नई दिल्ली: पटरियों के टूटने या क्षतिग्रस्त होने से वाली रेल दुर्घटनाओं पर लगाम कसने के लिए रेल मंत्रालय ने बड़ा कदम उठाया है। मंत्रालय के अनुसार, अगले छह महीने में 6,000 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे, ताकि रेल पटरियों के बोल्ट, क्लिप आदि को पूरी तरह बदला जा सके। जानकारी के अनुसार, पहले उन पटरियों को बदला जाएगा, जो बहुत पुरानी हो चुकी हैं।
रेल मंत्री पीयूष गोयल की ओर से दिए आदेश के बाद सबसे पहले उन पटरियों को बदला जाएगा, जो व्यस्त रूट पर हैं। जानकारी के अनुसार, इस वित्त वर्ष में करीब 3,600 किलोमीटर के ट्रैक बदले जाएंगे। इससे पहले रेलवे प्रति वर्ष 2,000 किलोमीटर का ट्रैक बदलता था।
ये भी पढ़ें ...बदल गया मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम, अब पंडित दीन दयाल उपाध्याय
पुरानी पटरी हादसे की बड़ी वजह
रेल मंत्रालय के मुताबिक, पिछले तीन साल से प्रतिवर्ष 115 से ज्यादा हादसे पुरानी पटरियों की वजह से हो रहे हैं। पीयूष गोयल ने रेलवे बोर्ड को आदेश दिया है, कि वो इसके लिए ट्रेनों की नई समय सारणी (टाइम टेबल) जारी करे, ताकि ट्रैक और सिग्नल का आसानी से मेंटिनेंस किया जा सके।
ये भी पढ़ें ...रेलवे का फरमान, अधिकारियों को अब नहीं मिलेगा VIP ट्रीटमेंट
व्यस्तम रूटों के लिए विशेष दिशानिर्देश
बता दें, कि देश के व्यस्तम रूटों में शुमार दिल्ली-हावड़ा और दिल्ली-मुंबई के लिए भी विशेष दिशानिर्देश दिए गए हैं। क्योंकि, इन रूटों पर हर 10 मिनट में एक ट्रेन गुजरती है, जिससे इंजिनियरों को पटरियों के रखरखाव के लिए ज्यादा समय नहीं मिल पाता है।
ये भी पढ़ें ...पीयूष गोयल बोले- रेलवे एक साल में पैदा कर सकता है 10 लाख नौकरियां