ठाणे: महाराष्ट्र के ठाणे में गुरुवार दोपहर शहीद मेजर कौस्तुभ पी. राणे को शोकाकुल परिवार और हजारों लोगों ने अश्रुपूर्ण विदाई दी। राणे के पार्थिव शरीर को उनके गृहनगर में सैन्य सम्मान के साथ मुखाग्नि दी गई। राणे (29) मंगलवार को बांदीपोरा जिले में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए चार सैनिकों में शामिल थे।
यह भी पढ़ें .....कारगिल विजय दिवस: शहीद जवान की कहानी, सदमे में मां की मौत, पत्नी से बोला था ये बात…
ठाणे के मीरा रोड में 'मेजर कौस्तुभ राणे अमर रहें' और 'भारत माता की जय' के नारों के बीच राणे का अंतिम संस्कार उनके पिता प्रकाश राणे ने किया। उनके पीछे राणे की पत्नी कनिका और उनका बच्चा अगस्त्य खड़े थे।
पारंपरिक सैन्य धुनों के बीच अंतिम संस्कार से पहले सैनिकों, पुलिस अधिकारियों और निर्वाचित प्रतिनिधियों ने मेजर को श्रद्धांजलि दी।
महिला सैनिक राणे की मां ज्योति, उनकी बहन कश्यपी और अन्य परिजनों को सांत्वना दे रही थीं।
राष्ट्रीय ध्वज में लिपटे ताबूत में उनके पार्थिव शरीर को बुधवार शाम मुंबई में परिवार के सदस्यों, सेना और अन्य अधिकारियों की मौजूदगी में सौंपा गया और गुरुवार सुबह फूलों से सजे ताबूत को सेना के ट्रक से उनके घर लाया गया।
यह भी पढ़ें .....22 दिनों तक भूखे -प्यासे रहकर दुश्मनों से लड़ता रहा ये जवान, ऐसा हुआ शहीद
पार्थिव शरीर को जैसे-जैसे उसकी मंजिल की ओर ले जाया जा रहा था, सड़कों के दोनों ओर, इमारतों की छतों पर खड़े लोग फूलों की बरसात और राष्ट्रीय ध्वज लहरा रहे थे।
मंगलवार से राणे के गृहनगर मीरा रोड कस्बे में शोक का माहौल है। राणे के शीतल नगर स्थित मकान से मीरा-भयंदर अंत्येष्टि स्थल तक उनका पार्थिव शरीर ले जाए जाने के दौरान शहर को लोगों ने खुद से बंद रखा।
अपने माता-पिता के इकलौते बेटे राणे ने पुणे से सैन्य प्रशिक्षण पूरा कर सेना में शामिल होने का अपने बचपन के सपने को पूरा किया था और बाद में वह 2011 में चेन्नई की अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी से अधिकारी बनकर निकले। उन्हें इस साल गणतंत्र दिवस राष्ट्रपति ने सेना वीरता पदक से सम्मानित किया था।
--आईएएनएस