राममंदिर, दीपावली और BJP पर RSS से आया बड़ा बयान

Update:2017-10-14 21:00 IST

भोपाल : आरएसएस की तीन दिन चली अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक में देश के वर्तमान हालात पर चर्चा हुई जिसमें सारा जोर गांव में किसानों और नौजवानों को अपने से जोड़ने पर बल दिया गया।

शारदा विहार आवासीय विद्यालय परिसर में संघ की बैठक में तय किया गया कि संघ की ज्यादा से ज्यादा शाखाओं में इजाफा ग्रामीण इलाकों में किया जाए। किसानों से सीधे संवाद कर उनकी समस्याओं के निदान के प्रयास हों, साथ ही उन्हें फसल का लाभकारी मूल्य मिले, इस दिशा में भी प्रयास हों। इसके अलावा किसानों को जैविक खेती की ओर मोड़ा जाए। इसके फायदे बताए जाएं।

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सूत्रों का कहना है कि तीन दिन की बैठक में किसान के बाद सबसे ज्यादा जोर गांव के नौजवानों को संघ से जोड़ने पर दिया गया। ऐसा इसलिए क्योंकि देश में 30-35 वर्ष के युवाओं की आबादी सबसे ज्यादा है।

बैठक के समापन पर शनिवार को संघ के सरकार्यवाह सुरेश भैयाजी जोशी ने कहा, "संघ अब ग्रामीण इलाकों पर विशेष ध्यान देगा, क्योंकि वहां सामाजिक बदलाव बड़ी चुनौती है। फिर चाहे वह हिंदुत्व को लेकर हो या फिर सामाजिक संदर्भ के लिए, वहां के युवाओं को साथ लिया जाएगा।"

उन्होंने कहा, "देश की 60 फीसदी आबादी गांवों में बसती है और संघ की शाखाओं का प्रभाव भी गांवों में ज्यादा है। दो-तिहाई शाखाएं गांवों में लगती हैं, वहीं एक-तिहाई शहरों में लगती हैं।"

उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों के लिए किए जा रहे कार्यो का ब्योरा देते हुए बताया, "जैविक खेती को अपनाया जा रहा है। वह सही है या गलत उसकी समीक्षा का समय नहीं है। लेकिन किसान स्वावलंबी बनें, यह प्रयास करने चाहिए। किसानों की समस्याओं को देखकर उनसे बात करके ही सरकार नीतियां बनाए, ऐसा संघ का अभिमत है।"

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एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, "संघ अपने तीन मुद्दों राममंदिर, धारा 370 और समान नागरिक संहिता से पीछे नहीं हटा है। जहां तक भाजपा की बात है, वह हमारे कहने से नहीं चलती बल्कि विचारधारा एक है। इतना ही नहीं सरकार में संघ का कोई दखल नहीं है।"

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर पूछे गए सवाल पर जोशी ने कहा, "योगी हिंदुत्व का नहीं राष्ट्रीयता का चेहरा हैं, उन्हें इसी रूप में देखा जाना चाहिए।"

जोशी ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पटाखा बिक्री पर लगाई गई रोक पर कहा, "संघ की राय है कि पटाखों के दुष्परिणामों की ओर संकेत किया जाए, सभी पटाखे प्रदूषण फैलाने वाले होते हैं ऐसा नहीं है। यह आनंद का उत्सव है, पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले और प्रदूषण फैलाने वाले पटाखे हों तो उन पर रोक लगाई जाए।"

उन्होंने आगे कहा, "संघ हमेशा से पर्यावरण के हित के साथ प्रदूषण को रोकने की बात करता रहा है, मगर ऐसा नहीं है कि सभी तरह के पटाखे प्रदूषण फैलाने वाले होते हैं, लिहाजा इस पर संतुलित विचार किया जाना चाहिए। समाज में इतने वर्षो से यह आनंद का पर्व मनाते आए हैं। दीप जलेंगे, कल कोई कहेगा कि दीप जलाने में भी कोई समस्या है, इस पर विचार की जरूरत है।"

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म्यांमार से भगाए गए रोहिंग्या मुसलमानों के भारत की सीमा पर जमे होने पर जोशी ने कहा, "रोहिंग्या मुसलमान एक गंभीर चिंता का विषय हैं, यह सोचा जाना चाहिए कि उन्हें म्यांमार से बाहर क्यों किया जा रहा है, क्योंकि दुनिया के किसी भी देश की सरकार द्वेषमूलक कदम नहीं उठाती, जब म्यांमार की सरकार को लगा कि इनके कारण समस्या खड़ी हो रही है, तब उन्हें निष्कासित किया गया।"

पूर्व में आए शरणार्थियों का जिक्र करते हुए जोशी ने बताया, "भारत की परंपरा है कि हमने ऐसे निर्वासित लोगों को कभी ठुकराया नहीं है, पारसी लोगों का इतिहास है। भारत ने कभी द्वेषमूलक व्यवहार नहीं किया है। ऐसे लोग आते हैं तो कश्मीर और हैदराबाद में बसते हैं। आने वाले लोगों की पृष्ठभूमि समझे बिना प्रवेश दिया गया तो वह देश के लिए खतरा हो सकता है।"

जोशी ने पूर्व की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि जो लोग आए, उनके परिचयपत्र बन गए, पैनकार्ड बन गए, मतदाता सूची में नाम जुड़ गए, इससे लगता है कि वे आश्रय के लिए नहीं आए, बल्कि किसी योजना या यूं कहें कि षड्यंत्र के तहत यहां आए हैं।

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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह के कारोबार में कथित तौर पर हुए भारी इजाफे को लेकर गरमाई राजनीति के बीच संघ उनके बचाव में आया। जोशी ने कहा है, "आरोप लगाने वाले न्यायालय जाएं।"

उन्होंने कहा, "किसी पर आरोप लगे, वह सही है, ऐसा मानने का कोई कारण नहीं है। आजकल आरोप कैसे लगते हैं, यह आप लोग भी जानते हैं, आरोप लगाए जाते हैं। जो लोग आरोप लगा रहे हैं, वे न्यायालय जा सकते हैं, यहां न्यायालयी प्रक्रिया है।"

इससे पहले भोपाल में ही संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने भी शाह के बेटे का बचाव किया था।

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