नागपुर : पुलिस के सी-60 कमांडो 33 साल के गोमजी मत्तामी गढ़चिरौली हेडक्वार्टर्स में तैनात हैं। गोमजी ने वो कर दिखाया है जो मिसाल बन युवाओं को प्रेरित करता रहेगा। गोमजी ने सीने में गहरा घाव होने के बाद भी हथियारबंद माओवादियों का निहत्थे सामना किया और उन्हें मार भगाया। इन चार माओवादियों से उनका सामना इटापल्ली तालुका के जांबिया गट्टा की साप्ताहिक बाजार में हुआ।
इस मुठभेड़ में गोमजी ने माओवादियों से न सिर्फ अपनी एक-47 राइफल वापस छीन ली। बल्कि उन्हें भी हथियार छोड़ भागने पर मजबूर कर दिया। बुरी तरह गोमजी के सीने में गहरा घाव था। लेकिन भीडभाड वाले इलाके में भी उन्होंने हमलावरों का पीछा नहीं छोड़ा।
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अविश्वसनीय लेकिन हैरतअंगेज
गोमजी इस समय ओसीएचआरआई अस्पताल में भर्ती हैं। लेकिन उन्हें देख यकीन ही नहीं होता कि ये हंसमुख सा व्यक्ति जो बेड पर है। उसने मौत को मात दी है। गोमजी पर काफी करीब से हमला हुआ था। लेकिन पिस्टल अटक गई। इसके बाद उन्होंने हमलावरों को अगला मौका नहीं दिया। ये सब उस समय हुआ जब गोमजी साप्ताहिक बाजार से पुलिस पोस्ट पर वापस लौट रहे थे। उनके साथी आगे निकल गए थे। लेकिन वो अपने एक साथी से मिलने के लिए बाजार में रुक गए थे। यहीं माओवादियों ने उन्हें घेर लिया था।
गोमजी कहते हैं, मैं कुछ समझ पाता उससे पहले ही मेरे बाएं हाथ को झटका देकर मुझे गिरा दिया गया और चार हमलावरों ने मुझे घेर लिया। उनमें से एक ने गन निकालकर ट्रिगर दबाया, लेकिन फायर नहीं हुआ। मुझे समझ आ गया कि ये मुझे मार मेरे हथियार छीनना चाहते हैं, इसलिए मैंने अपनी पकड़ कमजोर नहीं होने दी। उन्होंने मुझे पीटा और मेरी एके-47 छीन ली, वो जब भागने लगे तो मैंने उनका पीछा किया और उनसे भिड़ गया।