Diwali Puja 2022: दिवाली मानने से पहले जान लें शुभ मुहूर्त और पूजा साम्रगी, यहां देखें सारी डिटेल

Diwali Puja 2022: दिवाली का त्यौहार लगातार पांच अलग-अलग दिनों में पांच अलग-अलग रीति-रिवाजों के साथ मनाया जाता है। पहले दिन की शुरुआत "धनतेरस" से होती है। इस दिन सोने, चांदी, हीरे का सामान और बर्तन खरीदे जाते हैं।

Report :  Vidushi Mishra
Update:2022-10-23 10:21 IST

दिवाली 2022 (फोटो- सोशल मीडिया)

Diwali Puja 2022: खुशियों का त्योहार दिवाली भारत में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। दिवाली भारत में हिंदू धर्म, जैन धर्म और सिख धर्म के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है। देश के विभिन्न राज्यों जैसे बंगाल में इस शुभ दिन पर देवी काली की पूजा की जाती है। उत्तर भारत में, ये त्योहार दस सिर वाले राजा रावण को हराने के बाद भगवान राम की अयोध्या (सीता, लक्ष्मण और हनुमान के साथ) वापसी की याद दिलाता है। इसी तरह, ये त्योहार दक्षिण भारत में राक्षस नरकासुर पर भगवान कृष्ण की जीत की याद दिलाता है। इसके अलावा, दिवाली को कुछ लोग देवी लक्ष्मी का भगवान विष्णु से विवाह के स्मरणोत्सव के रूप में मनाते हैं।

दिवाली पर लोग अपने घरों को खूब सजाते हैं साफ-सफाई करते हैं। घर, ऑफिस में रंगोली बनाई जाती है। फूलों की पंखुड़ियों से घर मंदिर को सजाया है। लोग दिवाली के दिन अपने घर के दरवाजे और खिड़कियां पूजा के दौरान और शाम के समय खुले रखते हैं। इस आस्था विश्वास के साथ की मां लक्ष्मी घर में प्रवेश करती है। 

दिवाली पांच दिन का त्योहार

दिवाली का त्यौहार लगातार पांच अलग-अलग दिनों में पांच अलग-अलग रीति-रिवाजों के साथ मनाया जाता है। पहले दिन की शुरुआत "धनतेरस" से होती है। इस दिन सोने, चांदी, हीरे का सामान और बर्तन खरीदे जाते हैं।

दूसरा दिन, जिसे नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली के रूप में भी जाना जाता है, नरकासुर पर भगवान कृष्ण की जीत की याद दिलाता है और इसमें पूर्वजों की आत्माओं के लिए प्रार्थना भी शामिल है।

तीसरे दिन मुख्य दिवाली त्योहार है, जिसे "बड़ी दिवाली" भी कहा जाता है। लोग भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की एक साथ पूजा करते हैं और वे इसे "लक्ष्मी पूजा" कहते हैं। ऐसा माना जाता है कि सकारात्मक और सौभाग्य के आशीर्वाद के साथ एक नया जीवन शुरू करने से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है, जबकि देवी लक्ष्मी धन की देवी हैं। इस दिन लोग भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की खूब भक्ति पूर्वक पूजा करते हैं दीया जलाते हैं मोमबत्तियां जलाते हैं और आतिशबाजी करते हैं।

चौथा दिन "गोवर्धन पूजा" या बालीप्रतिपदा, या अन्नकूट है, जो स्वर्ग में देवताओं के राजा "इंद्र" पर भगवान कृष्ण की जीत का जश्न मनाता है।

विशेष रूप से दिवाली पर भगवान शिव और पार्वती की याद में कुछ लोकप्रिय खेल खेले जाते हैं। ग्रंथों में वर्णन है कि भगवान शिव और मां पार्वती जो कैलाश पर्वत पर पासा खेल खेलना पसंद करते थे और राधा-कृष्ण के बारे में भी ग्रंथों में खेल प्रतियोगिताओं का वर्णन है।

तभी से दिवाली पर जुआ खेलने की पुरानी परंपरा है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन देवी पार्वती ने अपने पति भगवान शिव के साथ पासा खेला था। तब से ऐसा कहा जाता है कि जो कोई भी दिवाली की रात को जुआ खेलता है उसे पूरे वर्ष खुशी और आशीर्वाद प्राप्त होगा।

इस साल 2022 में दिवाली का त्योहार 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा।

दिवाली 2022 लक्ष्मी पूजा शुभ मुहूर्त (Diwali 2022 Laxmi Puja Muhurat)

अमावस्या तिथि प्रारम्भ 24 अक्टूबर को 05:27 PM बजे

अमावस्या तिथि समाप्त 25 अक्टूबर को 04:18 PM बजे

दिवाली पूजा का शुभ मुहूर्त 06:44 PM से 08:05 PM

दिवाली शुभ चौघड़िया मुहूर्त:

सायंकाल मुहूर्त्त (अमृत, चल) शाम 05:29 से 07:18 तक

रात्रि मुहूर्त्त (लाभ) रात 10:29 से रात 12:05 तक

इस दिन भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की पूजा संध्याकाल में शुभ मुहूर्त में की जाती है। ऐसे में आइए आपको दिवाली पूजा में लगने वाली कुछ आवश्यक सामग्री की लिस्ट बताते हैं-

दिवाली पूजा सामग्री लिस्ट:

देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की मिट्टी की नई मूर्ति 

बही-खाता (खाता बही)

भगवान के आसन के लिए एक लाल कपड़ा

मूर्तियां रखने के लिए लकड़ी का स्टूल

देवी लक्ष्मी के लिए एक लाल रेशमी कपड़ा, कलम के साथ स्याहीदानी और एक पीला कपड़ा

पांच बड़े मिट्टी के दीये

छोटे मिट्टी के दीये कम से कम 25

एक मिट्टी का कलश 

ताजे फूलों और फूलों से बनी माला

तुलसी-पत्ती और बिल्व-पत्तियाँ

नैवेद्य (यानी फल, लावा (पार्च्ड राइस), गन्ना, मिठाई, और भी बहुत कुछ)

मीठा पान, कम से कम तीन

दूर्वा घास

अनार 

पंच पल्लव, जिसमें पाँच वृक्षों की टहनियाँ होती हैं

सर्वोषाधि में दस जड़ी-बूटियाँ होती हैं और अंत में

सप्त-मृतिका, जिसमें 7 स्थानों की मिट्टी होती है।

अन्य पूजा साम्रगी में वो सामान हैं जो सामान्य पूजा में इस्तेमाल होती है।

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