देहरादून: करीब एक महीने से राष्ट्रपति शासन में चल रहा उत्तराखंड अब शक्ति परीक्षण(फ्लोर टेस्ट) की ओर बढ़ता दिख रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने अटाॅर्नी जनरल से कहा है कि वह उत्तराखंड विधानसभा में शीर्ष अदालत की देखरेख में फ्लोर टेस्ट करवाने की संभावना पर केंद्र सरकार से हिदायत लें।
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दो बार टल चुकी हैं फ्लोर टेस्ट की तारीखें
-राज्य में फ्लोर टेस्ट की तारीखें दो बार टल चुकी हैं, लेकिन मंगलवार को फिर इसकी संभावना बढ़ गई है।
-सुप्रीम कोर्ट ने बहुमत की जांच के लिए कराने की ओर इशारा किया है।
-कोर्ट ने मंगलवार को अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी से कहा कि वे केंद्र से निर्देश लेकर बताएं कि क्या कोर्ट की निगरानी में ऐसा किया जा सकता है।
-अटॉर्नी जनरल बुधवार की सुनवाई में सरकार की राय से कोर्ट को अवगत कराएंगे।
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कोर्ट पर टिका हरीश सरकार का भविष्य
शक्ति परीक्षण के बाद हरीश रावत सरकार बहाल होगी कि नहीं, यह इस पर निर्भर करेगा कि सुप्रीम कोर्ट स्पीकर द्वारा अयोग्य ठहराए गए विधायकों को इसमें भाग लेने की इजाजत देगी या नहीं। सारा गणित बागी विधायकों के मताधिकार पर निर्भर करेगा। उत्तराखंड में सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश के सहारे राष्ट्रपति शासन है।
नैनीताल हाईकोर्ट ने रद किया था राष्ट्रपति शासन
-नैनीताल हाई कोर्ट ने 21 अप्रैल को राष्ट्रपति शासन रद करते हुए रावत सरकार को 29 अप्रैल को सदन में बहुमत साबित करने का आदेश दिया था।
-केंद्र इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई और अगले ही दिन हाई कोर्ट के फैसले पर अंतरिम रोक लगा दी गई।
-मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति दीपक मिश्र व न्यायमूर्ति शिवकीर्ति सिंह की पीठ कर रही है।
-मामले पर मंगलवार को सुनवाई होनी थी, लेकिन न्यायमूर्ति शिवकीर्ति सिंह को मेडिकल की एकल साझा परीक्षा नीट के मसले पर सुनवाई कर रही पीठ में हिस्सा लेना था।
-इसलिए उत्तराखंड मामले की सुनवाई बुधवार तक टल गई थी।
इससे पहले भी कोर्ट ने फ्लोर टेस्ट पर किया था सवाल
-न्यायमूर्ति दीपक मिश्र ने यह जानकारी देते हुए अटॉर्नी जनरल से शक्ति परीक्षण की संभावनाओं पर जवाब मांगा।
-इससे पहले 27 अप्रैल को भी सात कानूनी प्रश्न तय करते हुए अटॉर्नी जनरल से राष्ट्रपति शासन के बीच ही शक्ति परीक्षण की संभावनाओं पर सवाल किया था।
-उत्तराखंड में सरकार के अल्पमत में होने और वित्त विधेयक पास न होने की बीजेपी और कांग्रेस के बागी विधायकों की शिकायत पर राज्यपाल ने हरीश रावत को 28 मार्च को सदन में बहुमत साबित करने का आदेश दिया था, लेकिन इसके एक दिन पहले ही 27 मार्च को राज्य में राष्ट्रपति शासन लग गया।