बीजिंग: ब्रिक्स देशों के सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन के शियामेन शहर पहुंच चुके हैं, जहां बीती रात उन्होंने वहां रह रहे इंडियन मूल के लोगों से मुलाक़ात की। पीएम मोदी की चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग के साथ मुलाक़ात मंगलवार यानी की 5 सितंबर को होगी।
पीएम मोदी के चीन पहुंचते ही वहां पर 'भारत माता की जय' के नारे गूंज उठे।
यह भी पढ़ें: कैबिनेट विस्तार के बाद PM मोदी ब्रिक्स सम्मेलन के लिए चीन रवाना
उठेगा आतंक का मुद्दा
ब्रिक्स के नवें शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री मोदी कल ही चीन के शियामेन शहर पहुंचे। इसका आठवां शिखर सम्मेलन गोवा में हुआ था, जिसकी अध्यक्षता इंडिया ने की थी। चीन में इस सम्मलेन में आतंकवाद के मुद्दे को प्रमुखता से उठाए जाने के आसार हैं।
यह भी पढ़ें: PM मोदी को ब्रिक्स सम्मलेन में फलदायी वार्ता की है उम्मीद
क्या है ब्रिक्स ?
-ब्रिक्स देशों- ब्राजील, रूस, इंडिया, चाइना, साउथ अफ्रीका का एक समूह है।
-इसका गठन साल 2011 में हुआ था।
-इसमें दुनिया की 43% आबादी का प्रतिनिधित्व है।
-इनकी कुल जीडीपी दुनिया की जीडीपी का 23.1% है।
-भारत इस समिट की दो बार मेजबानी कर चुका है।
यह भी पढ़ें: डोकलाम के बाद ब्रिक्स सम्मेलन में मोदी-शी पर होगी सबकी नजर
क्या है उद्देश्य ?
-ब्रिक्स का उद्देश्य आर्थिक और राजनीतिक दबदबे से पश्चिमी देशों के रुतबे को चुनौती देना है।
-ब्रिक्स ने वॉशिंगटन में मौजूद इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड और वर्ल्ड बैंक के मुकाबले अपना खुद का बैंक बनाया है।
ब्रिक्स का पुराना नाम था ब्रिक
-ब्रिक्स के बारे में सबसे पहले इनवेस्ट बैंक गोल्डमैन सैक के चेयरमैन जिम ओ नील ने 2001 में सोचा था।
-साल 2009 में यह समूह बना।
-तब इसमें ब्राजील, रूस, भारत और चीन थे।
-साल 2010 में इसमें साउथ अफ्रीका शामिल हुआ।