NIA का बड़ा खुलासा, गिलानी के कैलेंडर में घाटी में अशांति फैलाने का पूरा खाका

हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी के दामाद के घर से एक ऐसा कैलेंडर बरामद हुआ है जिसमें जम्मू-कश्मीर में अशांति फैलाने का पूरा प्लान दर्ज है।

Update:2017-07-31 12:47 IST
हुर्रियत नेता गिलानी के कैलेंडर में घाटी में अशांति फैलाने का पूरा खाका

नई दिल्ली: एनआईए ने कश्मीर के अलगाववादी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है। अलगाववादी नेताओं के ठिकानों पर छापे में उनकी आतंकियों से सांठगांठ का भी खुलासा हुआ। इनके यहां 158 आतंकियों की सूची बरामद हुई है। यह सूची पुलिस ने तैयार की थी। हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी के दामाद के घर से एक ऐसा कैलेंडर बरामद हुआ है जिसमें जम्मू-कश्मीर में अशांति फैलाने का पूरा प्लान दर्ज है। इसमें सुरक्षा बलों और सेना के खिलाफ धरना प्रदर्शन और हिंसा फैलाने का पूरा खाका है। जांच एजेंसी कई कडिय़ों को जोडक़र जांच आगे बढ़ा रही है। सूत्रों के मुताबिक इस कैलेंडर के ऊपर गिलानी के हस्ताक्षर हैं। एनआईए ने गिलानी के दामाद को भी गिरफ्तार कर लिया है। एनआईए ने गिलानी के करीबी माने जाने वाले हुर्रियत लीगल सेल के सदस्य देविंदर सिंह बहल के घर छापा मारा और उनसे घंटों पूछताछ की।

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हुर्रियत नेताओं ने रची लोगों को भडक़ाने की साजिश

कश्मीर में हिंसा के लिए पाकिस्तान और आतंकी संगठनों से फंडिंग होने के मामले की जांच कर रही एनआईए को इस बाबत कई महत्वपूर्ण सबूत मिले हैं। घाटी में बुरहान वानी के मारे जाने के बाद हुॢरयत की ओर से जारी हड़ताल वाला कैलेंडर इस बात का खुलासा करता है कि किस तरह हुर्रियत नेताओं ने घाटी में अशांति फैलाने का तानाबाना बुना था। मालूम हो कि बुरहान के मारे जाने के बाद कश्मीर लंबे समय तक अशांत रहा था। इस कैलेंडर की बरामदगी के बाद इस बात की तस्दीक हुई है कि इसमें अलगाववादी नेताओं की खास भूमिका थी। गिलानी के कैलेंडर में तिथिवार पूरा कार्यक्रम दर्ज है और इसी प्लानिंग के हिसाब से घाटी में सबकुछ होना था। गिलानी के हस्ताक्षरयुक्त हुर्रियत का कैलेंडर अलगाववादी नेता अल्ताफ शाह फंटूश के घर से बरामद हुआ। इसमें कश्मीर में सुरक्षाबलों के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर लोगों को भडक़ाने की साजिश का खाका है। कैलेंडर अगस्त 2016 का बताया जा रहा है। इससे पहले भी कई पत्र एजेंसी को मिले थे, जिनसे हुर्रियत नेताओं और आतंकी गुटों की फंडिंग का खुलासा हुआ। जांच एजेंसी को अलगाववादी नेताओं की अकूत संपत्ति का भी पूरा विवरण हाथ लगा है।

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पहले ही तैयार हो जाता है हिंसा का खाका

अलगाववादी नेता हवाला के जरिए लेनदेन और सीमापार से अवैध व्यापार में भी बेनकाब हुए हैं। एनआईए सूत्रों का कहना है कि कैलेंडर का विश्लेषण करने से यह पूरी तरह साफ हो गया है कि कश्मीर में सेना और सुरक्षाबलों पर पथराव और प्रदर्शन सोची-समझी रणनीति का नतीजा होता है। इसका खाका पहले ही तैयार कर लिया जाता है। पहले ही इस बात की तैयारी कर ली जाती है कि कब क्या और कैसे करना है। गिलानी ने रविवार को संवाददाता सम्मेलन के आयोजन किया था मगर अधिकारियों ने इसे नहीं होने दिया। हुर्रियत के गिलानी गुट के एक प्रवक्ता ने यह जानकारी दी। प्रवक्ता ने बताया कि गिलानी को श्रीनगर के ऊपरी इलाके हैदरपुरा स्थित उनके घर में नजरबंद रखा गया है और गिलानी ने अपने घर पर ही यह संवाददाता सम्मेलन बुलाया था।

158 आतंकियों की गोपनीय सूची भी बरामद

सूत्रों का कहना है कि श्रीनगर में अलगाववादी नेताओं के घर छापेमारी के दौरान पुलिस की ओर से तैयार 158 आतंकियों की सूची मिली। इससे माना जा रहा है कि उनकी आतंकियों से सांठगांठ रही है। एनआईए यह पता लगाने की कोशिश में जुटी है कि अलगाववादियों तक पुलिस की गोपनीय सूची कैसे पहुंची। जांच एजेंसी ने 50 से अधिक पेशेवर पत्थरबाजों को भी चिह्नित किया है जिनके हुर्रियत नेताओं से संबंध रहे हैं। मुठभेड़ स्थलों के पास अलग-अलग लोकेशन पर पहुंचकर इन पत्थरबाजों की ओर से पथराव किए जाने के पुख्ता सबूत जुटाए गए हैं। जांच पड़ताल में यह खुलासा भी हुआ है कि कई पत्थरबाज अपने इलाकों में ही नहीं बल्कि अपने घर से दूर जाकर भी पत्थरबाजी की घटना को अंजाम देते हैं।

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कैलेंडर में दर्ज है तिथिवार कार्यक्रम का ब्योरा

4 अगस्त, 2016 को सेना और सुरक्षाबलों के खिलाफ धरना प्रदर्शन।

6 अगस्त, 2016 लोगों से अलग-अलग जगह पर इकट्ठा होने, धरना प्रदर्शन की अपील।

8 अगस्त, 2016 श्रीनगर की ओर जाने वाली सभी सडक़ों को ब्लॉक करना और लोगों को ड्यूटी ज्वाइन करने से रोकना, सभी को फोन कर इस बात का दबाव बनाना कि वे अपने दफ्तर न जाएं।

9 अगस्त, 2016 औरतों से अपील कि वे प्रदर्शन में शामिल हों और जगह-जगह इस्लामिक और आजादी के गाने मस्जिदों से बजाए जाएं।

10 अगस्त, 2016 जम्मू-कश्मीर में तैनात सभी सुरक्षाबलों को पत्र देकर कहा जाए कि वे यहंा से वापस जाएं।

11 अगस्त, 2016 कश्मीर में सभी भारत समॢथत राजनेताओं और सरपंचों से यह कहा जाए कि वे अपने पदों से त्यागपत्र दें और अपने-अपने दरवाजों पर त्यागपत्र की कॉपी चिपकाएं।

12 अगस्त, 2016 आजादी के समर्थन में सभी इमामों से कहा जाए कि मस्जिदों में लोगों को आजादी के लिए जागरूक करें और मस्जिद के दरवाजे पर आजादी के पोस्टर चिपका कर रखें।

13 अगस्त, 2016 काले झंडे लेकर प्रदर्शन में शामिल हों।

14 अगस्त, 2016 पाकिस्तान दिवस के दिन पाकिस्तान के लिए विशेष कार्यक्रम किए जाएं, नमाज अता की जाएं और हर मस्जिद में पूरे दिन आजादी के गाने बजाए जाएं।

15 अगस्त, 2016 जम्मू कश्मीर में काला दिवस मनाया जाए, घरों के ऊपर भी काले झंडे लगाए जाएं। दुकान, बाजार और हर चौराहे पर काले झंडे लगाए जाएं।

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