वीडियो सौ : राज्यसभा टेलीविजन
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब दिया। लोकसभा के बाद एक बाद राज्यसभा में भी पीएम मोदी ने सरकार के कामकाज को लेकर उठ रहे सवालों पर करारा प्रहार किया। सरकार की उपलब्धियां गिनाईं और बीच-बीच में कांग्रेस को आइना भी दिखाया। सदन को चलाने के लिए विपक्ष की सराहना भी की।
पीएम ने क्या कहा...
-मृत्यु को एक वरदान मिला है। मृत्यु कभी बदनाम नहीं होती। कांग्रेस को वरदान मिला हुआ है, कांग्रेस को कभी बदनामी नहीं मिलती।
-सिस्टम को भ्रष्टाचार, भाई भतीजावाद ने जकड़ लिया था। मैंने पिछले दिनों 300 प्रॉजेक्ट खुद रिव्यू किए। फंसे हुए प्रॉजेक्ट फिर से चालू हो गए हैं।
-हमने गुड गवर्नेंस पर जोर दिया है। सुशासन की पहली शर्त पारदर्शिता है। हमने ऑक्शन की नीति अपनाई। कोयला ऑक्शन से 3 लाख करोड़ की आमदनी हुई। स्पेक्ट्रम में ऑक्शन से एक लाख करोड़ रुपए मिले।
-फोर्ब्स मैगजीन ने हमारे ऑक्शन को लेकर कहा है कि इंडिया ने अभी कोयला खदान का आवंटन किया है। यह सही तरीका है प्राकृतिक संसाधन के आवंटन का।
एकाउंटेबिलिटी गुड गवर्नेंस का दूसरा पहलू
-10-20 साल से हमारे बड़े प्रोजेक्ट अटके पड़े थे। कोई देखता नहीं प्रोजेक्ट्स क्यों रुके हुए हैं। 15 लाख करोड़ रुपए के 300 प्रोजेक्ट शुरू कराए।
-गुड गवर्नेंस का तीसरा पहलू होता है डिसेंट्रलाइजेशन। सरकार ने नीतिगत तरीके से इस मामले में अहम कदम उठाए हैं। जैसे पर्यावरण। दिल्ली में एक ऑफिस में सब कुछ सिमटा था हमने 10 जोनल ऑफिस बनाए।
इफेक्टिव डिलेवरी
यहां जनधन की चर्चा हो रही है। गुलाम नबी आजाद जी ने भोपाल की चर्चा की। मैं गुलाम नबी आजाद जी का आभारी हूं। भोपाल में कौन इससे वंचित रह गया इसकी रिकॉर्डिंग तक कर लाए। सत्ता में इतनी मेहनत की होती तो मुझे जनधन योजना लाना नहीं पड़ता। फिर भी अच्छा किया। आपने माइक्रोस्कोप लेकर देखा कि कहीं तो कुछ रहा होगा।
-30 लाख लीटर केरोसिन की कालाबाजारी होती थी। टारगेटेड सब्सिडी की वजह से देश की करोड़ो रुपए की सब्सिडी बचेगी। देश को इंपोर्ट करने में राहत मिल जाएगी।
सब्सिडी सही व्यक्ति को मिले। समय पर मिले। यह हमारा उद्देश्य है। लीकेज बंद करने का प्रयास है। मैं निमंत्रण देता हूं सभी को कि कहीं कोई कमी हो तो ध्यान में लाएं।
क्रेडिट के साथ जवाब भी देना पड़ेगा
-गुलाम नबी आजाद ने स्किल डेवलपमेंट का मुद्दा उठाया। आपने कहा कि इसे मनमोहन सिंह ने शुरू किया, लेकिन लंबी परंपरा है हमारे यहां स्किल डेवलपमेंट की। जैसे गंगा सफाई की बात है तो आप कहेंगे हमने शुरू किया । सही बात है। लेकिन क्रेडिट के उत्साह के साथ यह भी तो जवाब देना पड़ेगा कि 30 साल बाद भी गंगा गंदी क्यों है।
-दो तरह के लोग होते हैं एक जो काम करते हैं दूसरे वो जो श्रेय लेते हैं। आप इनमें से पहली का तरह की व्यक्ति बनने का प्रयास करें क्योंकि इसमें कंपटीशन कम है। यह बात इंदिरा गांधी ने कही थी।
-पिछले सरकार ने स्किल डेवलपमेंट की थी कमेटिया बनाने और खत्म करने की। कमेटिया पर कमेटिया बनती गई। 2013 में यह तय कर दिया गया है कि नेशनल स्किल डेवलपमेंट एजेंसी बनाई जाए। लेकिन ज्ञान तो बहुत था लेकिन करने की प्रवृत्ति नहीं थी।
पहले हमारे यहां टारगेट होता था कि कितने बच्चे तैयार हैं। हमने मार्केट के अनुसार सर्वे किया और उसके मुताबिक काम किया।
-हमने एफडीआई पर बल दिया। इलेक्ट्ऱनिक डिवाइस, सॉफ्टवेयर, मोबाइल, कार उत्पादन में भारी बढ़ोत्तरी हुई है।
-इज ऑफ डूइिंग बिजनेस में 12 स्थान ऊपर चढ़े हैं। रेटिंग एजेंसी ने सराहा है।
-हम जो पूंजीपतियों की चर्चा करते हैं। जो लोग यूपीए 1 को समर्थन करते थे और पूंजीपतियों के विरोध में दुकान चलाते थे।
पहले मॉल तो सातों दिन खुलते थे लेकिन दुकान नहीं। हमने दुकानों को सातों दिन खोलने की छूट दी है।
किसानों की आय होगी दोगुनी
-हम चाहते हैं कि 2022 में किसान की इनकम डबल हो।
-मैं मनमोहन सिंह जैसा अर्थशास्त्री तो नहीं हूं लेकिन जिस अवस्था में पला हूं वहां गरीब किसानों को देखा है। एमएस स्वामीनाथान ने कहा है कृषि की उन्नति की संभावना दिख रही है।
-किसानों के लिए सॉयल हेल्थ कार्ड लेकर आए। हम कृषि के साथ पशुपालन, मछली पालन को बढ़ावा दे रहे हैं।
-हमने कोका कोला पर दवाब डाला कि ड्रिंक में 5 फीसदी संतरे का जूस मिलाइए। महाराष्ट्र सरकार का समझौता भी हो चुका है।
-यदि हम वैज्ञानिक तरीके से खती करें तो किसानों की आय बढ़ा सकते हैं।
-ई प्लेटफॉर्म के जरिए किसान देश में कहीं भी सामान बेच सकेगा।
-हमने हनी बी पालन पर बल दिया है। इसके लिए विशेष व्यवस्था की है।
-यहां स्वच्छता की चर्चा हुई। कहा गया कि ये तो हमारे समय में शुरू हुआ था। हमने कभी क्लेम नहीं किया। यह आपकी ही देन है कि हमें स्कूलों में 4 लाख टॉयलेट बनाने पड़े। समस्याएं पुरानी है। सबने प्रयास किया हमने भी किया है।
-हमें परिणाम प्राप्त करने के लिए स्वच्छता को जनआंदोलन बनाना होगा। मुझे खुशी है कि जन आंदोलन बन रहा है। पहली बार सदन में इस पर चर्चा हुई।
-हमने अभी शहरों की कंपटीशन कराई है। इसका परिणाम यह हुआ है कि नगर निगमों पर दवाब बढ़ रहा है। वाराणसी के लोग म्युनिसपैलिटी पर दवाब बना रहे हैं कि हमारा शहर कहा हैं। आप सभी लोग भी दवाब बनाए।
-डब्ल्यूएचओ के अनुसार गंदगी की वजह से बीमारियों पर हर साल एक करीब परिवार साल में सात हजार रुपए खर्च करता है।
-मैंने छत्तीसगढ़ में एक मां का पैर छुआ उसने तीन बकरियों को बेचकर शौचालय बनवाया।
-कल सीताराम येचुरी कल अपनी फिलोसफी दे रहे थे। आंकड़े कहां लाए भगवान जाएं। लेकिन ये जो टैक्स एग्जेंप्शन हैं।
10 हजार दाल सब्जी के लिए एग्जेंप्शन दी।
58 सौ चीनी के लिए, 19 हजार करोड़ जम्मू-कश्मीर, उत्तरांचल के लिए। क्या हम उसका भी विरोध करेंगे।
अरुण जी बताएंगे हम टैक्स किस पर लगा रहे हैं किसको छूट दे रहे हैं। हमें जो विरासत में मिला है उसी को साफ करने में दम उखड़ रहा है।
निदा फाजली की कहकर समाप्त करूंगा
सफर में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो...
सभी हैं भीड़ में तुम भी निकल सको तो चलो..
किसी के वास्ते राहें कहां बदलती हैं
तुम खुद ही अपने आप को बदल सको तो चलो...
यहां किसी को कोई रास्ता नहीं देता मुझे गिरा के अगर तुम संभल सको तो चलो
यही है जिंदगी कुछ ख्वाब चंद उम्मीदें
इन्हीं खिलौने से तुम भी बहल सको तो चलो
सफर में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो...
सभी हैं भीड़ में तुम भी निकल सको तो चलो..