नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि सरकार 18 सितंबर को रोहिंग्या शरणार्थियों के मुद्दे पर सरकार के रुख से सर्वोच्च न्यायालय को अवगत कराएगी। राजनाथ ने इस मुद्दे पर अत्यधिक बयान देने से इंकार कर दिया।
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राजनाथ ने रोहिंग्या शरणार्थियों के बारे में पूछे जाने पर कहा, "हमें जो भी हलफनाम दाखिल करना है, हम 18 सितंबर को करेंगे।"
सर्वोच्च न्यायालय ने रोहिंग्या शरणार्थियों को वापस म्यांमार भेजने के सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई के लिए सोमवार का दिन निर्धारित किया है।
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कई केंद्रीय मंत्री और राज्य सरकार के मंत्रियों ने पूर्व में कहा था कि रोहिंग्या भारत में अवैध रूप से रह रहे शरणार्थी हैं और इन्हें देश छोड़कर जाना पड़ेगा।
इस मुद्दे पर हलफनामे को याचिकाकर्ता मुहम्मद सलीमुल्लाह के वकील द्वारा गलत ढंग से पेश करने के बाद लीक हो गया था। जिस पर सरकार ने बाद में कहा था कि यह सिर्फ एक मसौदा है और उस पर काम किया जा रहा था।
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इस हलफनामे पर केंद्र ने कहा कि ऐसी कुछ जानकारी मिली है जिससे संकेत मिले हैं कि रोहिंग्या के पाकिस्तान और बांग्लादेश स्थित आतंकवादी संगठनों से संबंध हैं।
केंद्र सरकार ने कहा कि उन्होंने यह भी पाया है कि भारत में कुछ एजेंसियां का संगठित नेटवर्क और दलाल रोहिंग्याओं की मदद कर रहे हैं।