सत्याग्रह: योगी के नाम पर भीख मांगने से लेकर शिक्षक लिखेंगे खून से चिट्ठी

Update:2017-08-21 10:25 IST
UP: मांगें पूरी करने को लेकर शुरू हुआ शिक्षामित्रों का सत्याग्रह, जाम हुआ शहर

लखनऊ: सुप्रीम कोर्ट के शिक्षमित्रों के समायोजन को रदद करने के फैसले के बाद सीएम योगी आदित्‍यनाथ से वार्ता विफल होने से नाराज चल रहे सूबे के 1 लाख से अधिक शिक्षामित्रों ने सोमवार को प्रदेश की राजधानी में इकट्ठा होकर विशाल प्रदर्शन करने की चेतावनी दी थी। जिसके चलते डीएम लखनऊ का अन्‍य जिले के जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर प्रदर्शन रोकने में सहायता करने की बात कही गई थी।

बावजूद इसके सोमवार सुबह ही बड़ी संखया में शिक्षामित्र राजधानी पहुंचे और उन्‍होंने हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा पर मार्ल्‍यापण करके सत्‍याग्रह शुरू कर दिया है। उनका संकल्‍प है कि यह सत्‍याग्रह निरंतर जारी रहेगा और वह पीएम मोदी और योगी के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उनके नाम भीख मांगेंगे। इसके अलावा वह खून से पत्र लिखकर अपने साथ न्‍याय की मांग भी करेंगे।

पुलिस- पीएसी तैनात, जिले की सीमाओं पर रोड जाम

शिक्षामित्रों के उग्र आंदोलन को देखते हुए बडी संख्‍या में मजिस्‍ट्रेटों से लेकर पुलिस और पीएसी बल तैनात कर दिया गया है। बावजूद इसके लखनऊ-सीतापुर हाइवे पर स्थित इटौंजा टोल प्‍लाजा को शिक्षामित्रों ने जाम कर दिया है। पुलिस प्रशासन जाम खुलवाने में लगा हुआ है। इसके अलावा चारबाग से हजरतगंज,शहीद स्‍मारक, उन्‍नाव से लखनऊ के पास अजगैन और हरदोई में संडीला के पास शिक्षमित्रों ने जाम लगाने की कोशिश की है। पुलिस और प्रशासन इन्‍हें समझाकर जाम खुलवाने और वापस भेजने में लगा है। इसके बावजूद करीब 60 हजार शिक्षामित्र लक्षमण मेला मैदान पहुंच चुके हैं और सत्‍याग्रह पर बैठ चुके हैं।

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शिक्षामित्र नेताओं का ऐलान, सरकार मांगे मानें नहीं तो सत्‍याग्रह नहीं खत्‍म होगा

शिक्षामित्र नेता गाजी इमाम आला ने बताया कि कि 25 जुलाई 2017 को शिक्षामित्रों के समायोजन के संबंध में राज्य सरकार के बेसिक शिक्षा परिषद और संगठन व अन्य द्वारा दायर सिविल अपील पर सर्वोच्च न्यायालय ने निर्णय लेते हुए शिक्षामित्रों का समायोजन निरस्त कर दिया। जिससे प्रदेश के 1,70,000 शिक्षामित्र के सामने रोजी रोटी का संकट उत्पन्न हो गया। इस फैसले से प्रदेश की शिक्षा व्‍यवस्‍था पर भी गहरा असर पड़ा और शिक्षा व्‍यवस्‍था चरमरा गई।

उन्‍होंने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्णय में पैरा 26 के अंतिम पंक्ति में शिक्षामित्रों और समायोजित शिक्षकों के भविष्य को सुरक्षित करने का अधिकार राज्य सरकार को दिया गया है। इसके चलते शिक्षामित्रों के विभिन्न संगठनों और अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा राज प्रताप सिंह के बीच बातचीत विफल होने के बाद नाराज शिक्षामित्रों ने सत्‍याग्रह पर जाने का निर्णय लिया है।

ये हैं शिक्षामित्रों की मांगें

-समान कार्य, समान वेतन यानी शिक्षामित्र के तौर पर भी सहायक अध्यापकों का वेतन मिले।

-11 की जगह 12 माह का मानदेय मिले।

स्पेशल टीईटी का आयोजन हो, जिसमें शिक्षामित्रों के अलावा और कोई अभ्यर्थी न बैठे। वहीं भर्ती भी इसी तर्ज पर की जाए।

-अध्यादेश लाकर शिक्षामित्रों को बिना टीईटी समायोजित किया जाए।

-गैर समायोजित शिक्षामित्रों को भी बढ़ा हुआ मानदेय यानी 10 हजार रुपए दिया जाए। अभी वे 3500 रुपए प्रतिमाह पा रहे हैं।

लखनऊ डीएम का सभी जिलों को लेटर लिखने का नहीं दिखा कोई असर

शिक्षामित्रों को लखनऊ आने से रोकने के लिए डीएम के लिखे हुए खत का कोई असर नहीं नजर आ रहा है। भारी संख्या में पहुंच रहे शिक्षामित्रों की वजह से पूरे शहर में भीषण जाम लग गया है। तो वहीं अजगैन टोलबूथ पर रोक दिया गया। वहां से शिक्षामित्रों से भरी बसों को वापस लौटा दिया गया।

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