Good News: 1 अप्रैल से मेल-एक्सप्रेस के किराए में कर सकेंगे शताब्दी-राजधानी में यात्रा

Update:2017-03-22 02:45 IST
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नई दिल्ली: भारतीय रेल की नई योजना के तहत वह यात्री भी शताब्दी और राजधानी जैसी ट्रेनों में सफर कर सकता है जिसके पास मेल या एक्सप्रेस ट्रेन के टिकट हैं। इसे ऐसे समझा जा सकता है जैसे यदि किसी व्यक्ति ने मेल या एक्सप्रेस ट्रेन का टिकट बुक किया है और उसका नाम वेटिंग लिस्ट में रह जाता है तो आगामी एक अप्रैल से लागू नई योजना के अनुसार उसे राजधानी या शताब्दी ट्रेनों में सफर करने का मौका मिल सकता है।

लेकिन ऐसा तभी हो सकता है जब उस व्यक्ति ने टिकट बुक कराते समय विकल्प चुना हो। रेलवे का कहना है कि इस स्कीम से उसे टिकट रिफंड कम करना पड़ेगा, जो सीधे तौर पर रेलवे के लिए फायदेमंद साबित होगा।

‘विकल्प’ के जरिए मिलेगी कंफर्म सीट

उल्लेखनीय है कि रेलवे एक अप्रैल से ‘विकल्प’ स्कीम लॉन्च करने जा रही है। इसके तहत प्रतीक्षा सूची वाले यात्रियों को अगली वैकल्पिक ट्रेन में कंफर्म सीट मिल सकती है। इस योजना के मुताबिक यात्रियों से कोई अतिरिक्त पैसा नहीं लिया जाएगा और ना ही किराए में अंतर के लिए कोई रिफंड यानि रकम वापसी दिया जाएगा। इस योजना के तहत सभी मुख्य मार्गों पर राजधानी, शताब्दी, दुरंतो या सुविधा जैसी अन्य विशेष सेवा वाली ट्रेनों में खाली रह चुकी सीटों को भरा जाएगा।

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प्रतिवर्ष 7,500 करोड़ होता है रिफंड

बता दें, कि रेलवे को विभिन्न कारणों से टिकटों के कैंसिल किए जाने से यात्रियों को सालभर में तकरीबन 7,500 करोड़ रुपए वापस यानि रिफंड करना पड़ता है। रेलवे के एक अधिकारी ने इस योजना को यात्री के हित में बताया। कहा, 'हमारा लक्ष्य दोहरा उद्देश्य प्राप्त करना है।'

पायलट प्रोजेक्ट में मिला अच्छा रिस्पॉन्स

गौरतलब है कि रेलवे पायलट प्रोजेक्ट के तहत 'विकल्प' टिकट योजना को अभी दिल्ली-हावड़ा, दिल्ली-चेन्नई, दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-सिकंदराबाद के बीच चलने वाली सभी ट्रेनों के साथ-साथ देशभर में तकरीबन 150 ट्रेनों में चला रही है। पायलट प्रोजेक्ट में काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिलने की वजह से इसे रेल मंत्रालय ने अब इसे देश भर की सभी ट्रेनों में लागू करने का फैसला किया है।

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वेटिंग में सफर की परेशानी होगी ख़त्म!

इस योजना से जहां एक ट्रेन में अब वेटिंग टिकट के साथ सफर करने की परेशानी खत्म हो सकती है, वहीं रेलवे को अच्छी कमाई होने की भी संभावना भी है। फ्लैक्सी फेयर की वजह से शताब्दी और राजधानी ट्रेनों में कई रूटों पर 80 प्रतिशत तक सीटें खाली रह जाती हैं। अब 'विकल्प' टिकट सिस्टम लागू होने के बाद से इन सभी ट्रेनों की सीटों को विकल्प के तौर पर भरा जा सकता है।

ऐसे पता चलेगा यात्री को

'विकल्प' में पैसेंजर के मोबाइल पर एक अलर्ट मैसेज आएगा। जिसमें ये बताया जाएगा कि आपको किस वैकल्पिक ट्रेन में बर्थ उपलब्ध कराई गई है। इसके बाद पैसेंजर का नाम ओरिजनल ट्रेन की वेटिंग लिस्ट में नहीं डाला जाएगा, बल्कि जिस ट्रेन में कंफर्म टिकट दिया गया है, उसमें उसका नाम होगा।

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