेकिन फिर भी मैच की रोमांचकता से एक क्रिकेट प्रेमी की जान चली गई।