Mushroom Ki Kheti Kaise Kare: अब घर पर ही इस खास मशरूम की करें खेती, जानिए इसे उगाने की आसान विधि और इससे जुड़ी जानकारी विस्तार से
Ghar Par Mushroom Ki Kheti Kaise Kare: मशरूम एक प्रकार का कवक (फंगस) है, जो पोषण और औषधीय गुणों से भरपूर होता है।;
Ghar Par Mushroom Ki Kheti Kaise Kare
Ghar Par Mushroom Ki Kheti Kaise Kare: जब भी हम किसी पोषणयुक्त आहार की बात करते हैं, तो हमारी सोच अक्सर दूध, फल, सब्जियों और अनाज तक ही सीमित रहती है। लेकिन प्रकृति ने हमें एक ऐसा अनोखा तोहफा भी दिया है, जो न सिर्फ स्वाद में बेजोड़ है बल्कि औषधीय गुणों से भरपूर भी है और वह है मशरूम (Mushroom)। खासकर ऑयस्टर मशरूम (Oyster Mushroom), जिसे हम अपने घर की छत या बालकनी में भी उगा सकते हैं। मशरूम सिर्फ एक खाद्य पदार्थ नहीं है यह स्वास्थ्य का रक्षक, रोज़गार का साधन और प्राकृतिक चिकित्सा का आधार है।
ऑयस्टर मशरूम की घर पर खेती (Cultivation Of Oyster Mushroom At Home) करके हम न केवल शुद्ध और पोषक तत्वों से भरपूर भोजन प्राप्त कर सकते हैं, बल्कि अपने परिवार की सेहत और पर्यावरण दोनों का ख्याल रख सकते हैं। तो चलिए, आज से ही इस ‘धरती के खजाने’ को अपनी रसोई और जीवन का हिस्सा बनाएं। एक छोटी सी शुरुआत आपके स्वास्थ्य, आमदनी और आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम हो सकती है।
यहां दी जा रही जानकारी न सिर्फ आपको मशरूम की विविधता और उनके लाभों से परिचित कराएगी, बल्कि इस बात से भी अवगत कराएगी कि आप घर बैठे कैसे आसानी से ऑयस्टर मशरूम की खेती कर सकते हैं।
मशरूम: प्रकृति की अमूल्य देन (Mushroom Varieties)
मशरूम एक प्रकार का कवक (फंगस) है, जो पोषण और औषधीय गुणों से भरपूर होता है। इसे प्राचीन काल से ही भोजन और चिकित्सा दोनों उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाता रहा है। आयुर्वेद, चीनी चिकित्सा और आधुनिक विज्ञान— सभी ने मशरूम की उपयोगिता को स्वीकार किया है। दुनिया भर में मशरूम की लगभग 10,000 से अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं।लेकिन इनमें से कुछ ही खाने योग्य और औषधीय दृष्टिकोण से उपयोगी मानी जाती हैं। भारत में जो प्रमुख मशरूम उपयोग में लाए जाते हैं, वे हैं:
1. ऑयस्टर मशरूम (Pleurotus spp.)
रंग: सफेद, हल्का भूरा, गुलाबी
आकार: सीप के आकार जैसा (इसलिए नाम ऑयस्टर)
विशेषता: आसानी से उगाया जा सकता है, कम तापमान में भी विकसित होता है।
2. बटन मशरूम (Agaricus bisporus)
सबसे अधिक उपयोग होने वाला मशरूम।
सूप, सलाद, सब्जियों और पिज़्ज़ा में आम उपयोग।
3. शिटाके मशरूम (Lentinula edodes)
जापान और चीन में लोकप्रिय।
उच्च औषधीय मूल्य से भरपूर कैंसर-रोधी, इम्यूनिटी बढ़ाने वाला।
4. रीशी मशरूम (Ganoderma lucidum)
केवल औषधीय उपयोग।
उच्च रक्तचाप, डायबिटीज, तनाव और कैंसर नियंत्रण में सहायक।
5. मिल्की मशरूम (Calocybe indica)
भारत के दक्षिणी राज्यों में लोकप्रिय। मिल्की मशरूम केवल एक स्वादिष्ट खाद्य वस्तु ही नहीं बल्कि एक स्वास्थ्यवर्धक सुपरफूड है।
कई अध्ययन बताते हैं कि यह कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को धीमा कर सकता है, विशेष रूप से ब्रेस्ट और कोलन कैंसर में। यह ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करता है।
डायबिटीज के रोगियों के लिए लाभदायक है क्योंकि यह शुगर के स्तर को स्थिर करता है।
कोलेस्ट्रॉल को कम करता है, जिससे हृदय रोग का खतरा घटता है। यह गर्म क्षेत्रों में भी उगाया जा सकता है, कम लागत में अधिक लाभ देता है और शरीर की कई बीमारियों से रक्षा करता है। यदि आप मशरूम की खेती शुरू करना चाहते हैं या अपने आहार में पोषक और औषधीय खाद्य जोड़ना चाहते हैं, तो मिल्की मशरूम एक बेहतरीन विकल्प है।
ऑयस्टर मशरूम: क्यों है खास (Why Oyster Mushroom Is Special)
ऑयस्टर मशरूम को ‘गरीबों का मांस’ भी कहा जाता है क्योंकि इसमें भरपूर मात्रा में प्रोटीन, विटामिन B-कॉम्प्लेक्स, पोटैशियम, आयरन, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं। इसमें कोलेस्ट्रॉल बिल्कुल नहीं होता और यह शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करता है।
ऑयस्टर मशरूम की खेती: घर पर उगाने का आसान तरीका (Easy Way To Grow Oyster Mushroom At Home)
आवश्यक सामग्री:
गेहूं या धान की भूसी (पुआल)– 3-4 किलो
ऑयस्टर मशरूम के बीज (स्पॉन)– 200-300 ग्राम
पॉलीथिन बैग्स (12x18 इंच)
धागा या रबर बैंड
पानी
चरण 1 : भूसी की तैयारी
पुआल को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटें (3–4 इंच)।
उबालकर या गर्म पानी में 1 घंटे भिगोकर सैनीटाइज करें।
पानी निथार लें और नमी 60-70% रखें (हाथ से दबाने पर हल्का पानी निकले)।
चरण 2 : थैली में भराई
पॉलीथिन बैग में परत-दर-परत भूसी और मशरूम स्पॉन भरें।
सबसे नीचे भूसी, फिर थोड़ी मात्रा में स्पॉन डालें और यह प्रक्रिया दोहराएं।
ऊपर से मुंह बंद कर दें और बैग में छोटे-छोटे छेद कर दें।
चरण 3: इन्क्यूबेशन (बीज जमने की प्रक्रिया)
बैग को अंधेरी, साफ और हवादार जगह में 20-30°C तापमान पर रखें।
15-20 दिनों में पूरी थैली सफेद कवक से ढक जाएगी।
चरण 4: फलन (फ्रूटिंग)
बैग को खोल दें और नम वातावरण में रखें। रोज दो बार पानी का छिड़काव करें।
5-7 दिनों में मशरूम निकलने लगेंगे।
चरण-5: कटाई और उपयोग
जब टोपी किनारों से थोड़ी सी मुड़ने लगे, तब कटाई करें।ताजे रूप में उपयोग करें या सुखाकर स्टोर करें।
स्वास्थ्य लाभ: मशरूम क्यों है जीवनदायिनी (TOP Health Benefits Of Mushroom)
(फोटो साभार- सोशल मीडिया)
1. इम्यूनिटी बूस्टर- मशरूम में पाए जाने वाले बेटा-ग्लुकान्स शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं।
2. कैंसर रोधी गुण- शिटाके और रीशी मशरूम में पॉलीसेकेराइड्स और ट्राइटरपीनॉयड्स पाए जाते हैं, जो कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकते हैं।
3. हृदय के लिए फायदेमंद- मशरूम कोलेस्ट्रॉल घटाता है और रक्तचाप नियंत्रित करता है।
4. डायबिटीज में सहायक- लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स के कारण मशरूम ब्लड शुगर लेवल को स्थिर रखने में मदद करता है।
5. वजन कम करने में सहायक- कम कैलोरी और ज्यादा फाइबर होने के कारण यह डाइटिंग के लिए उत्तम है।
मशरूम: रोज़गार और आत्मनिर्भरता का साधन (A Source Of Employment And Self-reliance)
ऑयस्टर मशरूम की खेती विशेष रूप से ग्राम्य क्षेत्रों, महिलाओं और युवाओं के लिए आजीविका का सशक्त माध्यम बन रही है। कम लागत, कम जगह और सीमित संसाधनों में इसकी खेती कर अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है।
घर पर ऑयस्टर मशरूम की खेती शुरू करने में आने वाला खर्च (Cost Of Starting Oyster Mushroom Cultivation At Home)
(फोटो साभार- सोशल मीडिया)
घर पर ऑयस्टर मशरूम की छोटी स्तर पर खेती शुरू करने के लिए कुल बजट लगभग 700 से 1300 रुपये के बीच आता है। सबसे पहले, आपको मशरूम के बीज यानी स्पॉन की ज़रूरत होगी, जिसकी कीमत लगभग 100 से 150 रुपये प्रति किलो होती है। शुरुआती चरण में 2 किलो स्पॉन पर्याप्त होता है, जिसकी लागत लगभग 200 से 300 रुपये आती है।
इसके बाद, मशरूम उगाने के लिए धान का पुआल, गेहूं की भूसी या सूखी घास की जरूरत होती है। इसकी कीमत करीब 100 से 200 रुपये होगी। इन सब्सट्रेट्स को रखने के लिए आपको प्लास्टिक के बैग चाहिए, जो लगभग 50 से 100 रुपये के आते हैं (25-30 बैग्स के लिए)।
नमी और फंगस से बचाव के लिए फॉर्मालिन या ब्लीच जैसे रसायनों की जरूरत पड़ती है, जिनकी लागत लगभग 50 से 100 रुपये हो सकती है। यदि आप मशरूम बैग्स को रखने के लिए कोई रैक या बांस की संरचना तैयार करते हैं, तो उसमें 200 से 500 रुपये तक का खर्च आ सकता है — हालांकि अगर घर में पहले से कुछ लकड़ी या स्टैंड मौजूद हैं, तो यह खर्च नहीं होगा।
इसके अलावा स्प्रे बॉटल, धागा, दस्ताने और मास्क जैसी छोटी वस्तुओं के लिए करीब 100 रुपये तक का खर्च मान सकते हैं। तो इस तरह, पूरे सेटअप के लिए आपको लगभग 700 रुपये (अगर कुछ सामान घर में पहले से है) से लेकर 1300 रुपये तक खर्च करने पड़ सकते हैं। ये एक बार का निवेश है, और इससे आप पहले ही बैच में 10 से 15 किलो तक ताजे मशरूम उगा सकते हैं, जिससे आप ₹1200 से ₹3000 तक की कमाई कर सकते हैं।
बीज (Spawn) कहां से मिलते हैं?
आप ऑयस्टर मशरूम के बीज निम्नलिखित स्रोतों से खरीद सकते हैं:-
सरकारी/शैक्षणिक संस्थान:
ICAR - Directorate of Mushroom Research, Solan (HP)
Krishi Vigyan Kendra (KVK) – आपके जिले में
राष्ट्रीय मशरूम अनुसंधान केंद्र
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से:
Amazon, Flipkart (type: Oyster Mushroom Spawn)
Agro-based websites जैसे:
agrikheti.com
farmeruncle.com
kisanestore.com
agribegri.com
मशरूम के बीज खरीदते समय यह सुनिश्चित करें कि बीज फ्रेश हों और प्रमाणित स्रोत से हों।
जरूरी शर्तें घर पर खेती के लिए:
तापमान: 20°C से 30°C तक अनुकूल रहता है
ह्यूमिडिटी: 70-85% (नमी बनाए रखें, दिन में 2-3 बार पानी का स्प्रे करें)
प्रकाश: सीधी धूप से बचाएं, लेकिन हल्की रोशनी जरूरी है।
हवादार जगह: अच्छी वेंटिलेशन ज़रूरी है, नहीं तो फफूंदी लग सकती है।
शुरुआती उत्पादन और लाभ (Initial Production And Profits)
यदि आप 2 किलो स्पॉन से शुरुआत करते हैं, तो आप 10-15 किलो तक ताजे मशरूम प्राप्त कर सकते हैं।
बाजार में ऑयस्टर मशरूम की कीमत ₹120 से ₹200 प्रति किलो तक होती है।
यानी कि ₹1,200 से ₹3,000 तक की कमाई, वो भी महज़ ₹1,000 के निवेश से।
यदि आप मशरूम सूखा कर बेचें तो और भी ज़्यादा मुनाफा हो सकता है। सूखे मशरूम की कीमत ₹600 से ₹1,000/kg तक जाती है।
मशरूम के सेवन से नुकसान (Harmful Effects Of Eating Mushroom)
जहां मशरूम के अनेक स्वास्थ्य लाभ हैं, वहीं कुछ स्थितियों में इसके सेवन से नुकसान भी हो सकता है, खासकर अगर सावधानी न बरती जाए। नीचे उन संभावित नुकसानों की विस्तृत जानकारी दी गई है:-
1. विषैले (ज़हरीले) मशरूम का खतरा
प्रकृति में पाए जाने वाले सभी मशरूम खाने योग्य नहीं होते।कुछ जंगली मशरूम जैसे Amanita phalloides (Death Cap) अत्यधिक विषैले होते हैं और जानलेवा भी हो सकते हैं। जिन्हें खाने से उल्टी, दस्त, पेट दर्द, सिर दर्द, भ्रम की स्थिति के अलावा गंभीर मामलों में यकृत और गुर्दे की विफलता जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
बचाव: केवल प्रमाणित, विश्वसनीय स्रोत से खरीदे गए मशरूम ही खाएं। जंगल या खेत से बिना विशेषज्ञ की पहचान के कभी मशरूम न तोड़ें न खाएं।
2. एलर्जी या असहिष्णुता (Food Allergy)
कुछ लोगों को मशरूम में मौजूद प्रोटीन या फफूंद से एलर्जी हो सकती है। जिसको खाने के बाद त्वचा पर खुजली, सूजन, चकत्ते और सांस लेने में कठिनाई, जी मिचलाना या पेट की गड़बड़ी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
बचाव: पहली बार मशरूम खाते समय थोड़ी मात्रा से शुरू करें। एलर्जी की पुष्टि के लिए डॉक्टर से परामर्श लें।
3. पाचन संबंधी समस्याएं
मशरूम में उच्च मात्रा में फाइबर और chitin (काइटिन) पाया जाता है, जो पचने में थोड़ा कठिन होता है। खाने के बाद पेट फूलना, गैस, दस्त या अपच जैसी समस्या हो सकती है।
बचाव: मशरूम को अच्छी तरह पकाकर खाएं। अत्यधिक मात्रा से बचें, विशेष रूप से रात में।
4. ऑक्सालेट की उपस्थिति
कुछ मशरूमों में ऑक्सालेट होते हैं, जो शरीर में जाकर कैल्शियम से मिलकर किडनी स्टोन (गुर्दे की पथरी) बना सकते हैं।
बचाव: यदि किसी को पहले से किडनी स्टोन की समस्या है, तो डॉक्टर की सलाह से ही मशरूम खाएं।
5. फूड प्वाइजनिंग (खराब या बासी मशरूम से)
ताजगी खो चुके या ठीक से स्टोर न किए गए मशरूम से फूड प्वाइजनिंग हो सकती है।
बचाव: हमेशा ताजे मशरूम का उपयोग करें। फ्रिज में 3-4 दिन से ज्यादा पुराना मशरूम न खाएं। मशरूम को कच्चा खाने से बचें, खासकर बटन मशरूम।
6. दवा के साथ परस्पर प्रभाव (Drug Interactions)
कुछ औषधीय मशरूम (जैसे रीशी या शिटाके) का सेवन यदि आप किसी दवा (जैसे ब्लड थिनर, इंसुलिन, स्टेरॉइड्स) के साथ करते हैं, तो वह उनके प्रभाव को बढ़ा या घटा सकता है। यदि आप नियमित दवा ले रहे हैं, तो मशरूम की खुराक लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
सावधानी से करें सेवन
मशरूम अपने आप में अत्यंत लाभकारी है। लेकिन इसके साथ सतर्कता और सही जानकारी बेहद ज़रूरी है। हमेशा विश्वसनीय स्रोत से मशरूम लें, उसे अच्छी तरह पकाएं, और यदि कोई एलर्जी या स्वास्थ्य समस्या पहले से है, तो डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।