सिगरेट से बेहतर है ई-सिगरेट, रिसर्च में हुआ खुलासा

सिगरेट को लेकर यह शोधपत्र इंडियन जर्नल ऑफ क्लिनिकल प्रैक्टिस (आईजेसीपी) में छापा गया है. इस शोध को करने वाले नॉर्थ-ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी, शिलांग के प्रोफेसर आर.एन. शरन और उनके ग्रुप ने इस संदर्भ में करीब 299 वैज्ञानिक साहित्य का गहन अध्यन और तुलनात्मक विवेचना की.

Update:2019-05-05 17:18 IST

नई दिल्ली: सिगरेट की लत छोड़ने की इच्छा रखने वालों के लिए एक अच्छी खबर है। इलेक्ट्रॉनिक निकोटिन डिलिवरी सिस्टम (ईएनडीएस) यानी कि ई-सिगरेट्स इसका एक बेहतर विकल्प साबित हो सकती है। इसकी मदद से सिगरेट की लत के शिकार लोग इसे धीरे-धीरे छोड़ पाएंगे।

यह खुलासा हुआ है एक भारतीय रिसर्च में. इसमें ये जानकारी मिली कि इलेक्ट्रॉनिक निकोटिन डिलिवरी सिस्टम (ईएनडीएस) यानी कि ई-सिगरेट्स सामान्य सिगरेट की अपेक्षा सेहत के लिए कम नुकसानदेह हैं।इसके साथ ही यह स्मोकिंग के खिलाफ एक बेहतरीन हथियार हो सकते हैं।

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सिगरेट को लेकर यह शोधपत्र इंडियन जर्नल ऑफ क्लिनिकल प्रैक्टिस (आईजेसीपी) में छापा गया है। इस शोध को करने वाले नॉर्थ-ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी, शिलांग के प्रोफेसर आर.एन. शरन और उनके ग्रुप ने इस संदर्भ में करीब 299 वैज्ञानिक साहित्य का गहन अध्यन और तुलनात्मक विवेचना की।

इसके तहत प्रो. आर.एन. शरन और उनकी टीम ने ई-सिगरेट और सामान्य स्मोकिंग करने के दौरान निकलने वाले धुएं में पाए जाने वाले हानिकारक और विषैले तत्व की तुलना की। जांच में टीम ने पाया कि ई-सिगरेट सामान्य सिगरेट की अपेक्षा कम हानिकारक है।

जिस तरह से विश्व में सिगरेट पीने के नुकसान को लेकर जागरुकता बढ़ रही है और लोग इसे छोड़ना भी चाहते हैं, लेकिन लती होने के कारण छोड़ नहीं पा रहे हैं। इस वजह से विश्व में तंबाकू के उपभोग में कोई गिरावट नहीं आ रही है।

ऐसी स्थिति में यह बेहद जरूरी है कि सामान्य सिगरेट के विकल्प के रूप में ईएनडीएस या ई-सिगरेट को रखा जाए। ये सेहत के लिए बेहद कम नुकसानदेह होती है।

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नॉर्थ-ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी, शिलांग के प्रोफेसर आर.एन. शरन ने इस बारे में एजेंसी आईएएनएस को जानकारी दी कि समान्य सिगरेट की तुलना में ईएनडीएस या ई-सिगरेट का प्रयोग करने का मूल्यांकन करने का यह भारत में पहली कोशिश है।

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