मुस्लिम महिलाओं ने उतारी थी राम की आरती, अब ‘इस्लाम से खारिज’

Update: 2017-10-21 11:22 GMT

सहारनपुर : दिवाली पर वाराणसी में भगवान राम की आरती उतारने वाली मुस्लिम महिलाओं पर दारुल उलूम कड़ाई करने का मन बना चुका है। देवबंद ने इन महिलाओं को इस्लाम से खारिज कर दिया और कहा कि अगर कोई भी मुस्लिम अल्लाह के अलावा किसी और भगवान को मानता है तो वह मुस्लिम नहीं रहता। दारुल उलूम ने हिदायत देते हुए कहा कि वे अल्लाह से माफी मांग कलमा पढ़ कर ही इमान में दाखिल हों।

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भगवान राम की आरती करने वाली एक महिला नाजनीन अंसारी ने कहा अयोध्या एक तीर्थ स्थान है, जहां इमाम-ए-हिंद श्री राम रहते हैं। इस तरह के कार्यक्रम से हिंदू और मुस्लिमों के बीच की दूरियां कम होंगी।

उन्होंने जोर देते हुए कहा श्री राम हमारे पूर्वज हैं। हम हमारे नाम और धर्म बदल सकते हैं लेकिन अपने पूर्वजों को नहीं बदला जा सकता। भगवान राम की पूजा करने से ना केवल हिंदू और मुस्लिमों के बीच की दूरियां कम होंगी बल्कि ऐसा करने से इस्लाम की उदारता भी दिखाई देती है।

आपको बता दें, मुस्लिम महिलाओं द्वारा भगवान राम की आरती करने का सिलसिला 2006 में संकट मोचन मंदिर में आतंकी हमला होने के बाद आरंभ हुआ। 11 वर्षों से मुस्लिम महिला फाउंडेशन राम नवमी और दिवाली पर भगवान राम की आरती करता आ रहा है।

देवबंद के मुताबिक आरती करना और महिलाओं का सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर फोटो अपलोड करना हराम है।

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