आखिर क्यों! खूबसूरत लड़कियों को नौकरी देने से डर रहे लोग
साल 2018 में MeToo के जरिए कई अभिनेत्रियों और कई महिलाओं ने अपने साथ हुए शोषण की घटनाओं को सबके सामने रखा था। जिसने कई बड़ी हस्तियों की पोल खोल कर सबके सामने रख दी थी। अब एक सर्वे में दावा किया गया है कि मीटू के बाद अब पुरुष सुंदर और आकर्षक महिलाओं को नौकरी देने में कतरा रहे हैं।
साल 2018 में MeToo के जरिए कई अभिनेत्रियों और कई महिलाओं ने अपने साथ हुए शोषण की घटनाओं को सबके सामने रखा था। जिसने कई बड़ी हस्तियों की पोल खोल कर सबके सामने रख दी थी। अब एक सर्वे में दावा किया गया है कि मीटू के बाद अब पुरुष सुंदर और आकर्षक महिलाओं को नौकरी देने में कतरा रहे हैं।
महिलाओं को नौकरी नहीं देना चाहते पुरुष-
जी हां, ह्यूस्टन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर लीन एटवाटर द्वारा किए गए एक सर्वे में में ये पाया कि 19 फीसदी पुरुष महिलाओं को नौकरियां नहीं देना चाहते हैं। वहीं 21 फीसदी पुरुषों ने ये कहा है कि वह महिलाओं की भर्ती उस पद पर नहीं करना चाहते जिसकी सीधा संबंध पुरुषों से हो।
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27 फीसदी पुरुष महिलाओं से मीटिंग करने में कतराते हैं-
साथ ही 27 फीसदी पुरुषों का कहना है कि अब वो महिलाओं से मीटिंग करने में कतराते हैं। साल 2018 में हुए एक सर्वे के जरिए ये पाया गया है कि अब महिलाओं और पुरुषों दोनों में सेक्सुअल हैरेशमेंट को लेकर जागरुकता बढ़ी है।
2018 में किए गए एक सर्वे से पता चला गया है कि, 74 फीसदी महिलाएं ऐसी थीं जिनकी मानना था कि महिलाएं यौन उत्पीड़न के खिलाफ बिना किसी हिचकिचाहट या शर्म के रिपोर्ट करेंगी या बोलेंगी। वहीं 77 फीसदी पुरुष ऐसे थे जिनको उम्मीद थी कि यह पुरुष को उनकी ओर से किसी भी तरह के अनुचित व्यवहार से सतर्क करेगा।
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लैंगिक समानता पर ध्यान देने की जरुरत-
हालांकि, यह उद्योगों में काम करने वाली महिलाओं को प्रभावित कर सकता है और साथ ही जेंडर गैप को भी प्रभावित कर सकता है। स्टडी में कहा गया है कि कम से कम संगठनात्मक स्तर पर, कर्मचारियों के प्रशिक्षण को निश्चित करने के लिए यौन उत्पीड़न के साथ-साथ, लैंगिक समानता और चरित्र निर्माण पर भी ध्यान देने की जरुरत है।