मोदी बोले- भूपेन हजारिका के नाम से जाना जाएगा 'महासेतु', 10 साल पहले बन सकता था पुल

Update: 2017-05-26 07:09 GMT

गुवाहाटी: पीएम मोदी ने शुक्रवार को असम के तिनसुकिया में देश के सबसे लंबे पुल का शुभारंभ करने के बाद कहा कि इसे भूपेन हजारिका पुल के नाम से जाना जाएगा। इस पुल ने 5 दशक का इंतजार खत्म किया। पुल की चीन बॉर्डर से हवाई दूरी 100 किमी. है। अगर अटलजी की सरकार दोबारा केंद्र में आती तो ये 10 साल पहले आपको मिल जाता। अटलजी ने इसके काम को गंभीरता से लिया था। लेकिन बीच में सरकार बदल गई। इसी के चलते आपका सपना अटका रहा। लेकिन पिछले तीन साल में अटलजी के सपने को पूरा करने के लिए काम किया। बता दें कि मोदी सरकार ने 26 मई को तीन साल पूरे कर लिए हैं।

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और क्या बोले पीएम मोदी ?

-आज उस स्थान पर आने का मौका मिला जो कभी कुंडिल नगर के नाम से जाना जाता था। यहां से श्रीकृष्ण का नाता रहा है। मेरी भी उन्हीं के द्वारिका से आता हूं।

-आज असम सरकार का एक साल पूरा हो रहा है। इस मौके पर ये गर्व की बात है कि आपको ये ब्रिज समर्पित हो रहा है।

-विकास के इंफ्रास्ट्रक्टर का महत्व है। अगर हम इस पर ध्यान नहीं देंगे तो ये संभव नहीं है।

-सरकार चाहती है कि विकास को स्थाई बनाया जाए। देश के सपने को पूरा किया जाए।

-आज असम और अरुणाचल के बीच की दूरी 165 किलोमीटर की दूरी कम हो जाएगी। करीब डेढ़ घंटे का समय बचेगा।

-अदरक की पैदावार करने वाले किसानों के लिए एक नया रास्ता खुल जाएगा। किसानों को ग्लोबल मार्केट से जोड़ा जा सकता है।

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