बड़ा खुलासाः पाक दे रहा उ. कोरिया को परमाणु तकनीकी, चीन जानकर भी चुप

Update: 2016-06-22 20:07 GMT

वॉशिंगटनः पाकिस्तान के दुस्साहस के बारे में बड़ा खुलासा हुआ है। पता चला है कि वह अभी भी उत्तर कोरिया को चोरी-छिपे परमाणु तकनीकी दे रहा है और चीन इस बारे में सबकुछ जानते हुए भी चुप है। ऐसे में न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप (एनएसजी) में उसे मेंबर बनाने की चीन की कोशिश को ध्वस्त करने की तैयारी में पश्चिमी देश जुट गए हैं।

बता दें कि पाकिस्तान पहले भी उत्तर कोरिया और ईरान को चोरी-छिपे परमाणु तकनीकी बेचने के आरोप में दोषी पाया जा चुका है। उस वक्त पाकिस्तान के राष्ट्रपति रहे परवेज मुशर्रफ ने आरोप साबित होने के बाद अपने देश के परमाणु हथियारों के जनक डॉ. अब्दुल कदीर खान को कई साल तक घर पर ही नजरबंद तक रखा था। मुशर्रफ ने उस वक्त कहा था कि परमाणु तकनीकी बेचे जाने की जानकारी पाकिस्तान सरकार को नहीं दी गई थी।

क्या कर रहा है पाकिस्तान?

-पाकिस्तान परमाणु ऊर्जा आयोग (पीएईसी) उत्तर कोरिया को परमाणु तकनीकी और मैटेरियल बेच रहा है।

-इनमें मॉनेल और इनकॉनेल मैटेरियल भी हैं। ये बिक्री संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों के बावजूद की जा रही है।

-चीन से मिले परमाणु मैटेरियल को भी पाकिस्तान ने उत्तर कोरिया को दिया है।

-चीन की कंपनी बीजिंग सनटेक टेक्नोलॉजी से मिला मैटेरियल देने की शिकायत चाइना अटॉमिक एनर्जी अथॉरिटी से की गई है।

-इस शिकायत के बावजूद चीन की सरकार ने एनएसजी में पाक को शामिल कराने के लिए चुप्पी साधे रखी।

पश्चिमी देशों को पाक के हरकत की जानकारी

-बताया जा रहा है कि उत्तर कोरिया को परमाणु मैटेरियल देने की जानकारी पश्चिम देशों को मिली।

-इसके अलावा उत्तर कोरिया को पाक से परमाणु हथियार बनाने संबंधी यंत्र भी देने की जानकारी मिली।

-चीन से वैक्यूम इंडक्शन मेल्टिंग फर्नेस लेकर भी उत्तर कोरिया को पाक ने दिए।

-इनसे परमाणु बम के न्यूक्लियर कोर को बनाने का काम किया जाता है।

-अमेरिकी सरकार ने एनएसजी के तमाम देशों से पाकिस्तान के इस दुस्साहस और उसके सबूत साझा किए हैं।

उत्तर कोरिया के राजनयिक जाते रहते हैं पाक

-ईरान में तैनात उत्तर कोरिया के दो राजनयिक किम योंग चोई और जांग योंग सन लगातार पाक जाते रहे।

-ये दोनों राजनयिक उत्तर कोरिया के माइनिंग डेवलपमेंट ट्रेडिंग कॉरपोरेशन (केओएमआईडी) से जुड़े हैं।

-उत्तर कोरिया के इस संस्थान पर यूएन सिक्योरिटी काउंसिल ने कई बार प्रतिबंध लगाए हैं।

-दोनों राजनयिकों के दौरों के बारे में सिक्योरिटी काउंसिल ने साल 2015 में पाक से जानकारी भी मांगी थी।

-पाक ने पहले इनकार किया, लेकिन बाद में सबूत दिखाने पर उसने दोनों के दौरों की जानकारी साझा की।

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