PM मोदी ने अचानक बदला PROGRAMME, रात ही में पहुंचे काशी

Update: 2016-02-21 15:48 GMT

वाराणसी: पीएम नरेंद्र मोदी के वाराणसी दौरे के प्रीपोन होने के बाद कयास लगने शुरू हो गए हैं कि वे इस बार काशी-कोतवाल काल-भैरव के दर्शन करने जाएंगे। इसी के चलते सोमवार सुबह आने के बजाय उन्होंने एक दिन पहले रविवार रात वाराणसी पहुंचने का फैसला किया है। गौरतलब है कि बीते साल हुदहुद सहित अन्य वजहों से पीएम के कई दौरे रद्द हो चुके थे। ऐसे में माना जा रहा है कि शायद काल भैरव मोदी से नाराज हैं।

काल भैरव के दर्शन कर सकते हैं मोदी

माना जा रहा है कि पीएम रात में काशी विश्वनाथ मंदिर में मंगला आरती के बाद, काशी कोतवाल काल भैरव के दर्शन के लिए जा सकते हैं। उनके वाराणसी दौरे में कई बार बाधाएं आई हैं, ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है। पीएम के दौरों में बाधाओं के बारे में काशी में हमेशा चर्चा होती रही है कि उन्होंने वाराणसी का सांसद बनने और पीएम पद की शपथ लेने के बाद कभी भी काशी कोतवाल यानि काल भैरव के दर्शन कर आशीर्वाद नहीं लिया है।

मंदिर से जुड़ी हैं कई मान्यताएं

मान्यता यह है काशी में आने वाला व्यक्ति काशी विश्वनाथ के साथ-साथ काशी के कोतवाल काल भैरव का भी आशीर्वाद लेता है तभी वह यहां अपना कार्य पूरा कर पाता है। यहां पोस्टेड होने वाले अधिकारी भी मान्यता के अनुसार कार्यभार ग्रहण करने पहले या तुरन्त बाद पहले काशी विश्वानाथ और काल भैरव के दर्शन करता है।

कई दिलचस्प किस्से प्रचलित

कचहरी के पास सिकरौल गांव के रहने वाले कैलाश यादव ने एक दिलचस्प बात बताई कि शहर कोतवाल काल भैरव की कोतवाली मैदागिन कोतवाली मानी जाती है। यह भी कहा जाता है कि इस कोतवाली का मुआयना जो भी अधिकारी करने का प्रयास करता है, उसका वाराणसी से ट्रांसफर हो जाता है। हालांकि वे इस तथ्य का उदाहरण नहीं दे पाए।

बाबा खुद करते हैं निरीक्षण

काल भैरव मंदिर के महंत पंडित नवीन गिरी ने बताया कि इससे जुड़ी कई मान्यताएं हैं। पुलिस के आलाधिकारियों द्वारा पुलिस थानों का इंस्पेक्शन किया जाता है, लेकिन काल भैरव के मंदिर के पास के कोतवाली का कभी इंस्पेक्शन नहीं होता। अधिकारी अगर काशी विश्वनाथ, शहर कोतवाल और संकट मोचन के दर्शन न करें तो वे यहां सरलता से काम नहीं कर पाता। जो अधिकारी इस मान्यता तोड़ने की कोशिश करता है, उसका कुछ ही दिनों में ट्रांसफर हो जाता।

बाबा विश्वनाथ के शहर कोतवाल हैं काल भैरव

महंत नवीन गिरी के मुताबिक काल भैरव शहर कोतवाल के रूप में काशी में विराजते हैं। वहीं भगवान शंकर की इस नगरी में उनके बाद बाबा काल भैरव का ही सबसे बड़ा स्थान है। बाबा विश्वनाथ इस शहर के राजा हैं और बाबा काल भैरव इस शहर के सेनापति हैं। यहां उनकी मर्जी चलती है, क्योंकि वही शहर की पूरी व्यवस्था संभालते हैं।

पीएम के दौरे के एलान के साथ ही बदल जाता है मौसम

अब इसे काल भैरव की नाराजगी कहें या संयोग, हर बार पीएम के मोदी के दौरे का एलान होने के साथ ही मौसम में तब्दीली हो जाती है। एक बार पीएम का दौरा हुदहुद के कारण तो दूसरी बार बारिश और तीसरी बार बारिश के साथ-साथ डीएलडब्लू में उनके स्वागत के लिए बन रहे मंच की सजावट कर रहे मजदूर की मौत के चलते दौरा रद्द हो गया था। इस बार भी उनके आने के साथ ही यूपी के कई हिस्सों में बादल छ चुके हैं और शनिवार शाम को कई इलाकों में तेज बौछार के साथ बारिश हुई है।

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