नई दिल्लीः आम आदमी पार्टी के पूर्व सदस्य और समाजसेवी अन्ना हजारे के आंदोलन में हिस्सा ले चुके सुनील लाल ने रैमन मैगसेसे फाउंडेशन को पत्र लिखा है। उन्होंने फाउंडेशन से मांग की है कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को दिया गया मैगसेसे पुरस्कार वापस ले लिया जाए।
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क्या है मामला?
-केजरीवाल को आरटीआई क्षेत्र में काम की वजह से 2006 में मैगसेसे पुरस्कार मिला था।
-सुनील के मुताबिक सीएम बनने के बाद केजरीवाल आरटीआई के तहत जानकारी नहीं देते।
-सुनील ने ऐसे में छह पेज के पत्र में केजरीवाल से मैगसेसे वापस लेने की मांग की है।
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सुनील ने दिया सबूत
-मैगसेसे फाउंडेशन को सुनील ने केजरीवाल के खिलाफ कई उदाहरण दिए हैं।
-दो एक्टीविस्ट्स ने विज्ञापन पर खर्च का ब्योरा मांगा तो अस्पष्ट जवाब मिला।
-सुनील ने कहा है कि अरविंद ने मैगसेसे के लिए काम का गलत ब्योरा दिया था।
-आरटीआई से जानकारी न मिलना यानी अरविंद के इस बारे में आचरण संदिग्ध है।
भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भी उंगली उठाई
-सुनील लाल ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भी अरविंद को घेरा है।
-मैगसेसे फाउंडेशन ने भ्रष्टाचार से जंग की बात भी कही थी।
-सुनील के अनुसार दिल्ली के वैट विभाग में अभी भी भ्रष्टाचार है।
-केजरीवाल पर व्यवस्था न बदलने का आरोप लगाया गया है।
कौन हैं सुनील लाल ?
-सुनील कुमार लाल लखनऊ के रहने वाले हैं और एक एडवरटाइज प्रोफेशनल हैं।
-लाल India Against Corruption से जुड़े रहे हैं।
-हालांकि पार्टी बनने के बाद ये कभी भी सक्रिय सदस्य नहीं रहे।
-इन्होंने ही पार्टी का पहला लोगो भी डिजाइन किया था।
करप्शन से पुरानी लड़ाई
-सुनील के काम की तारीफ पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी तक कर चुके हैं।
-साल 1990-91 में विदेशों में होने वाली कॉल चोरी को उन्होंने ही पकड़ा था।
-इसके बाद उन्होंने टेलीफोन यूजर्स राइट्स एसोसिएशन भी बनाया था।
-इसके अलावा उन्होंने कई विभागों के करप्शन का खुलासा भी किया है।
आम आदमी पार्टी से वापस लिया लोगो
-आप और केजरीवाल पर दूषित राजनीति का आरोप लगाकर सुनील ने लोगो वापस ले लिया।
-22 जून 2015 को नोटिस भेजकर बैनरों, पोस्टरों और ऑफिशियल वेबसाइट से लोगो को हटाने को कहा था।
-सुनील ने इसे अपनी बौद्धिक संपत्ति बताई थी।