मुंबई : महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ भाजपा नीत गठबंधन सरकार में गत तीन वर्षो से शामिल शिवसेना ने सोमवार को कहा कि वह भारतीय जनता पार्टी और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से नाराज है और सरकार से अलग होने के विकल्प पर विचार करेगी। पार्टी के नेताओं, विधायकों, सांसदों और मंत्रियों ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ बंद कमरे में हुई बैठक में शिकायतों की झड़ी लगाते हुए कहा कि उनके विकास कार्यो को सरकार ने रोक दिया है, फाइलों को आगे नहीं बढ़ाया गया तथा कई निर्णयों को लागू नहीं किया गया।
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शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत और पर्यावरण मंत्री रामदास कदम ने मीडिया को अलग से पार्टी की इस बैठक और चर्चा के बारे में जानकारी दी।
राउत ने कहा, "विधायकों ने शिवसेना प्रमुख को स्थिति की समीक्षा कर सही निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया है। राज्य सरकार के संबंध में हम अंतिम निर्णय लेने के करीब हैं। इंतजार करें और देखें।"
पार्टी सूत्रों ने अंतिम निर्णय के बारे में इशारा करते हुए कहा कि गठबंधन बना रहेगा या नहीं, इसका निर्णय पितृपक्ष समाप्त होने और ठाकरे की वार्षिक दशहरा रैली के बाद जल्द लिया जाएगा।
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रामदस कदम ने बताया कि सभी विधायकों ने ठाकरे को स्थिति के बारे में बता दिया और समय आने पर उचित निर्णय लेने के लिए कहा। विधायक आश्वस्त हैं कि ठाकरे इस संबंध में उचित निर्णय लेंगे।
उन्होंने इस संबंध में विस्तृत जानकारी नहीं दी।
दोनों नेताओं ने कहा कि लोग मुद्रास्फीति, पेट्रोल/डीजल के बढ़ते मूल्य, ऋण के मुद्दे पर किसानों की समस्या का समाधान न होने पर काफी परेशान हैं। शिवसेना इन पापों का भागीदार नहीं बनना चाहती है।
कदम ने कहा कि पार्टी की तमाम इकाइयां राज्यभर में मंगलवार से इन मुद्दों को उजागर करते हुए प्रदर्शन करेंगी।
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इससे पहले शिवसेना ने इस वर्ष जून में किसानों की कर्ज माफी की घोषणा को लागू करने की मांग को लेकर पूरे राज्य में प्रदर्शन किया था। पार्टी ने पिछले कुछ दिनों में बुलेट ट्रेन परियोजना और केंद्र और राज्य भाजपा की कड़ी आलोचना की है।