भारतीय सेना की ताकत बढ़ाएगा देश का पहला लाइट टैंक 'जोरावर', छिपे हुए दुश्मनों को मारने में माहिर

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने शनिवार को गुजरात के हजीरा में अपने स्वदेशी हल्के लड़ाकू टैंक 'जोरावर' का सफल परीक्षण किया। इस परियोजना की समीक्षा डीआरडीओ के प्रमुख डॉ. समीर वी. कामत ने की। डीआरडीओ और लार्सन एंड टूब्रो (L&T) ने मिलकर स्वदेशी हल्के लाइट टैंक 'जोरावर' को विकसित किया है।

Newstrack :  Network
Update:2024-07-06 20:22 IST

देश की सीमा पर दुश्मनों को नेस्तनाबूद कर देने के लिए स्वदेशी हल्के लाइट टैंक 'जोरावर' को तेजी के साथ तैयार किया जा रहा है। इसी क्रम में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने शनिवार को गुजरात के हजीरा में अपने स्वदेशी हल्के लड़ाकू टैंक 'जोरावर' का सफल परीक्षण किया। इस परियोजना की समीक्षा डीआरडीओ के प्रमुख डॉ. समीर वी. कामत ने की। डीआरडीओ और लार्सन एंड टूब्रो (L&T) ने मिलकर स्वदेशी हल्के लाइट टैंक 'जोरावर' को विकसित किया है। इसे वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन का मुकाबला करने के उद्देश्य से पूर्वी लद्दाख सेक्टर में भारतीय सेना की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए डीआरडीओ द्वारा इस टैंक को विकसित किया जा रहा है।

भारतीय सेना में 2027 तक होगा शामिल

अपनी हल्के वजन और उच्च क्षमताओं के कारण यह टैंक भारी वजन वाले टी-72 और टी-90 टैंकों की तुलना में पहाड़ों में खड़ी चढ़ाई और नदियों और अन्य जल निकायों को अधिक आसानी से पार कर सकता है। डीआरडीओ प्रमुख डॉ. कामत के अनुसार, सभी परीक्षणों के बाद टैंक को वर्ष 2027 तक भारतीय सेना में शामिल किए जाने की उम्मीद है। वहीं डीआरडीओ टैंक लैब के निदेशक राजेश कुमार ने मीडिया को बताया कि आम तौर पर तीन अलग-अलग प्रकार के टैंक होते हैं। वजन के आधार पर तीन श्रेणियां होती हैं- भारी टैंक, मध्यम टैंक और हल्के टैंक। हर एक की अपनी भूमिका होती है। एक सुरक्षा के लिए और एक आक्रमण के लिए और ये हल्के टैंक दोनों के लिए मिश्रित भूमिका निभाते हैं।

राजेश कुमार आगे बताते हैं कि यदि आप एक हल्का टैंक देखते हैं तो दुनिया में कई खिलाड़ी हल्के टैंक बना रहे हैं। इनमें पश्चिमी, रूसी और चीनी टैंक हैं। भारतीय टैंक की खासियत यह है कि कम वजन होने के साथ टैंकों के सभी मूलभूत मापदंड, जैसे कि आग, शक्ति, गतिशीलता और सुरक्षा इसमें समाहित हैं। तीनों को इस तरह से शामिल किया गया है कि वजन भी समान बना रहे और सभी पैरामीटर भी मिलें। 

भारतीय सेना खरीदेगी कुल 354 टैंक

बता दें कि जोरावर को 19वीं सदी के डोगरा जनरल जोरावर सिंह के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने लद्दाख और पश्चिमी तिब्बत में सैन्य अभियानों का नेतृत्व किया था। भारतीय सेना ने शुरुआत में 59 जोरावर टैंकों का ऑर्डर दिया है, और भविष्य में कुल 354 हल्के टैंकों को खरीदने की योजना है। जोरावर, चीन के मौजूदा हल्के पहाड़ी टैंक जैसे टाइप 15 को सीधी चुनौती देगा। टाइप 15 टैंकों का लद्दाख की ऊंचाईयों में काफी फायदा है।

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