मध्य प्रदेश: किसानों की हड़ताल चौथे दिन भी जारी, सामानों की कमी से जूझ रहे लोग

Update:2017-06-04 13:08 IST
मध्य प्रदेश: किसानों की हड़ताल चौथे दिन भी जारी, सामानों की कमी से जूझ रहे लोग

भोपाल: मध्य प्रदेश में किसानों की हड़ताल के चौथे दिन रविवार (04 जून) को सब्जियों और दूध की आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई है। हड़ताल की वजह से लोगों को दूध नहीं मिल पा रहा है। वहीं, शनिवार की रात किसानों ने कई स्थानों पर उग्र प्रदर्शन किया।

बता दें, कि राज्य के किसान कर्ज माफी, फसल के उचित दाम सहित कई अन्य मांगों को लेकर एक जून से हड़ताल पर हैं। उन्होंने इसे 10 जून तक जारी रखने का ऐलान किया है। हड़ताल के दूसरे दिन से ही आम लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हड़ताल के चौथे दिन तक स्थितियां और बिगड़ गई हैं।

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सड़कों पर दूध-सब्जी फेंकने का दौर जारी

इस हड़ताल का कोई खास संगठन नेतृत्व नहीं कर रहा है। इसका आह्वान भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने किया था। लेकिन स्थानीय स्तर पर अलग-अलग संगठन आंदोलन को संचालित कर रहे हैं। जगह-जगह दूध सड़कों पर बहाया जा रहा है और सब्जियों को भी सड़कों पर फेंकने का दौर जारी है।

कई जिलों में किसान हुए उग्र

किसानों ने शनिवार रात को इंदौर के अलावा, रतलाम, उज्जैन आदि में उग्र हो गए। इंदौर में कई वाहनों में आग लगा दी ओर तोड़फोड़ की, जिस पर पुलिस को लाठीचार्ज कर आंसू गैस के गोले छोड़ना पड़े।

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सीएम ने किसानों को दिया भरोसा

राज्य के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को छिंदवाड़ा में किसानों को भरोसा दिलाया था कि सरकार उनके साथ है। साथ ही आरोप लगाया कि इस आंदोलन में कुछ कांग्रेसी घुस आए हैं, जो उत्पात मचा रहे हैं।

प्रशासन भी हड़ताल को लेकर चिंतित

वहीं, प्रशासन भी इस हड़ताल को लेकर चिंतित है। मुख्य सचिव बसंत प्रताप सिंह ने शनिवार को प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की। वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से जिलाधिकारियों से जिलों की जानकारी प्राप्त करते हुए कानून-व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि किसी प्रकार की अप्रिय घटना नहीं हो, इसका विशेष ध्यान रखा जाए।

समस्या से निपटने के सरकारी प्रयास जारी

मुख्य सचिव ने निर्देश दिए हैं कि जिलों में किसानों के साथ बातचीत कर स्थानीय समस्याओं का निराकरण किया जाए। नागरिकों को दूध एवं आवश्यक सामग्री की आपूर्ति में दिक्कत न हो, इस बाबत पर्याप्त व्यवस्था की जाएं।

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