J&K में है व्हाट्सएप ग्रुप तो 10 दिन में रजिस्ट्रेशन कराओ, नहीं तो लगेगा ये कानून

Update:2018-07-01 13:53 IST

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में अफवाहों पर लगाम कसने के उद्देश्य से किश्तवाड़ के जिलाधिकारी ने व्हाट्सएप ग्रुप के एडमिंस के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया है। जिलाधिकारी अंग्रेज सिंह राणा के आदेश के अनुसार ग्रुप के एडमिंस को 10 दिन के भीतर रजिस्ट्रेशन कराने को कहा गया है।

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आदेश में रजिस्ट्रेशन न कराए जाने पर ग्रुप एडमिंस के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी गई है जिसके तहत, एडमिंस पर इंफॉर्मेशन टेक्‍नोलॉजी (आईटी) एक्‍ट, रणबीर पीनल कोड, साइबर क्राइम कानून के अलावा गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत कार्रवाई की जा सकती है।

एसएसपी ने कहा अफवाह फ़ैलाने की बात

किश्‍तवाड़ एसएसपी अबरार चौधरी ने अपनी रिपोर्ट में सोशल मीडिया पर इलाके में अफवाह फैलाने की बात कही थी, जिसके बाद जिलाधिकारी राणा ने आदेश जारी किया है। चौधरी ने अपनी रिपोर्ट में कई व्हाट्एप ग्रुप पर आरोप लगाया था कि ये अफवाहें, गलत जानकारी और भ्रम पैदा करने वाली बातें फैला रहे हैं।

जिलाधिकारी ने कहा कि अभिव्‍यक्ति की स्‍वतंत्रता के तहत सोशल मीडिया पर अपनी बातें रखी जा सकती हैं, लेकिन इसके साथ ही कुछ जिम्मेदारी भी होती है। लोगों को और व्हाट्सएप ग्रुप एडमिंस को इस जिम्मेदारी से भागना नहीं चाहिए बल्कि इसके लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए।

किश्तवाड़ सबसे कम आबादी वाला इलाका

उन्होंने आपत्तिजनक चीजें पोस्ट करने वाले लोगों को चेताते हुए कहा कि उनका यह आदेश अभिव्‍यक्ति की स्‍वतंत्रता पर रोक लगाने के लिए नहीं बल्कि ग्रुप एडमिंस को सचेत करने के लिए है ताकि किसी आपत्तिजनक कंटेंट पर समय रहते कार्रवाई की जा सके या फिर ऐसे कंटेंट पर रोक लगाई जा सके।

किश्‍तवाड़ को 'संवेदनशील इलाका' बताते हुए उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया, खासकर व्‍हाट्सएप ग्रुप पर कई प्रकार की अफवाहें और आपत्तिजनक कंटेंट फैलाया गया जिससे वहां के लोगों के बीच तनाव उत्पन्न हो रहा था। किश्तवाड़ जम्मू कश्मीर में सबसे कम जनसंख्या वाले जिलों में कारगिल और लेह के बाद तीसरे नंबर पर आता है।

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो

ग्रुप एडमिंस को देश-विदेश में रहने वाले सभी ग्रुप सदस्यों की जानकारी दर्ज करानी होगी। साथ ही अगर किसी ग्रुप कंटेंट पर सवाल खड़ा होता है या फिर पुलिस पूछताछ के लिए बुलाती है तो उन्हें उपस्थित होना पड़ेगा। ग्रुप का कोई सदस्य अगर किसी प्रकार की आपत्तिजनक पोस्ट करता है तो उसकी जानकारी ग्रुप एडमिंस अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन में दे सकता है।

ग्रुप एडमिंस को सभी प्रकार की जानकारी (पोस्ट, वीडियो, ऑडियो) को सबूत के तौर पर रखना होगा और साथ ही रजिस्ट्रेशन के दौरान ग्रुप एडमिंस को यह लिखित में यह देना होगा कि अगर वो कानून का उल्लंघन करते पाए गए तो उन्हें कानूनी प्रक्रिया का सामना करना होगा।

व्हाट्सएप ग्रुप पर बंदूकधारी आतंकियों की तस्‍वीरों के साथ-साथ भारत विरोधी प्रदर्शनों के वीडियो को सोशल मीडिया पर तेजी से डाला जा रहा था। 16 जून को, ईद जुलूस के दौरान 'आज़ादी ' के नारे की अफवाहें फैलाई गईं जिसके बाद किश्तवाड़ के पूरी इलाके में तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो गई। साल 2013 में भी सोशल मीडिया पर ईद के दौरान पाकिस्तान संबंधी नारों की अफवाहें फैलाई गईं थीं, जिसके बाद पूरे इलाके में हिंसा फैल गई थी जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी वहीं कई लोग घायल हुए थे।

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