सुप्रीम कोर्ट से कार्ति चिदंबरम को राहत नहीं, 23 को CBI के सामने होंगे पेश
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (18 अगस्त) को आईएनएक्स घोटाले में कथित आरोपी पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदम्बरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को कोई राहत नहीं देते हुए उन्हें 23 अगस्त को सीबीआई के समक्ष पेश होने का आदेश सुना दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने कार्ति से साफ कहा, कि उन्हें 23 अगस्त को पूछताछ के लिए सीबीआई हेडक्वॉर्टर पहुंचना होगा।
मामले की अगली सुनवाई 28 अगस्त को होगी। सुप्रीम कोर्ट ने कार्ति के खिलाफ जारी लुक आउट नोटिस पर कुछ नहीं कहा। इसका मतलब ये है कि कार्ति के देश छोड़ने पर रोक फिलहाल, जारी रहेगी। कार्ति को आईएनएक्स मामले में पूछताछ के लिए सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कई नोटिस भेजे लेकिन वो पेश नहीं हुए। इसके बाद लुक आउट नोटिस जारी किया गया।
चीफ जस्टिस की बेंच ने की सुनवाई
18 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस जेएस. खेहर और जस्टिस डीवाई. चंद्रचूड ने की। बेंच ने कार्ति के वकील से कहा, आपके मुवक्किल को 23 अगस्त को पूछताछ के लिए सीबीआई हेडक्वॉर्टर पहुंचना होगा। हालांकि, कोर्ट ने कार्ति को राहत देते हुए ये भी कहा कि पूछताछ के दौरान उनके वकील भी दूसरे कमरे में मौजूद रह सकते हैं।
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सीबीआई को मिली अहम इजाजत
इस पर कार्ति के वकील ने कहा, कि उनका मुवक्किल पूछताछ के लिए जांच अधिकारियों के सामने पेश होने को तैयार है। इसके बाद कोर्ट ने तारीख तय करते हुए कहा कि आप 23 तारीख को सीबीआई हेडक्वॉर्टर पहुंचें।
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को भी अहम इजाजत दी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 23 से 28 अगस्त तक आप जितनी बार चाहें पूछताछ कर सकते हैं।
लुक आउट नोटिस पर कोई चर्चा नहीं
कोर्ट ने कार्ति के वकील से कहा, कि पूछताछ के दौरान वो मामले से जुड़े तमाम दस्तावेज भी जांच एजेंसी के दफ्तर लेकर जाएं। ताकि जरूरत पड़ने पर ये दस्तावेज जांच करने वाले अफसरों को दिखाए जा सकें। खास बात ये है कि सुनवाई के दौरान कार्ति के खिलाफ जारी लुक आउट नोटिस पर कोई चर्चा नहीं हुई। इसका मतलब ये हुआ कि अगली सुनवाई तक वो देश से बाहर नहीं जा सकते।
दूसरे माल्या साबित ना हों कार्ति
मद्रास हाईकोर्ट में 7 अगस्त को इस मामले की सुनवाई के दौरान सरकार ने कहा था, कार्ति चिदंबरम के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर इसलिए जारी किया गया है ताकि वो भी विजय माल्या की तरह देश छोड़कर ना भाग जाए।
क्या हैं आरोप?
कार्ति के पिता पी. चिदंबरम यूपीए सरकार में पहले होम और बाद फाइनेंस मिनिस्टर रह चुके हैं। सीबीआई का आरोप है कि एक कंपनी जिस पर इनडाइरेक्टली कार्ति का कंट्रोल था, उसको इंद्राणी और पीटर मुखर्जी के मीडिया हाउस (आईएनएक्स मीडिया) से फंड ट्रांसफर हुआ। कार्ति के अलावा चार और लोगों को इस मामले में समन जारी किए गए थे। कार्ति और आईएनएक्स मीडिया के खिलाफ केस दर्ज किया जा चुका है। आरोप है कि कार्ति ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके आईएनएक्स को फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट क्लीयरेंस हासिल करने में मदद की थी। इस मामले में उनके घर और ऑफिस पर कुछ महीने पहले छापे भी मारे गए थे। कार्ति ने कहा था कि केंद्र बदले की भावना से काम कर रहा है ।