शिवपाल का अखिलेश को जवाब, बोले- न हो कुर्सी का अहंकार, नहीं बनना चाहता CM

Update:2016-09-16 17:54 IST

लखनऊ: शिवपाल यादव ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और अपने भतीजे को हर बात का सीधाा जवाब दिया। उन्होंने कहा, ''मैंने उत्तर प्रदेश में कई मुख्यमंत्री देखे हैं। कुछ कुर्सी पर बैठकर घूमने लगते हैं। उनमें थोड़ा सा अहंकार आ जाता है। यह कुर्सी तो जनता और पार्टी नेतृत्व ने दी है। अखिलेश को अभी अनुभव की जरूरत है और जो सही है उसको मानना चाहिए। मुझे सीएम पद की लालसा नहीं है। मुझे अखिलेश के दोबारा सीएम बनने पर भी कोई आपत्ति नहीं है। अगर सपा सरकार दोबारा बहुमत से जीती तो हम खुद सीएम के तौर पर दोबारा अखिलेश का नाम आगे करेंगे। हम दोनों के बीच सुलह का रास्ता नेताजी ने निकाल लिया है।'' यह बात उन्होंने सीएम के उस बयान के बाद कही, जिसमें अखिलेश ने कहा था कि परिवार में झगड़ा उनकी वजह से नहीं, बल्कि इस कुर्सी के कारण हो रहा है।

राजधानी के होटल में आयोजित एक खबरिया चैनल के कार्यक्रम में शिवपाल ज्यादा तो खुलकर नहीं बोले, लेकिन इशारों-इशारों में काफी कुछ कह गए। आगे अपनी बात को बढ़ाते हुए उन्होंने कहा, '' पिछले कुछ दिन से चल रहा घटनाक्रम कोई खास बात नहीं है। अखिलेश मेरा भतीजा है। चार साल की उम्र से लेकर जब तक पढ़ाई चली है वो मेरे साथ रहा है। उसे हमने पढ़ाया है। वो मेरा बेटा जैसा है। झगड़ा कहीं नहीं है। हर परिवार में बेटे से उम्मीद होती है। बेटा जब उत्तर प्रदेश की कुर्सी पर विराजमान है तो अब क्या है।''

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नेताजी ही रहेंगे मुखिया: शिवपाल

शिवपाल यादव के मुताबिक,''हमारे बीच कोई कॉम्पीटिशन नहीं है। नेताजी मुखिया है। उन्हें सब मानते हैं और किसी की भी हैसियत नहीं है, जो नेता की बात न माने। मैंने नेता जी से बात कर ली है। सारी बातें उनके सामने रख दी हैं। सीएम भी कह रहे हैं कि वो उनकी सारी बातें मानेंगे। उनका संकेत ही मेरे लिए आदेश है। जो जिम्मेदारी वो देंगे हम उसे मानेंगे। झगड़े की बात नहीं है। 2017 में हमें फिर से सरकार बनानी है। इससे भी बड़े बहुमत की सरकार बनानी है। यूपी के सभी कार्यकर्ताओं से मैंने कहा है कि पार्टी को मजबूत करना है।''

'बीच वालों' के साथ मेरा अनभुव लंबा: शिवपाल

शिवपाल यादव ने कहा, ''बीच वाले लोगों के साथ मेरा अनुभव काफी लंबा है। अखिलेश के साथ भी ऐसे लोग बैठते हैं, जो कैबिनेट मंत्री हैं और काम भी नहीं करते हैं। नेताजी के साथ मेरा लंबा अनुभव रहा है। पढ़़े-लिखे हो कुछ अक्ल से काम लो। हमें भी लेना है। सब मुलायम, अखिलेश और शिवपाल नहीं हो सकते हैं। यूपी का सबसे बड़ा पद अखिलेश को मिला है। अखिलेश को इस जिम्मेदारी को निभाना सीखना है।''

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अमर सिंह ने नहीं करवाया परिवार में झगड़ा: शिवपाल

एक तरफ जहां पिछले कुछ दिनों से सीएम अखिलेश बिना नाम लिए अमर सिंह को परिवार में मचे घमासान की वजह बता रहे हैं तो वहीं चाचा शिवपाल यादव ने उनका पक्ष लिया है। शिवपाल यादव ने कहा, ''अमर सिंह कभी भी हमारे परिवार का नुकसान नहीं कर सकते हैं। मुझे भरोसा है कि वो परिवार में कभी झगड़ा नहीं लगाएंगे। अखिलेश के अगल-बगल भी ऐसे कई लोग हैं जो यहां भी बैठे होंगे और उसे व्हाट्सएप कर रहे होंगे।''

आगे की स्लाइड में पढ़िए, परिवार के मुखिया को शिवपाल ने बताई क्या तकलीफ....

'नेताजी ने मुझे बड़ी जिम्मेदारी दी है'

शिवपाल यादव का नेताजी के प्रति प्रेम और सम्मान हर बार की तरह फिर नजर आया। उन्होंने कहा, ''हां यह सही है कि मैंने हर पद से इस्तीफा दे दिया है। नेताजी ने मुझे बड़ी जिम्मेदारी दी है। चुनाव नजदीक है। बड़ा काम करना है। एक विभाग रखा गया था, मैंने सोचा अब उसका भी क्या करना है। पार्टी के लिए काम करना है, ताकि 2017 में सरकार बन सके। मैं कार्यकर्ता के रूप में काम करना चाहता था, लेकिन नेताजी ने प्रदेश अध्यक्ष का इस्तीफा मंजूर नहीं किया, तो अब उनकी बात मानूंगा।''

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'परिवार के मुखिया को बताई है तकलीफ'

शिवपाल यादव ने दिल का दर्द थोड़ा सा जुबां पर लाते हुए बताया, ''परिवार में जो तकलीफें होती हैं, वो मुखिया को बताई जाती हैं। मैंने भी बता दिया है और किसी भी तकलीफ का नाम अमर सिंह नहीं है। अखिलेश को भी इसे नहीं मानना चाहिए। यह मैंने नेताजी से सीखा है। हर इंसान में कुछ अच्छाई या बुराई होती हैं। कुछ बाहर के लोग सबके साथ होते हैं। ऐसे में अक्ल का इस्तेमाल करना चाहिए। अखिलेश को किसी का नाम नहीं लेना चाहिए। मैंने भी यूपी में एक अभियान चलाया है। अवैध कब्जे, धंधे पर रोक लगाई है। यह तकलीफें तो हमें भी हो सकती हैं। उन पर कार्रवाई होनी चाहिए। मुझे तकलीफ अवैध, धंधे, राशन गरीबों तक न पहुंचाने वाले दलालों से है।''

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'अखिलेश को लेना है अभी काफी अनुभव'

शिवपाल के मुताबिक,''अखिलेश को अभी अनुभव और लेना चाहिए। मैंने नेताजी से काफी कुछ सीखा है और मुझसे भी उसे काफी कुछ सीखना चाहिए। 2011 से पहले हम भी प्रदेश अध्यक्ष थे। हम कार्यकर्ताओं की मीटिंग ले रहे थे और इसी तरह मुझे हटाया गया था। मैंने तो उफ्फ नहीं की थी। अब नेता जी ने फिर से यह जिम्मेदारी मुझे दी है तो उनकी हर बात मनानी चाहिए। मैंने तो नहीं कहा था टिकट हम बांटेंगे। इस बार भी टिकट तो राष्ट्रीय अध्यक्ष नेताजी ही बाटंगे। मैंने हमेशा सबकी बात मानी है। मैं क्या अध्यक्ष बनने के बाद अखिलेश की बात नहीं मानता।''

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'मंत्रिमंडल में रहकर मैंने काफी काम किया'

शिवपाल ने कहा, ''मैंने भी उत्तर प्रदेश के लिए काफी काम किया है। मैं मंत्रिमंडल का अहम हिस्सा रहा हूं। मैंने कई विभागों के जरिए काफी काम किया है। चाहे PWD विभाग हो, सिंचाई है या राजस्व विभाग। मैंने कई बदलाव किए हैं ताकि किसान को बार-बार चक्कर न लगाने पड़े। मैं ऐसी योजनाएं लागू कर दी, जो पूरे उत्तर प्रदेश सालों से अधूरी पड़ी थीं। कोई भी यूपी का कोना नहीं छोड़ा है, जहां किसान के खेत में पानी न पहुंचे। अखिलेश की सरकार में हर वर्ग, हर व्यक्ति के लिए काम किया है। किसी के साथ भेदभाव नहीं किया है।''

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