अमृतसर के निरंकारी भवन पर ग्रेनेड अटैक को लेकर चश्मदीदों ने बताई खौफनाक कहानी

Update: 2018-11-19 05:16 GMT

अमृतसर: पंजाब के अमृतसर शहर के अदावली गांव के संत निरंकारी भवन में रविवार को हुए आतंकी हमले में 3 लोगों की मौत हो गई जबकि 20 से अधिक गंभीर रूप से घायल हो गए। राजासांसी के अदावली गांव में ग्रेनेड अटैक हुआ। वहीं, इस हमले ने पूरे राज्य में हड़कंप मचा हुआ है। पंजाब समेत राजधानी दिल्ली, हरियाणा और एनसीआर में में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है।

यह भी पढ़ें: क्या ‘दिग्गी राजा’ के हैं माओवादियों से संबंध, अब पुणे पुलिस करेगी जांच!

उधर, पुलिस का कहना है कि इस हादसे के पीछे खालिस्तानी समर्थक हो सकते हैं। दरअसल, पुलिस के हाथ इस घटना से जुड़ी कुछ तस्वीरें हाथ लगी हैं, जिनको देखने बाद शक इसी बात पर जा रहा है कि ISI का मॉडल-खालिस्तान का मॉड्यूल इस साजिश के पीछे हो सकता है। वहीं, जिन दो लड़कों पर ग्रेनेड फेंकने का शक है, उनकी तस्वीर भी सामने आई है। पुलिस लगातार उनकी तलाश कर रही है।

यह भी पढ़ें: देश की पहली महिला PM इंदिरा गांधी की 101वीं जयंती आज, यहां जानें रोचक बातें

इस मामले में चश्मदीदों ने उस खौफनाक वक्त की पूरी कहानी बताई है। चश्मदीदों में से गगनदीप सिंह ने बताया कि उसकी ड्यूटी रविवार को गेट पर ही लगी थी। गगनदीप ने आगे बताया कि उसने देखा था कि संगत करने वाले लोगों का एक ग्रुप पीटर रेहड़ा (जुगाड़ गाड़ी) पर सवार होकर निरंकारी भवन आया।

यह भी पढ़ें: सबरीमाला विवाद: श्रद्धालुओं की गिरफ्तारी के बाद सन्नीधानम में विरोध प्रदर्शन

इसके बाद ही दो युवक चेहरे ढककर वहां गाड़ी से आए और वहां पहुंचकर उन्होंने गगनदीप से पूरे कार्यक्रम के बारे में पूछा। जब एक युवक गगनदीप से कार्यक्रम के बारे में पूछ रहा था कि तभी दूसरे युवक ने गगन पर पिस्तौल तानकर उन दोनों को अपने साथ अन्दर लेकर जाने को कहा।

इस दौरान दोनों युवकों ने गगन से पार्किंग पर चौकीदारी कर रहे सेवादार लखबीर सिंह को भी बुलाने को कहा। जब लखबीर भी वहां पहुंच गया तब युवकों ने धार्मिक सभा पर मौजूद लोगों पर ग्रेनेड फेंक दिया और दोनों वहां से भाग गए। ग्रेनेड से हमला होने के कारण वहां भगदड़ मच गई और दोनों युवक भागने में सफल हो गए।

Tags:    

Similar News