कानपुर: आईआईटी कानपुर ने रैगिंग के मामले में एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। जिसमे 16 दोषी छात्रों को 3 साल तक के लिए सस्पेंड कर दिया है। बीते सोमवार को सीनेट की बैठक में अंतिम मुहर लगा दी गई और इस फैसले से सस्पेंड छात्रों को अवगत भी करा दिया।
इंस्टिट्यूट के डिप्टी डायरेक्टर मणींद्र अग्रवाल के मुताबिक, 16 छात्र 3 साल और बाकी 6 छात्र 1 साल के लिए निलंबित हुए हैं। सस्पेंड छात्र अपनी सजा पूरी करने के बाद ही इस संस्थान में पढाई कर सकते है। सितंबर माह में सामने आए इस केस के बाद संस्थान की सर्वोच्च अकेडमिक बॉडी सीनेट ने दोषियों को अपना पक्ष रखने के लिए एक मौका भी दिया था।
अगस्त में सेकंड ईयर के छात्रों ने हॉस्टल में फ्रेशर्स के कपड़े उतरवा उन्हें आपस में अश्लील हरकतें करने को मजबूर किया था। मामला जानकारी के बाद जांच के लिए एक कमेटी बनाई गई थी। कमेटी ने 22 सीनियर्स को रैगिंग का दोषी माना था। दशहरे के पहले सीनेट ने सभी दोषी छात्रों को निलंबित कर दिया था। रविवार और सोमवार को उन्हें अपना पक्ष रखने का एक मौका दिया गया। सुनवाई पूरी होने के बाद सोमवार को सर्वसम्मति से रैगिंग के मुख्य आरोपी 16 छात्रों को तीन साल के लिए सस्पेंड कर दिया गया। बचे हुए दोषी 6 छात्र एक साल तक निलंबित रहेंगे।
रैगिंग के बाद संस्थान के प्रोफेसर धीरज संघी ने एक ब्लॉग लिखा था। इसमें पूरे मामले का सिलसिलेवार विवरण दिया गया था। इसके बाद संस्थान प्रशासन इस मामले को दबा नहीं सका और कड़ी कार्रवाई के लिए उसे मजबूर होना पड़ा।