सुप्रीम कोर्ट: 18 साल से कम उम्र की पत्नी के साथ शारीरिक संबंध यानि 'रेप'
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (11 अक्टूबर) को नाबालिग पत्नी से शारीरिक संबंध बनाने मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि 18 वर्ष से कम उम्र की पत्नी के साथ शारीरिक संबंध बनाना बलात्कार की श्रेणी में आएगा। कोर्ट ने फैसले में कहा, कि 'सहमति से सेक्स' की उम्र को कम नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने फैसले में कहा है, कि अगर ऐसा होता है तो पत्नी पुलिस से शिकायत कर सकती है। कोर्ट ने इस प्रावधान को पोक्सो के साथ जोड़ा है।
जस्टिस मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस मसले पर फैसला सुनाया हैं। पिछली सुनवाई 6 सितंबर को हुई थी, जिसमें कोर्ट ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।
ये भी पढ़ें ...केरल महिला आयोग का फैसला, हादिया मामले में जाएंगे सुप्रीम कोर्ट
गौरतलब है, कि भारतीय दंड संहिता- 375 (2) कानून का यह अपवाद कहता है कि अगर कोई 15 से 18 साल की पत्नी से शारीरिक संबंध बनाता है तो उसे रेप नहीं माना जाएगा। केन्द्र सरकार ने कोर्ट में कानून की तरफदारी करते हुए कहा, कि 'संसद ने सामाजिक परिस्थितियों को देखते हुए इस कानून को नहीं छेड़ा है। देश में आर्थिक रूप से पिछड़े समाज में आज भी बाल विवाह के मामले देखने को मिलते हैं।
ये भी पढ़ें ...केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा- रोहिंग्या मुसलमान देश के लिए खतरा
कोर्ट ने ये भी कहा:
-सुप्रीम कोर्ट ने आज के फैसले में ये भी कहा, कि यौन संबंधों के लिए सहमति की न्यूनतम उम्र कम नहीं की जा सकती।
-साथ ही रेप की शिकायत एक साल के भीतर दर्ज करानी होगी।
-कोर्ट ने बाल विवाह की प्रथा पर चिंता जताई।
-कोर्ट ने कहा, सामाजिक न्याय के कानून जिस भावना के साथ बनाए गए थे, वे उसी भावना से लागू नहीं किए गए हैं।
-आईपीसी की धारा- 375 में रेप की व्याख्या की गई है।
-इसमें बताया गया है कि यह क्लॉज है जिसमें कहा गया है कि पुरुष का 15 साल से अधिक उम्र की पत्नी के साथ शारीरिक संबंध रेप नहीं है। हालांकि, सहमति की उम्र 18 साल है।